कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर , 27 अप्रैल: – पंजाब सरकार के दिशा निर्देशों अनुसार गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर के इतिहास विभाग और श्री गुरु ग्रंथ साहब अध्ययन केंद्र की तरफ से श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 400 वर्ष प्रकाश पर्व को समर्पित अंत्र -राष्ट्रीय आरंभ की गई लैक्चर लड़ी अधीन वें लैक्चर अयोजित किया गया।इस लैक्चर के वक्ता पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के पंजाब ऐतिहासिक अध्ययन विभाग के पूर्व प्रमुख डा. कुलविन्दर सिंह बाजवा थे।लैक्चर की अरंभता करते प्रो. अमनदीप बल, प्रमुख इतिहास विभाग ने विद्वान वक्ता के साथ जाएँ पहचान करवाई और लैक्चर लड़ी बारे जानकारी सांझी की। डा. बाजवा ने श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के जीवन और शहादत बारे पश्चिमी विद्वानों की लिखतें के आधार पर विचार सांझे करते बताया कि यह लिखतें अंग्रेज़ी साम्राज्य के भारत में ओर प्रसार करन के उद्देश्य को मुख रखते ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा लिखवाईआं गई थीं।इस के इलावा वह सिक्खों की सैनिक सामर्थ्य और उन के प्रेरणा स्रोत बारे जानकारी हासिल करन के लिए भी उत्सुक थे।
क्योंकि सिक्खों ने उस समय मिसलों के रूप में उतर भारत में काफ़ी प्रभावशाली स्थान बना लिया था। इन लिखतें में सिक्खों को एक बहादुर, दलेर और ताकतवर पक्ष मानते सख्ती के साथ दबाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया। ऐसा न करने की सूरत में राजनैतिक पक्ष से होने वाले नुक्सान के क्याफ े लगाए गए। गुरू तेग़ बहादुर जी की शहादत के साथ जुड़े कुछ ऐसे तथ्य भी इन में शामिल हैं जो सिक्ख परंपरा के साथ मेल नहीं खाते। इन पुस्तकों के लेखकों की जानकारी के स्रोतों में फ़ारसी की लिखतें और कुछ लेखकों द्वारा अलग -अलग व्यक्तियों तक की निजी पहुँच पर अधारित है।प्रो. गुरिन्दर सिंह मान यू.ऐस.ए, प्रो. बलवंत सिंह ढिल्लों, डा. आसा सिंह घूमने आदि ने विचार चर्चा में हिस्सा लिया।प्रो. अमरजीत सिंह डायरैक्टर, श्री गुरु ग्रंथ साहब अध्ययन केंद्र ने लैक्चर में सम्मिलन करन वाले देश -विदेश के विद्वानों, इतिहास विभाग, गुरू नानक अध्ययन विभाग के फेकल्टी मैंबरज़ और खोजारथियों का धन्यवाद किया।