डेंगू से बचाव के लिए चालान जारी करने में जिला अमृतसर अग्रणी रहा है

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर, 9 नवंबर 2022: जिला वासियों को डेंगू के काटने से बचाने के लिए उपायुक्त हरप्रीत सिंह सूदन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक कर अब तक की रिपोर्ट पर चर्चा की। उपायुक्त ने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार जिले के लोगों को डेगू से बचाने के लिए प्रत्येक शुक्रवार को शुष्क दिवस के रूप में मनाया जाए और डेंगू के लार्वा पाए जाने वाले स्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य, नगर निगम और अन्य अधिकारियों की तारीफ करते हुए कहा कि इस बार डेंगू के मामले पहले से ज्यादा नियंत्रण में हैं. जिससे साफ है कि आपने बेहतर काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में दवा के छिड़काव पर अधिक जोर दिया जाए और एक सप्ताह के बाद छिड़काव सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने शिक्षा विभाग से स्कूलों में छात्रों को डेंगू के लक्षणों और रोकथाम के बारे में शिक्षित करने के लिए भी कहा।

बैठक को संबोधित करते हुए अमृतसर के सिविल सर्जन डॉ. चरणजीत सिंह ने कहा कि जिले में अब तक डेंगू के 230 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से करीब 80 मामले बाबा बकाला साहिब अनुमंडल के हैं। उन्होंने कहा कि हमारी टीमें लगातार डेंगू के लार्वा की जांच कर रही हैं और हमने अब तक 170 चालान जारी किए हैं। जो राज्य में सबसे ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल अमृतसर, गुरु नानक मेडिकल कॉलेज और अजनल अस्पताल में डेंगू की जांच के लिए विशेष प्रयोगशालाएं हैं, जहां नि:शुल्क जांच की जाती है। उन्होंने जिले के निवासियों से अपील की कि बुखार होने पर सरकारी अस्पतालों में जांच कराकर इलाज कराएं। इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मदन मोहन ने कहा कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में पैदा होता है और जो पानी सात दिनों तक खड़ा रहता है, वहां मच्छर तैयार हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि हम घरों, दुकानों, दफ्तरों और अन्य जगहों पर अतिरिक्त सामान साफ ​​करते रहें, जिसमें बारिश का पानी जमा हो सके। इसके अलावा पौधे लगाने के लिए रखे कूलरों, गमलों या बोतलों में पानी हर हफ्ते बदलें। उन्होंने कहा कि डेंगू के मच्छर सामान्य मच्छरों से बड़े होते हैं और इनके शरीर पर धारियां होती हैं। यह सुबह या शाम को काटता है और तेज डंक मारता है। यह आमतौर पर पर्दे, फोटो फ्रेम, टेबल और कुर्सियों या अन्य ठंडी जगहों के नीचे पाया जाता है।
डेंगू के काटने के बाद के लक्षण – जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मदन ने कहा कि डेंगू का मच्छर जब काटता है तो तेज बुखार, आंखों में दर्द होता है। ऐसे में सिर्फ पैरासिटामोल दवा ही दी जा सकती है, दूसरी कोई दवा न लें। उन्होंने कहा कि डेंगू के मच्छर के काटने के बाद अगर मरीज ज्यादा तरल पदार्थ पीता है तो कोई खतरा नहीं है।डॉ मदन ने अपील की कि हम सभी को अपने घरों या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों जैसे टूटे हुए बर्तन, बर्तन, कूलर, क्षतिग्रस्त टायर, गटर कवर में छोटे छेद, पक्षियों के लिए रखा पानी आदि आदि में खड़े पानी की अनुमति नहीं देनी चाहिए। पानी भी हर 7 दिन में बदलना चाहिए। इससे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि से बचाव हो सकता है। डॉ। मदन ने कहा कि इस बार हमें और सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि सर्दी में भी डेंगू के मामले सामने आए हैं। इस अवसर पर डी.डी.पी.ओ सतीश कुमार, डीईओ राजेश कुमार, जसबीर सिंह, सहायक सिविल सर्जन डॉ. राजिंदरपाल कौर सहित सभी चिकित्सा अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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