कल्याण केसरी न्यूज़ जालंधर, 28 दिसम्बर: डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने आज बताया कि सरकार की तरफ से दी जा रही 50,000 रुपए की एक्स -ग्रेशिया राशी के लिए कोविड -19 पीडितों के 332 आश्रितों की तरफ से अर्ज़ियाँ दीं गई हैं।
कोविड -19 डेथ ऐसरटेनिंग समिति (सी.डी.ए.सी.) की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि इन में से कुल 104 मामलों में वित्तीय सहायता पहले ही मुहैया करवाई जा चुकी है जबकि स्वास्थ्य आधिकारियों की तरफ से 76 फाइलों की तस्दीक की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 1496 केस थे, जिन में से सिर्फ़ 332 की तरफ से ही इस लाभ के लिए अप्लाई किया गया है। उन्होंने बताया कि ज़िला प्रशासन की तरफ से कोविड -19 पीडित परिवारों के साथ संपर्क भी किया गया है जिससे उन सभी तक एक्स -ग्रेशिया राशी का लाभ पहुँचाया जा सके।
इस दौरान डिप्टी कमिश्नर ने सम्बन्धित आधिकारियों को तस्दीक करने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने के निर्देश दिए जिससे जल्दी से जल्दी वित्तीय सहायता प्रदान करने को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने निर्देश दिया कि कोई भी योग्य परिवार लाभ के दायरे से बाहर नहीं रहना चाहिए। इस के इलावा अपेक्षित वैरीफिकेशन को पूरा करने के बाद सभी को वित्तीय सहायता प्रदान करवाई जाये।
डिप्टी कमिश्नर ने आधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि इस प्रक्रिया में तेज़ी लाई जाये जिससे पंजाब सरकार की तरफ से एलान किया गया मुआवज़ा उन व्यक्तियों के आश्रित पारिवारिक सदस्यों को प्रदान किया जा सके, जो कोरोना वायरस के कारण जान गंवा चुके हैं। उन्होंने लोगों को भी सम्बन्धित दफ़्तर में मुआवज़ा लेने के लिए अपनी, अर्ज़ियाँ देने की अपील की।
श्री थोरी ने कहा कि अर्ज़ी फार्म और अन्य सम्बन्धित दस्तावेज़ जालंधर प्रशासन की वैबसाईट www.jalandhar.nic.in पर पहले ही अपलोड किये जा चुके हैं, जिन को लोग वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए वैबसाईट से डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अर्जियां कमरा नंबर 106, पहली मंजिल, डिप्टी कमिश्नर दफ़्तर, ज़िला प्रशास्निक कंपलैक्स, जालंधर में जमा करवाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए कमरे में स्टाफ पहले ही तैनात किया जा चुका है।
डिप्टी कमिश्नर ने यह भी कहा कि लोग इस से सम्बन्धित कोई भी जानकारी लेने के लिए कोविड कंट्रोल रूम नंबर 0181 -2224417 पर फ़ोन कर सकते हैं।
इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ज) अमरजीत बैंस, सिविल सर्जन डा. रणजीत सिंह, सहायक सिवल सर्जन डा. वरिन्दर कौर और अन्य भी मौजूद थे।