श्री करतारपुर साहब में ऐतिहासिक कुआँ का जल बेचा जाना मन्दभागा: प्रो. सरचांद सिंह ख्याला

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर 27 अप्रैल : पाकिस्तान के ज़िला नारोवाल स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहब के ऐतिहासिक कुआँ का जल देश -विदेश की संगत को बेचे जाने की कार्यवाही के साथ समूचे सिक्ख जगत की धार्मिक भावनायों को भारी ठेस पहुँची है और इस के लिए पाकिस्तान सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति, इवैकूयी ट्रस्ट प्रापरटी बोर्ड और करतारपुर प्रोजैक्ट मैनेजमेंट यूनिट के अधिकारी और अधिकारी जवाबदेह हैं। इन शब्दों का दिखावा करते प्रो. सरचांद सिंह ख़्याला ने कहा कि गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहब में दिए जाने वाले परसादी के पैकटों के अंदर पाकिस्तानी ब्रांड के सिग्रेटों के इश्तहारों की छपाई होने, गुरुद्वारा साहब की परिक्रमा में पाकिस्तानी माडल की तरफ से माडलिंग करने , मुस्लिम नौजवानों की तरफ से परिक्रमा में साइकिल चला कर वीडियो वायरल करन और गुरुद्वारा साहब में जश्न -ऐ -बहारों प्रोगराम बनाने समेत मर्यादा को गिरा लगाने वाले पहले ही कई दर्जन मामले सामने आ चूे हैं।

उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा साहब बीच वाला कुआँ, जिस बारे कहा जाता है कि गुरू नानक देव जी इस कुआँ का जल अपने खेतों को दीया करते थे और इस का जल समूचे सिक्ख भाईचारे और गुरू नानक नाम लेवा संगत के लिए अमृत जल के समान है, को पाकिस्तान सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति और इवैकूयी ट्रस्ट प्रापरटी बोर्ड की मिलीभुगत के साथ बोतलों में बेचा जाना घटना ही एक मन्दभागी कार्यवाही है। प्रो. सरचांद ने साथ ही पाकिस्तानी मामलों के जानकार और इतिहासकार और खोज -कर दिया सुरिन्दर कोछड का धन्यवाद प्रकट करते कहा कि उनके द्वारा कुआँ का पानी बेचे जाने का मामला करतारपुर प्रोजैक्ट मैनेजमेंट यूनिट के कार्यकारी अधिकारी और इवैकूयी ट्रस्ट प्रापरटी बोर्ड के अधिक सचिव राणा शाहद सलीम के सामने लाने पर अब सख़्ती के साथ जल बेचे जाने पर रोक लगाने सम्बन्धित निर्देश जारी करते सी. ई. ओ. की तरफ से यह पोस्टर गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहब के अंदर जगह -जगह लगवा दिए गए हैं कि आगे कोई भी कुआँ का जल बेचने की गलती नहीं करेगा। प्रो. सरचांद ने इस बारे श्री कोछड़ की तरफ से जारी रिपोर्ट का हवाला देते कहा कि उक्त ऐतिहासिक कुएँ के जल को शुद्ध करन के लिए होमलैंड ग्रुप की तरफ से यहाँ एक फिलटरेशन पलांट भी लगाया गया है। जिस का जल बेचने का ठेका इकबाल सिद्धू नाम के पाकिस्तानी को दिया गया था।उन्होंने यह भी बताया कि इस से पहले साल 2016 में पी. ऐस. जी. पी. सी. की तरफ से जब पाकिस्तान बीच वाले गुरुद्वारों के ऐतिहासिक सरोवरों और कुओं का जल संसार भर में निर्यात किये जाने का ऐलान करते फ़िल्टर पलांट लगाने की कार्यवाही शुरू की गई थी तो उस समय पर भी इतिहासकार श्री कोछड़ ने इस का डट कर विरोध करते कहा था कि संसार के किसी भी देश की सरकार या गुरुद्वारा समिति ने वहाँ के गुरुद्वारों के जल को मूल्य बेचने की गुस्ताख़ी नहीं की, जब कि ई. टी. पी. बी. और पी. ऐस. जी. पी. सी. समूचे सिक्ख जगत की धार्मिक भावनायों और सिक्ख मर्यादा का वपारीकरन करने की योजनाएँ को नशेबाज़ रूप देने के उपराले कर रही है, जिस को हरगिज़ बरदाश्त नहीं किया जायेगा।

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