कल्याण केसरी न्यूज़ जालंधर, 28 जून; डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने बुद्धवार को जिले में बाढ जैसी स्थिति पैदा होने की संभावना के मद्देनज़र बाढ़ कंट्रोल प्रबंधों का जायज़ा लिया और सभी विभागों की तरफ से तैयार की गई आगामी योजना की समीक्षा की।
यहाँ ज़िला प्रशासकीय कंपलैक्स में सभी विभागों की उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते डिप्टी कमिश्नर ने बाढ की रोकथाम के लिए सभी प्रबंधों को मुकम्मल करने के लिए विस्थारित कार्यप्रणाली बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि बरसात कारण किसी भी असुखद घटना से बचाव के लिए 24 घंटे निगरानी रखना ज़रूरी है। श्री सारंगल ने अधिकारियों को जल भंडार में से अधिक पानी छोड़े जाने की संभावना के मद्देनज़र नुक्सान को कम से कम करने के लिए बाढ़ संभावित संवेदनशील स्थानों को मज़बूत करने के भी निर्देश दिए।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि ज़िला प्रशासन की तरफ से बरसात के सीजन के चलते किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पहले ही पुख़्ता प्रबंध यकीनी बनाए गए है। उन्होंने कहा कि हर विभाग की तरफ से आगामी योजना तैयार की गई है, जो कि किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने आगे कहा कि बाढ की स्थिति में निकासी योजना को पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है और संवेदनशील स्थानों के साथ-साथ सुरक्षित स्थानों की भी पहचान की जा गई है, जहाँ ज़रूरत पड़ने पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को तबदील किया जाएगा।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि उनकी तरफ से तहसील स्तर पर बाढ़ कंट्रोल रूम स्थापित करने के लिए पहले ही निर्देश जारी किए जा चुके है,जिससे बाढ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पूरे तालमेल के साथ यत्न किए जा सकें। उन्होंने कहा कि बाढ की 24 घंटे निगरानी को यकीनी बनाने के लिए प्रशासन की तरफ से ज़िला स्तर पर बाढ़ कंट्रोल रूम 01812224417 पहले ही स्थापित किया जा चुका है।
उन्होंने आगे कहा कि पुलिस, पशु पालन, ख़ुराक और सिविल स्पलाईज़, बिजली, जंगलात और अन्य महत्वपूर्ण विभागों को भी अपने कंट्रोल रूम स्थापित करने चाहिएं, जिससे लोग किसी भी हंगामी स्थिति में उनके साथ संपर्क कर सकें।
डिप्टी कमिश्नर ने बाढ के हालात में इस स्थिति से निपटने के लिए ख़ुराक और स्पलाईज़, सिंचाई, बिजली, ड्रेनेज, नगर निगम और पुलिस विभाग की तरफ से किए प्रबंधों का जायज़ा भी लिया गया।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को हिदायत करते हुए कहा कि मैडीकल टीमें को ज़रुरी समान सहित तैयार रखा जाए, जिससे किसी भी तरह की असुखद स्थिति से बचा जा सके। इसी तरह ख़ुराक और सिविल स्पलाईज़ विभाग को सुखा राशन तैयार रखने के निर्देश दिए गए, जिससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में इसको बँटा जा सके। डिप्टी कमिश्नर की तरफ से अन्य प्रबंधों के इलावा टायलट ब्लाक, रिकवरी वैन, एस.डी.आर.एफ. /एन.डी.आर.एफ. टीमें से तैनाती, बाढ के साथ पूर करने वाले उपकरण, गाँव स्तर पर गोताखोरों की पहचान, चारा, सुरक्षित स्थानों की पहचान, संचार योजना की तैयारी, जे.सी.बी. मशीनें, पीने वाले पानी आदि के प्रबंधों का भी जायज़ा लिया गया।
डिप्टी कमिशनर ने सतलुज दरिया के बाँध को मज़बूत करने के काम का भी जायज़ा लिया और आधिकारियों को सभी चल रहे कामों को मानसून की शुरुआत से पहले मुकम्मल करने के आदेश दिए। उन्होंने एस.डी.एमज़ को सब डिविज़न स्तर पर भी एक आगामी योजना तैयार करने के लिए कहा जिससे बाढ के साथ निपटने के लिए बढिया तालमेल वाली पहुँच अपनाई जा सके।
उन्होंने आधिकारियों को सतलुज दरिया के साथ लगती सभी माइनिंग साईटें पर 1 जुलाई, 2023 से माइनिंग गतिविधियों बंद करने के निर्देश दिए और सम्बन्धित आधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर इन साईटों का दौरा करने की हिदायतें दीं। इसी तरह उन्होंने एस.डी.ऐमज़ को सतलुज दरिया के किनारे चल रहे धुस्सी बाँध की मज़बूती के कामों का निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए। एस.एच.ओज को बाढ़ प्रभावित गाँवों पर नज़र रखने के लिए कहा, जिससे किसी भी तरह की बाढ़ जैसी स्थिति के साथ निपटा जा सके।
डिप्टी कमिश्नर की तरफ से नगर निगम को मानसून से पहले सीवरेज, ड्रेनेज की सफ़ाई यकीनी बनाने की हिदायतें
समीक्षा मीटिंग दौरान डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने नगर निगम के अधिकारियों को बरसात के मौसम से पहले सफ़ाई के काम मुकम्मल करने की हिदायतें दी। डिप्टी कमिशनर ने आधिकारियों को जैटिंग मशीनें लगा कर सड़कों के नालियों, सीवरेज व्यवस्था की समय सिर सफ़ाई यकीनी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने निचले इलाकों, जहाँ पहले पानी एकत्रित के मामले सामने आते रहे है, की तरफ विशेष ध्यान देने के लिए कहा।
इसी तरह उन्होंने नगर निगम को बारिश दौरान फ़ाल्तू वाटर पंपों की उपलब्धता को यकीनी बनाने के लिए कहा, जिससे पानी जमा होने की स्थिति के साथ निपटा जा सके। उन्होंने जालंधर नगर निगम को बाढ़ प्रबंधन बारे विस्थारित रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए, जिससे मानसून दौरान शहर को पानी इकट्ठा होने वाली स्थिति का सामना न करना पड़े।
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