कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर , 1जुलाई: — स्थानिक गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी कालेज वेरका में श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 400 वर्ष जन्म शताब्दी को समर्पित अलग अलग समागमों की लड़ी के अंतर्गत कालेज के पि्रंसीपल डा: इकबाल सिंह भोमा की तरफ से 1जुलाई से 7जुलाई तक विश्व भर में मनाए जा रहे वन उत्सव के सम्बन्ध में वातावरण और गुरबानी विषय पर लैक्चर दिया गया।लैक्चर दौरान पि्रंसीपल डा: भोमा ने विद्यार्थियों को संबोधन करते कहा कि आज के भोगवादी युग में मानव अपनी, नैतिक कदरों कीमतों के इलावा अपने वातावरण का प्रयोग और संभाल की अपेक्षा भी टूट गया है। उन्होंने कहा कि गुरबानी मानव को कुदरत के साथ जोड़ने और इस की संभाल प्रति चेतन करती है। उन्होंने कहा कि कुदरत की महत्ता संकेत इस बात का प्रमाण है कि मानव की हौंद कुदरत के साथ है। उन्होंने कहा कि जितनी तेज़ी के साथ मानव कुदरत से दूर होता जा रहा है ऊनी ही तेज़ी के साथ वह अपनी बरबादी की तरफ बढ़ रहा है। डा: भोमा ने कहा कि इस की ताज़ा मिसाल करोना महामारी समय आक्सीजन की कमी को देखा जा सकता है।
डा: भोमा ने कहा कि यदि भारत की 130 करोड़ की आबादी बीच में से 100 करोड़ मानव भी पौदे लगाए तो ऐसी समस्या के साथ पूर करा जा सकता है। उन कहा कि गुरबानी में से कुदरत की संभाल और सुरक्षा के कई हवाले देखे जा सकते हैं। इस के इलावा उन्हों ने पंजाबी साहित्य में भाई वीर सिंह और शिव कुमार बटालवी की लिखित में से भी वातावरण की महत्ता के साथ सम्बन्धित कई हवाले दिए। उन्हों ने सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थायों का वातावरण की सुरक्षा और संभाल में डाले योगदान की प्रंससा करते कालेज के वातावरण को ओर ख़ूबसूरत और हरा भरा बनाने का भरोसा दिलाया। आखिर में उन्हों ने सभी विद्यार्थियों और अध्यापकों को वातावरण संभाल और सुरक्षा की टे्रनिंग देते अपने आस आसपास की संभाल संभाल प्रति प्रेरित किया।इस समागम के आयोजन के तौर पर डा: मनजीत कौर भूमिका निभाई। और के इलावा इस समागम में पिरो: जतिन्दर कौर, पिरो हरप्रीत कौर, पिरो: अमानत ईसा मसीह, पौं: रुपिन्दरजीत कौर, पौं: निशा छाबड़ा आदि उपस्थित थे।