कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर ,21 अप्रैल-: शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाने तथा प्रदूषण को कम करने के लिए पुराने डीज़ल ऑटो को ई-ऑटो से बदलने वाले अमृतसर स्मार्ट सिटी के “राही” (रीज्युविनेशन ऑफ ऑटो-रिक्शा इन अमृतसर थ्रू होलीस्टिक इंटरवेशंन) प्रोजेक्ट तहत पहले ई-ऑटो डिलवरी एम.एल.ए कुवंर विजय प्रताप द्वारा अमृतसर स्मार्ट सिटी के सीईओ तथा नगर निगम कमीश्नर संदीप रिषी की मौजूदगी में की गई नरेंद्र सिहं चौधरी को दी गई।
ज्ञात हो की नरेंद्र सिहं चौधरी अमृतसर ऑटो रिक्शा ट्रांसपोर्ट कोपरेटिव सोसायटी के उपप्रधान भी हैं। इस अवसर पर कमीश्नर संदीप रिषी ने बताया की केंद्रीय आवास व शहरी विकास मंत्रालय, फ्रैंच डेव्लपमेंट एजंसी (एएफडी), यूरोपियन युनियन तथा नैशनल इंस्टीटयूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एन.आई.यू.ए) द्वारा चलाए जा रहे सिटीज़ प्रोगराम के तहत राही प्रोजेक्ट को चलाया जा रहा है ।
उन्होंने कहा कि महिंद्रा और पियाजियो कंपनी को राही स्कीम के तहत इम्पैलन्ड किया गया है और जो भी ऑटो ड्राईवर अपना पुराना डीज़ल ऑटो को बदलना चाहता है, वह इम्पैलन्ड कंपनीयों की डीलरशिप पर जाकर आवेदन दे सकता है । जिसके लिए 75 हजार रूपए की सब्सिडी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से लोन भी ड्राईवर को दिया जाएगा । उन्होंने कहा कि सबसे पहले सबसे पुराने डीज़ल ऑटो को ई-ऑटो से बदलने का अवसर दिया जाएगा । इसके अलावा राही प्रोजेक्ट के तहत ऑटो रिक्शा ड्राईवरों के परिवार की महिलाओं के लिए मुफ्त में कटिंग एंड टेलरिंग, ब्युटी पार्लर, कम्पयूटर ओपरेटर व फूड एंड फ्रूट प्रेजरवेशन जैसे स्किल डेव्लेपमेंट के कोर्स भी करवाए जा रहे हैं । वहीं इस मौके पर हलका उत्तरी से एम.एल.ए कुंवर विजय प्रताप सिहं ने कहा कि क्योंकि एक डीज़ल ऑटो (भारत तीन स्टैंर्डड) प्रति कि.मी 0.64 ग्राम कार्बन मोनोआक्साईड गैस का उत्सर्जन करता है। इस हिसाब से अमृतसर में एक डीज़ल ऑटो प्रतिदिन 45 ग्राम (70 कि.मी प्रति दिन की दूरी के अनुसार) और हर साल 165 किलोग्राम गैस का उत्सर्जन करता है। लेकिन ई-ऑटो में यह शून्य रहेगा । वहीं मौजूदा डीजल के मुल्य पर ऑटो को चलाने की कीमत प्रति कि.मी 4 रूपए से भी अधिक हो गई है, वहीं ई-ऑटो में यह लगभग 0.68 पैसे प्रति कि.मी है। जिसका फायदा भी ऑटो ड्राईवर को होगा । वहीं पहला ई-ऑटो लेने वाले नरेंद्र चौधरी जी ने बताया कि वह पिछले तीस सालों से ऑटो चला रहे हैं, लेकिन अब ई-ऑटो लेने से ना सिर्फ उनके लिए ड्राईविगं आसान हो जाएगी वहीं वातावरण को भी कोई नुकसान नही होगा ।