सरबत का भला ट्रस्ट ने अब तक 299 बदनसीबों के मृतक शरीर वारिसों तक पहुँचा

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर, 31 मार्च :- अपने परिवारों को आर्थिक मंदहाली में से निकालने के लिए अपने घर,ज़मीनें गहने रख खाड़ी मुल्कों में मेहनत मज़दूरी करने गए लोगों की हर मुश्किल घड़ी में रहबर बन सेवा रूपी मदद करने वाले दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी और सरबत का भला ट्रस्ट चैरिटेबल ट्रस्ट के सरप्रस्त डा.ऐस.पी.सिंह ओबराए के यतनों सदका गुरदासपुर ज़िलो के बटाला के पास के गाँव उगरेवाल के साथ सबंधित 22 साला सुखबीर सिंह पुत्र बिकरमजीत सिंह और पटियाला ज़िलो के राजपुरा के पास के गाँव गोपालपुर के 25 वर्ष गुरप्रीत सिंह पुत्र परमजीत सिंह के मर्तक शरीर दुबई से श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (राजासांसी) अमृतसर में पहुँचे।

इस सम्बन्धित जानकारी सांझी करते सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डा.ऐस्स.पी.सिंह ओबराए ने बताया कि सुखबीर और जन्म से छह महीने बाद विधवा हुई अपनी माँ की अकेली औलाद सुखबीर सिंह अपने परिवार के आर्थिक हालातों को सुधारने की कोशिश में कुछ वर्ष पहले दुबई मेहनत मज़दूरी करने के लिए गया था। उन्होंने बताया कि वह वहाँ ट्रक चालक के साथ बतौर हैलपर काम करता था। प्राप्त जानकारी अनुसार सुखबीर की बीती 6मार्च को समुद्र के किनारे से मृतक देह मिली थी। उन्होंने बताया कि इसी तरह ही गुरप्रीत सिंह भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए दुबई में मेहनत मज़दूरी करने आया था परन्तु कुदरत को कुछ ओर ही मंज़ूर थी कि भी गलत हाथों में जाने करके बीती 7मार्च को अचानक अपने बुज़ुर्ग माँ बाप को रोतीं कराहते छोड़ गया था। उन्होंने बताया कि दोनों पीड़ित परिवारों ने क्रमवार ट्रस्ट की गुरदासपुर और पटियाला टीमें के द्वारा उन के साथ संपर्क कर के अपनी बेबसी का हवाला देते उक्त नौजवानों के मृतक शरीर भारत भेजने के लिए अपील की थी।जिस पर उन दुबई बीच वाले भारतीय दूतावास के सहयोग और अपने निजी सचिव बलदीप सिंह चाहल की देख -रेख में तुरंत सारी अपेक्षित कागज़ी कार्यवाही मुकम्मल करवा कर आज दोनों नौजवानों के मृतक शरीरों को भारत भेजा है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने फ़ैसला किया है कि सुखबीर की अकेली रह गई माँ को ट्रस्ट की तरफ से दो हज़ार महीनावार पैंशन दी जायेगी,जिस का पहला चैक कल ही ससकार के मौके पर गुरदासपुर टीम की तरफ से परिवार को सौंप दिया जायेगा।

डा.ऐस्स.पी. सिंह ओबराए ने एक बार फिर माँ बाप से अपील की है कि वह लालची एजेंटों के चंगुल में फंस कर अपने जिगर दे टुकड़ों को मौत दे मुँह में न भेजे । उन्होंने बताया कि कोरोना काल दौरान पैदा हुए हालातों दौरान दुबई अंदर बहुत सी कारोबार या तो कम हो गए हैं या बिल्कुल बंद हो गए हैं,जिस कारण पंजाब से गए हज़ारों नौजवान यहाँ काम -कार न मिलने कारण या एजेंटों की तरफ से धोखा देने करके दो समय की रोटी को भी तरसने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि इसी परेशानी के चलते यहाँ हमारे बहुत ही छोटी उम्र के नौजवान या तो आत्महत्याएँ के रास्ते पड़ रहे हैं या दिल का दौरा पड़ने कारण उन की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि उन को भरे मन के साथ बताना पड़ रहा है कि पिछले कुछ दिनों में ही वह 3नौजवानों के मृतक शरीर भारत भेज चुके हैं जब कि 8से 10 दूसरे बदनसीब नौजवानों के मर्तक शरीर आते कुछ दिनों में पहुँचा जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इस के इलावा दुबई पुलिस ने भी भारतीय दूतावास के द्वारा उन के साथ संपर्क कर कर कुछ भारतीय नौजवानों के लावारिस मृतक शरीरों की जानकारी भी दी गई है, उन्होंने कहा कि सबंधित वारिसों को जल्द ढूँढ कर यह देहों भी जल्द भारत भेज दीं जाएंगी। पीड़ित परिवारों के साथ हवाई अड्डे और दुख सांझा करने पहुँचे ट्रस्ट की अमृतसर टीम के अधिकारी सुखजिन्दर सिंह खोज,मनप्रीत संधू चमारिन,नवजीत घई और हरजिन्दर सिंह खोज ने बताया कि बताया कि डा. ओबराए के यतनों सदका अब तक 299 बदनसीब लोगों के मर्तकशरीर उन के वारिसों तक पहुँचा जा चुके हैं। इस दौरान मृतक देहों को लेने हवाई अड्डे और पहुँचे पीड़ित परिवारों ने डा.ऐस्स.पी.सिंह ओबराए का इस बड़े उपरालो के लिए तह दिल से शुकराना करते कहा कि उन की वजह से सुखबीर और गुरप्रीत के परिवारों को उन के अंतिम दर्शन नसीब हो सके हैं।

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