11 हज़ार परिवारों को दी जा रही है 500 से 10,000 रुपए तक महीनावार पैंशन

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर , 16 जुलाई : – बिना किसी के पास से एक भी पैसा इकट्ठा पेशों, केवल अपनी निजी और नेक कमाई में से ज़रूरतमंदों के लिए करोड़ों रुपए ख़र्चने वाले दुबई के नामवर सिक्ख कारोबारी और सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डा.ऐस्स.पी.सिंह ओबराए की तरफ से जरूरतमंद लोगों के लिए शुरू की गई पैंशन योजना के अंतर्गत 11 हज़ार से और ज्यादा परिवारों को 500 रुपए से ले कर 10,000 रुपए तक महीनावार पैंशन दी जा रही है।
इस सम्बन्धित जानकारी सांझी करते डा.ऐस्स.पी. सिंह ओबराए ने बताया कि 2013 में जब ट्रस्ट की सरगर्मियाँ बढ़ी तो अलग – अलग क्षेत्रों में जाने पर पता लगा कि बहुत सी जरूरतमंद विधवाएं और बेसहारा बुज़ुर्ग औरतें अपनी दो वक्त की रोटी के लिए लोगों के घरों अंदर सफ़ाई करके या कपड़े और बर्तन आदि साफ़ करके गुज़ारा चला रही हैं। जिस के बाद उन्होंने फ़ैसला किया कि ऐसे लोगों के लिए पैंशन स्कीम शुरू की जाये,जिस के अंतर्गत ट्रस्ट की तरफ से विधवाएं, बेसहारा बुज़ुर्ग औरतें,मर्दों और अपंग लोगों के गुज़ारे या मैडीकल सुविधा के लिए 500 रुपए से ले कर 3000 रुपए तक महीनावार पैंशन देनी शुरू की गई। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की तरफ से उपरोक्त के इलावा 1984 दौरान शहादत प्राप्त करन वालों के जरूरतमंद परिवारों, अफगानिस्तान से उजड़ कर आए अफगानी सिक्खों, दुबई में से जिन के मृतक शरीर ट्रस्ट की तरफ से वापस भारत लाए जाते हैं,उन के लोड਼वन्द परिवारों को उन की आर्थिक हालत अनुसार 2000 से 10000 रुपए तक पैंशन जब कि कुछ मामलों में मृतकों की बच्चियों के विवाहों के लिए उन के नाम बैंक में 1लाख से ले कर 4लाख तक ऐफ़.डी. (फिक्स डिपाज़ट) करवाने और बहुत सी ऐसे कलाकारों और आरटिस्टें को जिन का बडी उम्र में कोई आसरा नहीं है, उन को घर के गुज़ारे और इलाज आदि के लिए 5हज़ार से 10 हज़ार रुपए तक पैंशन दी जा रही है।
डा.ओबराए ने बताया कि जब उन्हों ने फाजिल्का,अबोहर वाले तरफ़ गाँवों में जा कर देखा तो वहाँ बहुत सी घरों में बुज़ुर्ग अपने परिवार के गूँगे -बोले,आँखों की रौशनी से वंचित,अपंग और मानसिक तौर पर बीमार बच्चों को बहुत मुश्किल हालातों में संभाल रहे थे,जिस और उन्हों ने उस समय तुरंत फ़ैसला लेती ऐसे परिवारों को विधवा औरतें समेत प्रति प्रभावित मैंबर एक हज़ार रुपए प्रति महीना पैंशन देनी शुरू की। जिस के अंतर्गत 400 के करीब ऐसे परिवारों को एक हज़ार से ले कर पाँच हज़ार रुपए प्रति महीना पैंशन दी जा रही है। डा. ओबराए ने आगे बताया कि उन की तरफ से कारगिल,पुलवामा और ग़लवान घाटी में देश के लिए कुर्बान होने वाले फ़ौज, सी.आर.पी.ऐफ्फ., बी.ऐस्स.ऐफ्फ. और होम गार्ड के शहीदों के परिवारों को भी पाँच हज़ार से ले कर दस हज़ार रुपए तक पैंशन दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इस पैंशन की रकम का फ़ैसला, प्रभावित परिवार के हालात मुताबिक ट्रस्ट की तरफ से गठित एक समिति की तरफ से किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस के इलावा दिल्ली में चल रहे किसान मोर्चो वाली जगह अपनी जान गवाने वाले शहीद किसानों के जरूरतमंद परिवारों को भी ट्रस्ट की तरफ से पाँच हज़ार से दस हज़ार रुपए तक महीनावार पैंशन दी जा रही है,जिस का फ़ैसला भी ट्रस्ट की विशेश समिति की तरफ से किया जाता है। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की तरफ से अब तक कुल मिला कर ग्यारह हज़ार से और ज्यादा जरूरतमंद लोगों को महीनावार पैंशन की सुविधा दी जा रही,जो आने वाले समय अंदर भी निरंतर जारी रहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि ट्रस्ट की तरफ से अब तक 800 से और ज्यादा ऐसे लोगों को घर भी बना कर दिए हैं जो बेसहारा होने के कारण तंबू या आरज़ी तरपाल की छत नीचे ही अपनी ज़िंदगी जीव रहे थे।
एक सवाल का जवाब देते डा.ऐस्स.पी.सिंघ ओबराए ने बताया कि उन की तरफ से अपनी निजी कमाई में से पैसे ख़र्च कर कर किसी जरूरतमंद के लिए रोटी या दवा का ज़रिया बन कर उन के मन को बहुत सकून मिलता है।

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