कल्याण केसरी न्यूज़ ,अमृतसर 20 मई ; श्री अकाल तख़्त साहब के आदरणीय जत्थेदार साहब को एक पत्र लिख वालों फैडरेशन नेता सरचांद सिंह ने डेरा सिरसा से समर्थन मांगने वालों की तरफ केवल पाँच प्यारों के पास पेस कर मुक्त होने का मामला उठाया है। उन पत्र में कहा फरवरी 2021 को मोगा सहर की लोकल शरीर मतदान ( 14 -02 -2021) दौरान अंमृतधारी सिंह और श्री सुखमनी साहब सेवा सोसायटी, सरदार नगर, मोगा के जनरल सचिव स: सुखविन्दर सिंह आज़ाद की तरफ से अपनी धर्म पत्नी जो कि लोकल शरीर मतदान में कांग्रेसी उम्मीदवार हैं के लिए समर्थन और वोटों मांगने के लिए सिरसा डेरो के प्रेमियों के घरों में गया और उन के सीनियर नेताओं के साथ मीटिंग भी की। जिस बारे उस ने ख़ुद लिखित तौर पर कबूल भी किया। मामला श्री अकाल तख़्त साहब में पहुँचने पर सचिवालय श्री अकाल तख़्त साहब के एक अधिकारी की तरफ से दोशियें को पाँच प्यारों को मिलने के लिए कहा गया। जहाँ पाँच प्यारों की तरफ से एक बार इन्कार करन उपरांत सुखविन्दर सिंह और बलविन्दर सिंह को तारीख़ 24 -03 – 2021 को श्री अकाल तख़्त साहब में अमृत संचार दौरान दोशी डाले जाने पर सेवा लगाई गई।
पिरो: सरचांद सिंह ने कहा कि यह पत्र लिखने का मंशा जत्थेदार साहब को सचेत करन के साथ है जिससे समय रहते कुछ दरुसत किया जा सगे, क्योंकि डेरा सिरसा से समर्थन मांगने वालों प्रति कोई ढील दी जाती रही तो जैसे गाँव बीड़ तालाब ज़िला बठिंडा के सरपंच के पति गुरमेल सिंह की तरफ से गुरुद्वारा साहब में डेरा सिरसा के प्रमुख सौदा साध के हक में अरदास करन जैसे ओर दृश्य सिक्ख संगतें की भावनायों को आहत करती रहेंगी। उक्त सम्बन्धित मौजूदा बरताव ( केवल पाँच प्यारों के पास ही पेस होने को) सही मान लिया जाये तो क्या कोई भी गुनाहगार श्री अकाल तख़्त साहब पर तलब होने की जगह केवल आम कुरहतिया ( चाहे कि सिक्खी में चार कुरहित भी गंभीर श्रेणी के अपराध हैं) की तरह पाँच प्यारों के पास पेस ढिंढोरे मुक्त होने का रास्ता छुट नहीं जायेगा?। उन कहा कि मोगे का यह मामला श्री अकाल तख़्त साहब से जारी हुक्मनामे का उल्लंघन का मामला होने के कारण श्री अकाल तख़्त साहब पर पाँच सिंह साहिबान की तरफ से गंभीरता विचारने योग्य हैं। जैसे विधान सभा मतदान 2017 दौरान डेरे सिरसा से वोटों मांगने के मामलो में 39 शख़सियतें को तनख़्वाह लगाई गई। परन्तु उक्त मौजूदा मामले को श्री अकाल तख़्त साहब में पंज सिंह साहिबान की तरफ से अवस्श विचारा नहीं गया होगा। क्योंकि पंज सिंह साहिबान की पिछली बार की मीटिंग 31 मार्च 2021 को हुई। परन्तु श्री अकाल तख़्त साहब सचिवालय की तरफ से उन दोनों को 24 मार्च को पाँच प्यारों के पास फिर भेजा गया जहाँ पाँच प्यारों की तरफ से दोनों को दोशी मानते सेवा लगाई गई। उन्हें कहा कि आम तौर पर पाँच प्यारों के पास रहित मर्यादा की अवज्ञा होने के मामले विचारे और सुलझाए जाते हैं। परन्तु उक्त मामला रहित मर्यादा का न हो कर श्री अकाल तख़्त साहब की तरफ से जारी हुक्मनामो का है। ऐसी स्थिति में भी पाँच प्यारों की तरफ से लगाई सेवा को सही मान लिया जाये तो क्या भविष्य दौरान डेरा सिरसा या ओर पंथ दुर्भावनापूर्ण डेरों के साथ सम्बन्धित मामलों के लिए श्री अकाल तख़्त साहब में कार्यवाही की ज़रूरत नहीं रहेगी? केवल पाँच प्यारों के पास ही पशचाताप के लिए पेस होने साथ मामला सुलझ कर दोशी मुक्त हुआ जा सकेगा? सवाल उठता है कि पहली बार मना करन पर दूसरी बार पेस होने दौरान पाँच प्यारों की तरफ से मामला विचारा जाना किसी के दबाव अधीन हुआ? अगर किसी ने दबाव पायआ जिससेस हैं? दोशियें को श्री अकाल तख़्त साहब की तरफ से तलब नहीं किया गया। बल्कि सचिवालय श्री अकाल तख़्त साहब के अधिकारी की तरफ से निपटाा गया। क्या यह सब किसी अधिकारी की तरफ से श्री अकाल तख़्त साहब के जत्थेदार की इच्छा मुताबिक किया गया या जत्थेदार साहब के नोटिस में ला कर किया गया? अगर अधिकारी की तरफ से जत्थेदार साहब की इच्छा जाने बगैर या नोटिस में लाए बगैर अपनी मन मर्ज़ी के साथ कार्य किया गया है तो इस तरह का कार्य अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा कर करन वाले अधिकारी की पिछली वह तमाम गतिविधियों जो जत्थेदार साहब के नाम या उन के हवाले के साथ आदेश जारी किये गए हैं पर फिर विचार – पड़ताल करन की ज़रूरत नहीं?। उन आगे कहा कि इस सम्बन्धित सिकायत करतावें को सुना नहीं गया जिन के कहने मुताबिक यह मामला न केवल समर्थन मांगने का बल्कि एक किस्म का गुरू पंथ को ’’सम्बन्ध विच्छेद पत्र ’’ देने का है। क्या इस संवेदनशील और गंभीर मामलो बारे कोई पड़ताल की – कराई गई है? या किसी जांच समिति – धर्म प्रचार समिति से राय के लिए गई है?। उक्त मामलों में आदरणीय पाँच तख़्तों के जत्थेदार साहिबान, श्री अकाल तख़्त साहब में एकत्रित होने वाले पाँच सिंह साहिबान, अमृत संचार की सेवा निभाने वाले पाँच प्यारों दे कार्य और अधिकार क्षेत्र और इस सम्बन्धित मर्यादा क्या हो?
उन जत्थेदार साहब को उक्त मामले सम्बन्धित संकल्प विचारधारा, पंथक रवायतों और मर्यादा मुताबिक दिसा निरदेश जारी करन की अपील की है
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