डेंगू से बचने के लिए स्कूल के बच्चों को किया जाए जागरूक

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर, 15 सितम्बर; जिले में डेंगू को फैलने से रोकने और इसके कारण होने वाले मच्छरों को खत्म करने के उद्देश्य से आज अतिरिक्त उपायुक्त सुरिंदर सिंह के नेतृत्व में डेंगू टास्क फोर्स की बैठक हुई। बैठक का नेतृत्व करने वाले अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि डेंगू से बचने के लिए प्रत्येक शुक्रवार को शुष्क दिन के रूप में मनाया जाना चाहिए और जिन स्थानों पर डेंगू के लार्वा पाए जाते हैं, उनका चालान किया जाना चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य, नगर निगम और अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस बार डेंगू के काटने को हर कीमत पर फैलने से रोका जाए और पिछले साल प्रभावित क्षेत्रों में दवा के छिड़काव पर अधिक जोर दिया जाए।

उन्होंने कहा कि इसके लिए संबंधित विभाग की जिम्मेदारी तय की जाएगी। चूंकि यह मच्छर शहर में अधिक फैल रहा है, इसलिए उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया कि स्वास्थ्य विभाग जहां भी कहे, मच्छर मारने वाली दवा का तुरंत छिड़काव किया जाए। उन्होंने शिक्षा विभाग से स्कूलों में छात्रों को डेंगू के लक्षणों और रोकथाम के बारे में शिक्षित करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों के रिकॉर्ड से पता चलता है कि डेंगू गांवों की तुलना में शहर में अधिक फैलता है, इसलिए यह नगर निगम की जिम्मेदारी है कि वह पानी को रुकने न दे और जहां पानी ठहरे वहां समय-समय पर दवा का छिड़काव करें। बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ. चरणजीत सिंह ने बताया कि 2022 के इस महीने तक कुल 780 संदिग्ध मामले मिले हैं. जिनमें से 15 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 1762 चालान भी जारी किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के निर्देश के मुताबिक डेंगू के लार्वा मिलने पर 500 रुपये का चालान भी किया जाता है.
इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मदन मोहन ने कहा कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में पैदा होता है और जो पानी सात दिनों तक खड़ा रहता है, वहां मच्छर तैयार हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि हम घरों, दुकानों, दफ्तरों और अन्य जगहों पर अतिरिक्त सामान साफ ​​करते रहें, जिसमें बारिश का पानी जमा हो सके। इसके अलावा पौधे लगाने के लिए रखे कूलरों, गमलों या बोतलों में पानी हर हफ्ते बदलें। उन्होंने कहा कि डेंगू के मच्छर सामान्य मच्छरों से बड़े होते हैं और इनके शरीर पर धारियां होती हैं। यह सुबह या शाम को काटता है और तेज डंक मारता है। यह आमतौर पर पर्दे, फोटो फ्रेम, टेबल और कुर्सियों या अन्य ठंडी जगहों के नीचे पाया जाता है। डेंगू के काटने के बाद के लक्षण – जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मदन ने कहा कि डेंगू का मच्छर जब काटता है तो तेज बुखार, आंखों में दर्द होता है। ऐसे में सिर्फ पैरासिटामोल दवा ही दी जा सकती है, दूसरी कोई दवा न लें। उन्होंने कहा कि डेंगू के मच्छर के काटने के बाद अगर मरीज ज्यादा तरल पदार्थ पीता है तो कोई खतरा नहीं है।

डॉ मदन ने अपील की कि हम सभी को अपने घरों या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों जैसे टूटे हुए बर्तन, बर्तन, कूलर, क्षतिग्रस्त टायर, गटर कवर में छोटे छेद, पक्षियों के लिए रखा पानी आदि आदि में खड़े पानी की अनुमति नहीं देनी चाहिए। पानी भी हर 7 दिन में बदलना चाहिए। इससे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि से बचाव हो सकता है। डॉ। मदन ने कहा कि इस बार हमें और सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि सर्दी में भी डेंगू के मामले सामने आए हैं। इस अवसर पर जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. कंवलजीत सिंह, डॉ. राघव गुप्ता, डॉ. मदन मोहन, डॉ. इशिता, डॉ. सुमित, अमनदीप सिंह जिला मीडिया मास ऑफिसर, राजेश शर्मा जिला शिक्षा अधिकारी मनजिंदर सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव देवगन प्राचार्य मेडिकल कॉलेज सतीश कुमार जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी इकबाल सिंह डीएसपी। वहीं विभिन्न प्रखंडों के वरिष्ठ मंडल अधिकारी, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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