कल्याण केसरी न्यूज़ ,22 फरवरी ; समस्त मानव कल्याण के लिए समर्पित एवं ‘‘शांतिपूर्ण विश्व की परिकल्पना को साकार करने वाले निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी ने मानवमात्र को जीवन भर केवल प्रेम और शान्ति का ही पाठ पढ़ाया और संपूर्ण मानव जाति को जागरूकता प्रदान करते हुए कहा कि इस निरंकार प्रभु परमात्मा की जानकारी प्राप्त करके ही विश्व में एक आदर्श समाज की स्थापना की जा सकती है। अपने जीवन के अंतिम श्वासों तक बाबा जी इसी पवित्र मंतव्य की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहे।
‘‘खून नालियों में नहीं नाड़ियों में बहना चाहिए, ‘‘धर्म जोड़ता है तोड़ता नहीं, ‘‘नफरत वैर की गिरा कर दीवारें, पुल बनाए प्यार के, ‘‘एक को जानो, एक को मानो, एक हो जाओ, ‘‘कुछ भी बनो मुबारक है, पर पहले इंसान बने, प्यार, प्रीत, नम्रता, शहनशीलता, ब्रह्मज्ञान आदि का सन्देश देने वाले सत्गुरू बाबा हरदेव सिंह जी निरंकारी मिशन के चैथे सत्गुरू थे।इनका जन्म 23 फरवरी 1954 को दिल्ली में बाबा गुरबचन सिंह जी एवं राजमाता कुलवंत कौर जी के घर पर हुआ। आप चार बहनों के अकेले भाई थे। आप जी का विवाह नवम्बर, 1975 में सविन्दर कौर जी के साथ हुआ। जिन्होंने आपजी के ब्रह्मलीन होने के उपरांत दो वर्षो तक मिशन की बागडोर सत्गुरू रूप में संभाली और सभी भक्तों को स्नेह प्रदान किया। आपके घर में तीन सुपुत्रियां समता जी, रेणुका जी और सुदीक्षा जी (निरंकारी मिशन की वर्तमान सत्गुरू) ने जन्म लिया।
आपने अपनी प्राथमिक शिक्षा रोज़री पब्लिक स्कूल दिल्ली से संपन्न करी। उसके पश्चात् सेकेण्डरी शिक्षा के लिए आपको 1963 में याद विन्दरा पब्लिक स्कूल पटियाला (पंजाब) में दाखिल करवाया जहाँ से 1969 में आपने मैट्रिक की शिक्षा पास की। उच्च शिक्षा की प्राप्ति आपने दिल्ली यूनिवर्सिटी से की। बचपन से ही आप जी ने अपने पिता बाबा गुरबचन सिंह जी और राजमाता कुलवंत कौर जी के साथ देश-विदेशों में आध्यात्मिक यात्रायें करनी आरम्भ कर दी थी। 1971 में आप संत निरंकारी सेवादल में भरती हो गए और खाकी वर्दी पहनकर सेवा में रुचि लेने लगे।नौजवानों को अच्छे कर्मों के प्रति प्रेरित करने के लिए आप जी 24 अप्रैल 1986 को रक्तदान कैम्पों की शुरुआत की और मानव को मानव के नजदीक लाने के लिए एक संदेश भी दिया ‘‘रक्त नालियों में नहीं नाड़ियों में बहना चाहिए। निरंकारी मिशन की ओर से रक्तदान करने का वल्र्ड रिकार्ड इतिहास में दर्ज है। आप जी ने 36 वर्ष निरंकारी मिशन की अगुवाई करी। आपके द्वारा जनकल्याण के लिए किए गये अथक प्रयासो को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इसके अतिरिक्त आज जब ‘ग्लोबल वॉर्मिंग (धरती का बढ़ता तापमान) का खतरा पूरे विश्व पर मंडरा रहा है तो ऐसी विषम परिस्थिति में उस समस्या को दूर करने के लिए आपजी ने समस्त भारत एवं विश्व में अपने सेवादारों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छ भारत अभियान में भी अपना भरपूर योगदान दिया।
जब भी कभी किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा, सुनामी, बाढ़ आदि आई तो वहां पर भी आप जी के सेवादारों ने मानवता की भलाई के लिए दिन रात एक कर दिया। बाबा हरदेव सिंह जी ने जाति-पाति को समाप्त करने, नशे से दूर रहने की प्रेरणा, दान -दहेज और समाज की जितनी बुरी कुप्रथाएं थी उनको अपने उपदेशों द्वारा मानव जीवन से निकालने का भरसक प्रयत्न किया।आपजी को 27 यूरोपियन देशों में पार्लियामेंट ने विशेष तौर पर इंग्लैंड में सम्मानित किया और आप जी को संयुक्त राष्ट्र (यू. एन.) का मुख्य सलाहकार भी बनाया गया। इसके अतिरिक्त आपजी को विश्व शांति स्थापित करने हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया गया।आपजी का संपूर्ण जीवन ही मानवता की भलाई के लिए समर्पित रहा। आपके हृदय में सदैव एक ही भाव और लक्ष्य था कि संपूर्ण संसार विश्वबन्धुत्व की भावना में बंध जाए और किसी के साथ जाति, वर्ण, भाषा, रंग, धर्म, संस्कृति, अमीरी एवं गरीबी के आधार पर कोई भेदभाव न किया जाये। इस संकल्प को पूरा करने के लिए आपजी ने अपने जीवन का एक-एक पल समर्पित कर दिया। आपजी का संदेश था ‘दीवार रहित संसार‘। आपकी दी गई नेकियों एवं सिखलाईयों के कारण ही आप सदैव ही समस्त मानवता के लिए स्मरणीय रहेंगे। वर्तमान समय में आपके द्वारा दिया गया संदेश कि ‘कुछ भी बनो मुबारक है, पर पहले तुम इंसान बनो ‘ की नितांत आवश्यकता है।13 मई 2016 को बाबा हरदेव सिंह जी के ब्रह्मलीन होने के उपरांत सत्गुरू माता सविन्दर हरदेव जी निरंकारी मिशन के पाँचवे सत्गुरू बने और मिशन की सेवाओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। अब वर्तमान में सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज निरंकारी मिशन के छठे सत्गुरू के रूप में अपनी सेवाएं निभा रहे हैं।
वर्तमान समय में जब चारों और नफरत, वैर, विरोध, अलगाववादी विचार एवं संकीर्ण मानसिकता की परिस्थिति स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है तब ऐसी विषम स्थिति में गुरुदेव हरदेव जी के प्रेम, सहनशीलता एवं भाईचारे के संदेश की जनकल्याण को आवश्यकता है। आज हमें ईष्र्या रूपी दीवारों को तोड़कर ऐसे प्रेम रूपी पुलों का निर्माण करने की आवश्यकता है, जो मानवता के लिए बहुमूल्य साबित हो सकते हैं।सन्त निरंकारी मिशन द्वारा बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की स्मृति में 23-2-2022 को पूरे विश्व में 100 के करीब सन्त निरंकारी भवनों में नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर लगाए जाएँगे। मिशन की ओर से वननेस वन परियोजना के तहत 21 अगस्त 2021 को 350 स्थानों पर डेढ़ लाख के करीब पौधे लगाए गए और साथ ही उनकी संभाल के लिए उन्हें तीन साल के लिए गोद लेकर उनके पालन पोषण का भी संकल्प लिया। इसी लड़ी में आज 50 हजार पौधे लगाये जाएंगे और उनकी पानी, खाद आदि के साथ तीन साल तक देखभाल की जायेगी।इसके अतिरिक्त हर साल 23 फरवरी को पूरे भारत भर में मिशन की ओर से सफाई अभियान चलाया जाता है जिसमें सिविल अस्पताल ,ऐतिहासिक स्थलों, रेलवे स्टेशनों, पार्कों, औषधालयों, समुद्र और नदी तटों इत्यादि में स्वच्छता अभियान चलाया जाता रहा है। इस बार करोना काल के चलते मिशन की ओर से जहां जहां भी संत निरंकारी सत्संग भवन है उन भवनों में और उसके आसपास की जगहों पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।