कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर, 10 अक्टूबर ; जिले में धान की पराली जलाने वाले किसानों पर अब तक 253,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है और टीम लगातार आग वाले खेतों में पहुंच रही है। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त हरप्रीत सिंह सूदन ने कहा कि अब तक हमारी टीम 312 स्थानों पर जा चुकी है जहां सेटेलाइट के माध्यम से आग लगने की सूचना मिली थी, जिसमें से 131 खेतों में आग लगने की पुष्टि हुई और उक्त किसानों पर जुर्माना लगाया गया। उन्होंने किसानों को आगाह करते हुए कहा कि हमारी नजर हर खेत पर है और जो भी पराली जलाएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि एक एकड़ धान की फसल से करीब ढाई से तीन टन भूसा पैदा होता है और एक टन पुआल जलाने से 400 किलो जैविक कार्बन, 5.5 किलो नाइट्रोजन, 2.3 किलो फास्फोरस, 2.5 किलो पोटाश नष्ट होता है. और 12 किलो सल्फर।। इसलिए किसान धान के पराली को जलाने के बजाय उसे जमीन में मिलाकर गेहूं की बुवाई करें। उन्होंने कहा कि कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान की भूसी को खेतों में मिलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है, खाद कम डालने की आवश्यकता होती है तथा फसलों पर कीटों का आक्रमण भी कम होता है। अनुकूल कीड़े।उपायुक्त ने आगे कहा कि जिले में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए पंजाब सरकार ने सब्सिडी के आधार पर कृषि मशीनरी उपलब्ध कराई है और इसके अलावा धारा 144 के तहत आदेश भी जारी किया गया है कि जिस किसान के पास कृषि मशीनरी है वह उपलब्ध है. बुवाई के बाद, वह अन्य किसानों को उचित मूल्य पर मशीनरी किराए पर देने के लिए बाध्य है ताकि फसल अवशेष का निपटान किया जा सके। उन्होंने कहा कि आग की घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न उड़नदस्ते भी तैयार किए गए हैं जो तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करेंगे। उन गांवों के पंच-सरपंचों और नंबरदारों सहित आम जनता से एक अपील; मैंने उनसे इस गंभीर मुद्दे पर सरकार का सहयोग करने को कहा है, ताकि जमीन और पानी को बचाया जा सके।