कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर, 20 दिसंबर 2022–कृषि विविधिकरण के लिए पंजाब सरकार की पहल के तहत अतिरिक्त उपायुक्त (जे) सुरिंदर सिंह की अध्यक्षता में आज जिला प्रशासनिक परिसर अमृतसर में फसल विविधीकरण विषय पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।इस मीटिंग में कृषि निदेशालय पंजाब से संयुक्त निदेशक कृषि (पौधा संरक्षण) डॉ. राज कुमार उपस्थित थे । इस बैठक में परमल धान के रकबे को हटाकर बासमती किस्म के अंतर्गत लाने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया।
मुख्य कृषि अधिकारी अमृतसर स. जतिंदर सिंह गिल ने कहा कि अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन आदि सीमावर्ती जिलों का वातावरण बासमती की खेती के लिए बहुत उपयुक्त है।इस क्षेत्र में उगाई जाने वाली बासमती की सुगंध बहुत ही सुगन्धित होती है। बासमती किस्मों की खेती से भूजल की बचत होती है और इस फसल के निर्यात से राज्य के किसानों को अधिक आर्थिक लाभ होता है। पंजाब राइस मिलिंग एंड एक्सपोर्ट एसोसिएशन के निदेशक अशोक सेठी, अरविंदरपाल सिंह, आशीष अरोड़ा और अमित मारवाहा भी उपस्थित थे।जिन्होंने बासमती के निर्यात से संबंधित कीटनाशक अवशेषों से होने वाली समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में हर साल बासमती चावल की मांग में 10% की वृद्धि होती है और मांग की कि अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए अगले सीजन के दौरान बासमती की खेती के तहत अधिक क्षेत्र लाया जाए।इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त सुरिन्दर सिंह ने मुख्य कृषि अधिकारी को फसल 2023 के दौरान अमृतसर जिले में बासमती के तहत 1.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र लाने का लक्ष्य निर्धारित करने के लिए कहा। इस बैठक में कृषि अधिकारी डॉ. तजिंदर सिंह, विषय विशेषज्ञ (पीपी) अमृतसर, डॉ. रमन कुमार, डॉ. परजीत सिंह, डॉ. रशपाल सिंह (एडी) भी मौजूद रहे ।