कल्याण केसरी न्यूज़ रुड़का कलां (जालंधर), 7 अक्टूबर ;अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) वरिंदरपाल सिंह बाजवा ने आज किसानों से पराली न जलाने और विभिन्न उपकरणों/मशीनों का उपयोग करके इसका प्रबंधन करने की अपील की।अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने धान की पराली के उचित प्रबंधन के संबंध में यहां ब्लॉक रुरका कलां में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पंजाब द्वारा आयोजित ब्लॉक स्तरीय किसान प्रशिक्षण कैंप को संबोधित करते हुए कहा कि पराली का उचित प्रबंधन समय की मुख्य आवश्यकता है, जिसके लिए पंजाब सरकार की ओर से सब्सिडी पर अत्याधुनिक मशीनरी मुहैया कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान जिले में लगभग 4520 विभिन्न कृषि मशीनें उपलब्ध हैं और अन्य 800 मशीनों के लिए स्वीकृति मिल चुकी है। उन्होंने किसानों से पराली के उचित प्रबंधन के लिए इन-सीटू और एक्स-सीटू व्यवस्थाओं को अपनाने का आग्रह किया और गांव के सरपंचों को आगे आने और किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करने के लिए आमंत्रित किया।
इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डॉ जसवंत राय ने कहा कि सब्सिडी पर मशीनरी उपलब्ध कराने के अलावा किसानों को पराली न जलाने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। पराली जलाने के दुष्परिणामों से अवगत कराने के लिए स्कूलों में बच्चों को जागरूक करने के साथ-साथ गांवों में वॉल पेंटिंग भी बनाई गई हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस दौरान अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने मुख्य कृषि अधिकारी के साथ ब्लॉक कृषि कार्यालय का भी दौरा किया और कैंप स्थल पर एकीकृत कृषि मॉडल के बारे में ब्लॉक अधिकारी द्वारा दी गई प्रस्तुति को देखा गया।इस अवसर पर डॉ. संजीव कुमार कटारिया के नेतृत्व में कृषि विज्ञान केंद्र नूरमहल से रुपिंदर चंदेल, डॉ. ऋतुराज, डॉ. बलजीत कौर ने किसानों को खेतों में धान की पराली के रख-रखाव, कृषि यंत्रों के रख-रखाव, कृषि में मौसम की जानकारी के महत्व आदि की जानकारी दी। इस कैंप को सफल बनाने के लिए बीडीपीओ रुड़का कलां राम पाल राणा, कृषि विकास अधिकारी डॉ. रमनदीप, कृषि विस्तार अधिकारी गुरभगत सिंह और ब्लॉक कृषि अधिकारी रुड़का कलां डॉ. रणजीत सिंह ने विशेष योगदान दिया। कृषि विज्ञान केंद्र नूरमहल एवं सोमा स्वयं सहायता समूह द्वारा प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।