केंद्र के फ़ैसले ख़िलाफ़ समूह राजनैतिक पार्टियो और जत्थेबंदियो को एकजुट होने का दिया न्योता

कल्याण केसरी न्यूज़ मेहता, 15 अक्टूबर : दमदमी टकसाल के प्रमुख और संत समाज के प्रधान संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने केंद्र सरकार की तरफ से सरहदों पर तैनात बी.ऐस्स.ऐफ. (सरहदी सुरक्षा दल) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के फ़ैसले का सख़्त विरोध जताया है और इस को राज्यों के अधिकारों का हनन बताते इस फ़ैसले पर फिर विचार करने और समूह राजनैतिक पार्टियाँ और जत्थेबंदियाँ को केंद्रीय कदम ख़िलाफ़ एकजुट होने का न्योता दिया है।

उन्होंने कहा कि केंद्र का यह फ़ैसला भारतीय संविधान और संघी ढांचो की रूह के साथ खीलवाड़ है। उन्होंने कहा कि संविधान राज्यों को पुलिस द्वारा अपने क्षेत्रों में अमन -कानून की स्थिति बनाई रखने का अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रसासन या प्रणाली में किसी किस्म की कोई कमज़ोरी और बेकार है तो उसे दूर किया जा सकता है।

सरहदी सुरक्षा बलों (बी.ऐस्स.ऐफ.)की ज़िम्मेदारी अंतरराशटरी सरहदों की चौकीदारी और नशीले पदार्थों की स्पलाई लाईन को काटने की हो न कि दोशियों की खोज करते उन को कानून के कटघरो में खडा कर की है। उन्होंने कहा कि जम्मू -कशमीर और पंजाब की स्थिति बहुत नाजुक है केंद्र को इन सरहदों पर किसी तरह का भी प्रयोग करने से गुरेज़ करन की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि पंजाब एक छोटा राज है बीज यह एफ को 50 किलोमीटर अंदर तक अधिकार दिया जाता है तो इस प्रति परदेस पुलिस के साथ पैदा होने वाली स्थिति के साथ राज सरकार के लिए कई मुशकलें ले जाईं होंगी और राज सरकार कमज़ोर पड़ेगी जो कि देश के हित में नहीं होगा।उन्होंने केंद्र को राज्यों के अधिकारों में दखलअन्दाज़ी न करने और राज सरकार की सलाह लिए बिना कोई भी एकतरफा फ़ैसला न लेने की सलाह दी। उन्होंने पंजाब के हितों को बड़ी गिरा लगने से बचाने के लिए सभी राजसी पार्टियाँ को केंद्र सरकार के इस गलत फ़ैसले का सख़्त विरोध करने के लिए कहा है।

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