गन्ना शाखा,कृषि और किसान भलाई विभाग की तरफ से गन्ना काश्तकारों का आनलाइन वैबीनार का आयोजन

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर , 9सितम्बर 2021: करोना महामारी के चलते और किसानों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते डा.प्रताप सिंह जनरल मैनेजर राणा शुगर मिल बुट्टर सिवाे के साथ मिल के अधिकार क्षेत्र के गन्ना कास्तकारों के साथ नवीनतम तकनीकें गन्ना काश्तकारों के साथ सांझे करन के उद्देश्य के साथ गन्ना शाखा,कृषि और किसान भलाई विभाग पंजाब की तरफ से शुरुआत की गई है जिस के अंतर्गत गन्ना कास्तकारों के लिए आनलाइन वैबीनार करवाया गया।गन्ना शाखा की तरफ से शुरू की मुहिम के अंतर्गत लगाए गए वैबीनार में डा.गुरविन्दर सिंह खालसा केन कमिशनर पंजाब,डा.गुलज़ार सिंह संघेड़ा प्रमुख वैज्ञानिक, गन्ना खोज केंद्र कपूरथला,डा. अमरीक सिंह सहायक गन्ना विकास अफ़सर ने आश्विन कार्तिक का महीना रुत्ते गन्नो की फ़सल दीया कास्तकारी तकनीकें और गन्नो की फ़सल पर लाल रोग के हमले से बचाव बारे जानकार करवाया और किसानों के सुआला के जवाब दिए। वैबीनार का संचालन डा.अमरीक सिंह सहायक गन्ना विकास अफ़सर ने किया।वैबीनार में दूसरे के इलावा डा.ऐच पी यह सुच्यता गन्ना मैनेजर,डा.परमिन्दर कुमार खेती विकास अफ़सर,प्रदीप सिंह,नछत्तर सिंह,संतोख सिंह समेत बड़ी संख्या में गन्ना काश्तकारों और तकनीकी स्टाफ उपस्थित थे।
गन्ना कासतकारें को संबोधन करते डा.गुरविन्दर सिंह ने कहा कि मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से गन्ना कास्तकारों की माँग को मुख्य रखते सहकारी खाँड मीलों की बकाया राशि जारी कर दी गई है और यह राशि जल्द ही गन्ना कास्तकारों के खातों में सम्बन्धित खाँड मीलों की तरफ से डाल दी जायेगी। उन्होंने कहा कि आश्विन रुत्ते गन्नो की कासत किये जाने वाले गन्नो के बीज को संशोधन कर बीजा जाये जिससे बीज जंत बीमारियों की रोकथाम हो सके। उन्होंने कहा कि सहकारी खाँड मीलों की आमदन बढ़ाने के लिए बटाला और भोगपुर सहकारी खाँड मीलों में निजी हिस्सेदारी के अंतर्गत बायउ शी बिल्कुल जी प्रोजैक्ट, गुरदासपुर सहकारी मिल में ईथानोल प्रोजैक्ट के इलावा खाँड मीलों की सामर्थ्य भी बधाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इतना प्रोजेक्टों के लगने साथ गन्ना काश्तकारों को गन्नो की अदायगी समय सिर करन में मदद मिलेगी। उन्होंने गन्ना मिल के प्रबंधक प्रताप सिंह की तरफ से गन्नो की किस्म थी ओ 0238 किस्म नीचे से क्षेत्रफल निकाल कर दूसरे किस्मों नीचे लाने की की योजनाबंदी की शालाघा की।डा. गुलजार सिंह संघेड़ा ने कहा कि पंजाब में गन्नो की फ़सल नीचे तकरीबन 99 लाख क्षेत्रफल के 70 प्रतिशत क्षेत्रफल में थी ओ 0238 किस्म की कासत की जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले लम्बे समय से इस किस्म की काश्त होने साथ अब इस किस्म पर कई बीमारियों का प्रकोप देखने को मिल रहा है,जिस कारण गन्नो की काश्त चिरस्थायी करने के लिए ओर अगेतिया पकने वाली किस्मों था ओ पी बीज 95,96,92 और थी वह 15023 नीचे क्षेत्रफल लाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि लाल रोग से गन्नो की किस्म थी वह 0238 को बचाने के लिए गंभीर यत्न करन की ज़रूरत है। उन्होंने किसानों से अपील की वह अपने गन्नो की फ़सल का निरंतर निरीक्षण करते रहने और यदि कहीं भी लाल रोग की समस्या आए तो कृषि माहिरों,सम्बन्धित मिल के अधिकारी /कर्मचारी या कि्रशी विज्ञान केंद्र,किसान सलाहकार केंद्र या क्षेत्रीय खोज केंद्र के साथ संपर्क खतिा जाये। डा. अमरीक सिंह ने कहा कि गन्नो की फ़सल की प्रति हेक्टेयर पैदावार और खाँड की रिकवरी में विस्तार कारण के लिए ज़रूरी है कि खेती माहिरों की तरफ से पेशों सिफारशें अनुसार गन्नो की कासत करने की ज़रूरत है। उन्होंने अगर गन्नो की फ़सल में सेड़ों की रोकथाम के लिए सरबपक्खी कीट प्रबंध तकनीक अपनाने और ज़ोर देते कहा कि कम लागत लगा कर, कीटानाशकों का प्रयोग पेशों बगैर,कीड़ों की रोकथाम की जा सकती है।जनरल मैनेजर प्रताप सिंह ने बताया कि मिल के पास गन्ना कासतकारें को नयी सिमों का बीज देने के लिए पूरे प्रबंध किये जा चुके हैं जिससे था ओ 0238 किस्म हेठौन क्षेत्रफल कम किया जा सके। उन्होंने गन्ना कासतकारें से अपील की कि गन्नो के बीज की प्राप्ति के लिए मिल के आधिकारी / कर्मचारी के साथ संपर्क किया जाये। उन्होंने कहा कि गन्नो की प्रति हेक्टेयर आमदन बढ़ाने के लिए अंत्र फसलों की कासत करन को प्रथमता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मिल की तरफ से गन्नो की काश्त में मशीनीकरन को उत्साहित करने के लिए गंभीर यत्न किये जा रहे हैं।

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