कल्याण केसरी न्यूज़ जालंधर, 10 नवंबर : डिप्टी कमिश्नर पुलिस जालंधर जगमोहन सिंह ने विवरण फ़ौजदारी संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत मिले अधिकारों का प्रयोग करते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करते हुए ध्वनि प्रदूषण पैदा करने पर मनाही के आदेश जारी किये हैं जिन के अंतर्गत जनतक स्थानों की सीमाओं पर पटाखों का शोर स्तर और लाउड स्पीकरों की आवाज़ 10 डी.बी. (ए) से अधिक नहीं होनी चाहिए |
कोई भी व्यक्ति रात 10 बजे से प्रातःकाल 06 बजे के दरमियान कोई ढोल या भोंपू नहीं बजा सकेगा और न ही आवाज़ पैदा करने वाला कोई यंत्र बजा सकेगा और न ही साउंड ऐंपलीफायर का प्रयोग कर सकेगा सिवा जनतक हंगामी हालात के। इस के इलावा निजी साउंड व्यवस्था वालों की तरफ से भी अपने आशा -पड़ौस में शोर का स्तर 7.5 डी. बीज (ए) से अधिक नहीं रखा जा सकेगा। इस के इलावा रात 10 बजे से प्रातःकाल 6 बजे तक रिहायशी क्षेत्र में हार्न बजाने की आज्ञा नहीं होगी और यदि इन आदेशों का उल्लंघन किया जाता है तो साउंड व्यवस्था का समान ज़ब्त कर लिया जायेगा। यह आदेश 6 जनवरी 2022 तक लागू रहेगा।