कल्याण केसरी न्यूज़ जालंधर, 20 मई : डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी ने आज किसानों को धान की बिजाई रिवायती ढंग से करने की बजाय सीधी बिजाई वाली तकनीक अपनाने का न्योता दिया ,जिससे धरती निचले पानी को और नीचे जाने से रोका जा सके।कृषि और किसान भलाई विभाग की तरफ से धान की सीधी बिजवाई को उत्साहित करने के लिए शुरु किए अभियान का यहाँ गाँव दिवाली में प्रदर्शनी प्लांट के द्वारा अगाज़ करते डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी ने कहा कि धरती निचले पानी के गिर रहे स्तर के मद्देनज़र किसानों को धान के लिए एसी तकनीक अपनाने की ज़रूरत है, जिससे पानी का कम उपभोग हो।
प्रदर्शनी प्लांट की डी.एस.आर. तकनीक के द्वारा बिजाई समय उपस्थित किसानों को संबोधन करते घनश्याम थोरी ने बताया कि खेत जोतने के साथ पानी की रिचार्जिंग में 10 -12 प्रतिशत का विस्तार होता है। पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के आंकड़ों से अनुसार धान की सीधी बिजाई करने के साथ 10 -20 प्रतिशत पानी की बचत साथ-साथ पनीरी खोद कर लगाने पर लगती लेबर की भी बचत होती है। ।
धान की सीधी बिजवाई करने वाले किसानों के लिए पंजाब सरकार की तरफ से घोषित सहायता राशि बारे जानकारी देते डिप्टी कमिशनर ने बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से धान की सीधी बिजाई वाली तकनीक अपनाने वाले किसानों को 1500 रुपए प्रति एकड़ सहायता राशि दी जाएगी। उन्होंने किसानों को इसका लाभ लेने के लिए धान की बिजाई के लिए डी.एस.आर. तकनीक अपनाने की अपील की।उन्होंने आगे बताया कि इस बार ज़िले में धान नीचे बीजे जाते 1.73 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में से सीधी बिजाई नीचे 54800 हेक्टेयर क्षेत्रफल बीजने का लक्ष्य निश्चित किया गया है। उन्होंने ज़िले के सभी सरपंचों /नबंरदारों अपील की कि अपने गाँव में पंजाब सरकार की इस ‘पानी बचाओ मुहिम’ अधीन धान की सीधी बिजाई करने के लिए गाँव के किसानों को प्रेरित करने और रोज़ाना की अनाऊंसमैंट के द्वारा किसानों को उत्साहित किया जाये। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान के आदेशों पर किसानों में धान की सीधी बिजाई को उत्साहित करने के लिए चलाई जा रहे अभियान के अंतर्गत गाँव स्तर पर जागरूकता कैंप लगाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि किसानों को चाहिए कि वह अपनी कुल धान की खेती का 30 प्रतिशत क्षेत्रफल धान की सीधी बिजाई नीचे ज़रूर लाए।इस मौके उन्होंने पिछले चार सालों से 17 एकड़ क्षेत्रफल में धान की सीधी बिजाई करने वाले किसान सुखविन्दर सिंह और गगनदीप सिंह की प्रंशसा करते दूसरे किसानों को भी उनसे प्रेरणा लेने के लिए कहा।मुख्य कृषि अधिकारी जालंधर डा. सुरिन्दर सिंह ने कहा कि धान की सीधी बिजाई ऐसी तकनीक है, जिससे पानी का कम उपभोग कर धान की पैदावार की जा सकती है।उन्होंने बताया कि किसानों को धान की सीधी बिजाई के लिए प्रेरित और उत्साहित करने के लिए टीमों का गठन किया गया है, जिसमें कृषि और किसान भलाई विभाग, भूमि रक्षा विभाग, बाग़बानी विभाग और मंडी बोर्ड के कुल 103 नोडल अधिकारी शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही किसानों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया के इलावा प्रगतिशील किसानों की वीडीयोज़ दूसरे किसान की प्रेरणा हित बना कर किसानों के वाटसऐप ग्रुपों में भेजी जा रही है।
इस दौरान अलग -अलग कृषि माहिरों ने धान की सीधी बिजाई तकनीक बारे विस्तार के साथ जानकारी देते बताया कि इस तकनीक के द्वारा पानी बचाने के लिए शाम के समय बिजाई करनी चाहिए और सिफारिश किए नदीननाशक का इस्तेमाल भी बिजाई से तुरंत बाद करना चाहिए। इस मौके किसान सुखविन्दर सिंह और गगनदीप सिंह गाँव दिवाली, केवल सिंह गाँव जमशेर और सुखबीर सिंह गाँव जमशेर ने भी सीधी बिजाई सम्बन्धित अपने अनुभव सांझा किए।
इस मौके कृषि अधिकारी डा. नरेश कुमार गुलाटी, कृषि अधिकारी डा. गुरिन्दरजीत सिंह, कृषि अधिकारी जालंधर पूर्वी डा.बलकार चंद, एग्रीकल्चर इंजीनियर मनमोहन कालिया, सहायक कृषि इंजीनियर नवदीप सिंह, कृषि विकास अधिकारी मनदीप सिंह, कृषि अधिकारी अरुण कोहली, और ब्लाक जालंधर पूर्वी अधीन काम कर रहा स्टाफ और डी एस आर योजना के अंतर्गत काम कर रहे नोडल अधिकारी भी मौजूद थे।