कल्याण केसरी न्यूज़ ,29 मार्च : जब से हिंदुस्तान स्वतंत्र हुआ है उसी समय से देश में कुछ विशेष जातियों और धर्मों के लोगों को विशेष सुविधाएं मिलती हैं, अल्पसंख्यकों का दर्जा मिला हुआ है और सारे लाभ जो अल्पसंख्यक के हैं उन लोगों को ही मिल रहे हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक हैं। अफसोस की बात है कि जम्मू कश्मीर, मिजोरम, नागालैंड, मनीपुर और पंजाब जैसे राज्यों में भी जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं उन्हें अल्पसंख्यक वाला कोई लाभ नहीं मिल रहा।
आज की आवश्यकता यह है कि भारत सरकार पुराने निर्णयों पर पुनर्विचार करे और राज्य अनुसार अल्पसंख्यक घोषित करे। आखिर इसमें क्या औचित्य है कि जम्मू कश्मीर जैसे राज्य में भी हिंदू को बहुसंख्यक मानकर कोई लाभ न लिया जाए और 97 प्रतिशत से ज्यादा मुसलमानों को अल्पसंख्यक का लाभ दिया जाए। भारत सरकार जिस स्तर पर कानून बनाना है बनाए, संसद की मुहर लगाए और हर राज्य के अल्पसंख्यकों की संख्या राज्य अनुसार तय करे, जिससे सभी वर्गों को इसका लाभ मिल सके।