बीबी जगीर कोर सिंह साहिबान के उच्च रुतबों को छुट्याउना बंद करे: प्रो. सरचांद सिंह

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर ,24 मई: श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 400 साला प्रकाश पर्व के सम्बन्ध में गुरु साहिबान के जीवन के साथ सबंधित धार्मिक फिल्में बनाने सम्बन्धित श्रोमनी कमेटी प्रधान बीबी जगीर कोर की तरफ से बनाया जा रहा प्रॉजेक्ट विवादों के घेरे में आगया है। गुरु साहिबान और उन के समकालीन गुरसिक्खों बारे फिल्में बनाने के फ़ैसले को सिक्ख सिद्धांतों के उलट बताते फेडरेशन नेता प्रो. सरचांद सिंह ने आज श्री अकाल तख्त साहब में मांग पत्र दे कर फिल्मांकण पर रोक लगाने की मांग की है। इस के साथ ही बीबी जगीर कोर की तरफ से फिल्में बनाने सम्बन्धित कमेटी में दो तख्तों के जत्थेदार साहिबान को शामल करन पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।इस सम्बन्धित मीडिया को जारी एक बयान में प्रो. सरचांद सिंह ने कहा की बीबी जगीर कोर गुरु साहिबान की तरफ से शहादतें के द्वारा सृजन करी विरासत को तबाह करन पर तुली हुयी है। गुरु साहिबान और उन के समकालीन सिक्खों बारे फिल्में बनाने का फ़ैसला ले कर श्रोमनी कमेटी प्रधान बीबी जगीर कोर श्रोमनी कमेटी और श्री अकाल तख्त साहब की तरफ से पिछले समय दौरान हुए आदेशों की खुद उल्लंघन कर रही है। उन कहा की फिल्में द्वारा धर्म प्रचार करना सिक्ख सिद्धांतों के उलट है। इसी कारण ही सिक्खी सिद्धांतों की सुरक्षा हित श्रोमनी कमेटी की धार्मिक सलाहकार समिति ने 20 फरवरी,1934 को एक संकल्प के पास किया था की गुरु साहिबान, सिक्ख शहीदें आदि महापुरुषों की ए॓तिहासिक कहानियों के सींच और सिक्ख संस्कारों की नकलों की फिल्में बनानीं सिक्ख असूलों के विरुद्ध है। इसी तरह श्रोमनी कमेटी की ने अगस्त 1940 को और 30 मई 2003 अंत्रिग कमेटी में संकल्प के पास करके गुरु साहिबान, पांच प्यारे साहिबान और साहिबज़ादों सम्बन्धित धार्मिक फिल्में बनाने पर मनाही लगायी थीकहा की बीते दौरान जब भी गुरु साहिबान और समकालीन गुरसिक्खों और महान शहीदें सम्बन्धित फिल्मों के रिलीज होने की बात चली, सिक्ख संगत की तरफ से सख्त रोष जताया जाता रहा। यहां तक की अप्रैल 2018 दौरान पंज सिंह साहिबान की तरफ से श्री अकाल तख्त साहब से एक हुक्मनामा जारी करते एक विवादग्रस्त फ़िल्म के निर्माता को पंथ में से खारिज करन का सख्त फ़ैसला सुनाया गया उन्होंने कहा की यदि आज श्रोमनी कमेटी ने गुरु इतिहास के साथ सबंधित मानवीय पात्रों वाली फिल्में बनाने को छूट दे दी तो कल को बॉलीवुड की तरफ से लाे को मुख्य रख कर सिक्ख गुरु साहिबान और शहीदों बारे गलत इतिहास पेस करती और मजाक वाली फिल्में भी बनाईं जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा की बीबी जगीर कोर ने धार्मिक फिल्में बनाने सम्बन्धित स्क्रिप्ट तैयार करन और उसे अपरूव करन वाली कमेटी में श्री अकाल तख्त साहब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह और तख्त श्री केसगढ़ साहब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को शामल करके श्री अकाल तख्त साहब की सरवउच्चता को भी सीधी चुनौती दे के सिंह साहिबान के रुतबों को छुट्याउण की हिमाकत करते उन को अपने अधीन साबित करन की साजिश कर रही है। उन कहा की सिंह साहिबान का काम कौम को रचनात्मिक सीध देनी और कौम के हित में मसलों प्रति मर्यादा अनुसार फ़ैसले देने हैं नकी सिद्धांतों के उलट जा कर फिल्में बनानीं और अपरूव करनीं। उन्होंने यह भी दोष लगाया की जिन्हें सिंह साहिबान के सिर पर पंथ की अमीर रवायतों को कायम रखें की जिम्मेदारी है उन को ही रवायतों को तोड़ने के लिए बीबी जगीर कोर ’’हिदायत ’’ कर रही है। इस करके सिक्ख सिद्धांतों के उलट जा कर गुरु साहिबान और सिक्ख शहीदों बारे फिल्में बनाने के श्रोमनी कमेटी प्रधान बीबी जगीर कोर के फ़ैसले को रद्द किया जाये।प्रो. सरचांद सिंह ने यह भी दोष लगाया की जिस तरह साल 2000 दौरान श्रोमनी कमेटी प्रधान होते बीबी जगीर कोर ने सिक्ख कौम की भावनायों के उलट जा कर श्री हरिमन्दर साहब को विश्व विरासत का दर्जा दिलाने के लिए डोज़ियर तैयार करन में गुरु कर खजाने का 40 लाख रुपया बरबाद कर दिया था जबकि कौम के गुस्सा आगे झुकते आखिरकार विश्व विरासत का दर्जा दिलाने का फ़ैसला वापस लेना पड़ा था अब भी बीबी जगीर कोर सिक्ख सिद्धांतों के उलट जा कर धार्मिक फिल्में बनाने के नाम और सिक्ख कौम का बड़ा सरमाया ही बरबाद करन पर तुली हुयी है क्योंकि पंथ ने फिल्में चलने नहीं देनीं। श्रोमनी कमेटी को यह सिद्धांतहीन फ़ैसला भी आखिर को वापस ही लेना पड़ेगा। प्रो. सरचांद सिंह ने यह मांग पत्र श्री अकाल तख्त साहब सचिवालय में सचिव गुरमीत सिंह को सौंपा।इस मौके भायी शिवदेव सिंह गुरु वाली और भायी गुरमीत सिंह अमृतसर भी मौजूद थे।

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