कल्याण केसरी न्यूज़ जालंधर: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के साथ शनिवार को बल्लाँ में गुरू रविदास वाणी अध्ययन केंद्र का नींव पत्थर रखा और काम शुरू करने के लिए 25 करोड़ रुपए की पहली किस्त संत निरंजन दास जी को सौंपी।मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविन्द केजरीवाल ने डेरा सचखंड बल्लाँ में माथा टेका और डेरा सचखंड बल्लाँ के प्रमुख संत निरंजन दास जी से आशीर्वाद लिया। भगवंत मान ने उम्मीद जताई कि यह शिक्षा केंद्र श्री गुरु रविदास जी की वाणी संबंधी व्यापक अनुसंधान और अध्ययन करने के लिए मील पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह केंद्र भक्ति लहर के अग्रणी श्री गुरु रविदास जी की शिक्षाओं को दुनिया के कोने-कोने में प्रचार करने में भी सहायक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उनको महान धार्मिक नेताओं की चरण छू प्राप्त इस पवित्र स्थान के दर्शन करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि इस धरती ने हमेशा विश्व शांति, आपसी-भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भावना का संदेश दिया है। भगवंत मान ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अंबेडकर के दिखाए मार्ग पर चलते हुए राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजग़ार और अन्य क्षेत्रों को सबसे अधिक प्राथमिकता दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने इन क्षेत्रों में पहले ही कई पहलें की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में पहले ही नए युग की शुरुआत की है। भगवंत मान ने कहा कि यह गरीब हितैषी पहल आम लोगों के जीवन को बदलने में बहुत सहायक सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बड़ी-बड़ी शेखियाँ मारने में विश्वास नहीं रखते, बल्कि समाज के लिए जो अच्छा हो, वही काम करते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रतिष्ठित परियोजना के लिए फंड की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना पर काम शुरू करने के लिए पहले ही डिप्टी कमिश्नर के खाते में पैसे ट्रान्सफर किए जा चुके हैं। भगवंत मान ने कहा कि पहले गरीबों के कल्याण के बड़े-बड़े दावे किए जाते थे परन्तु असली अर्थों में काम किसी ने नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों को उनके नेता होने का दावा करने वालों ने ही नजऱअन्दाज किया है। उन्होंने लोगों को याद करवाया कि पिछली सरकारों ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के पैसे निगलकर गरीब विद्यार्थियों का भविष्य बर्बाद कर दिया। भगवंत मान ने कहा कि इसके उलट हमारी सरकार आम आदमी की मुश्किलों को दूर करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने पहली जुलाई से प्रति माह 300 यूनिट मुफ़्त बिजली देने की गारंटी पूरी की है। उन्होंने कहा कि यह बड़े गर्व और स्ंतुष्टी की बात है कि नवंबर-दिसंबर, 2022 के महीनों के दौरान राज्य के 87 फीसदी परिवारों के बिजली बिल ज़ीरो आए हैं। भगवंत मान ने कहा कि वह एक आम परिवार से सम्बन्ध रखते हैं और आम आदमी को पेश मुश्किलों से भली-भाँति अवगत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत बाबा निरंजन दास जी के नेतृत्व वाली गुरू रविदास वाणी अध्ययन केंद्र प्रबंधक समिति, इस केंद्र के समूचे मामलों का प्रबंध देखेगी। उन्होंने आगे बताया कि समिति में ग़ैर-सरकारी सदस्यों के अलावा सचिव पर्यटन, सचिव एस.सी./बी.सी. कल्याण, वित्त सचिव और स्थानीय डिप्टी कमिश्नर इसके सदस्य होंगे। भगवंत मान ने बताया कि डायरैक्टर पर्यटन और सांस्कृतिक मामले समिति के सदस्य सचिव होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति द्वारा इस मंतव्य के लिए अपेक्षित ज़मीन की खरीद समेत केंद्र के विकास सम्बन्धी आगे की कार्यवाही संबंधी फ़ैसला लिया जाएगा। उन्होंने आशा अभिव्यक्त की कि यह केंद्र गुरू रविदास जी की विचारधारा को और अधिक प्रफुल्लित करने के लिए प्रकाशस्तम्भ का काम करेगा, जिससे हमारी आने वाली पीढिय़ाँ उनकी वाणी से प्रेरणा ले सकें। भगवंत मान ने कहा कि यह केंद्र गुरू रविदास जी की पवित्र वाणी के अलग-अलग पहलुओं पर अनुसंधान करने के लिए गुरू जी के जीवन और फलसफे संबंधी अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों और अनुसंधान विद्वानों की सुविधा के लिए अहम साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि पंजाब में अमन-शांति, आपसी-भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भावना को हर कीमत पर कायम रखना राज्य सरकार का कर्तव्य बनता है। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा का युग है और विश्व भर में ज्ञान और माहिर लोगों की अलग पहचान है, जिसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार पंजाब में शिक्षा को प्रफुल्लित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। भगवंत मान ने कहा कि वह नौजवानों के हाथों में किताबें, लैपटॉप, नौकरियाँ, तरक्की और मैडल देखना चाहते हैं, न कि हथियार।
इस दौरान संत निरंजन दास जी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को सिरोपाओ डालकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ., कुलदीप सिंह धालीवाल, लाल चंद कटारूचक्क, राज्य सभा सदस्य राघव चड्ढा और संत बलबीर सिंह सीचेवाल उपस्थित थे।