कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर, 13 दिसंबर; -मजीठा तहसील के गांव लुद्धार में अधूरी पड़ी इमारत, जो कभी धर्मशाला के लिए बनाई गई थी, लेकिन कभी तैयार नहीं हुई, उसे मजीठा के एसडीएम डॉ. को सौंप दिया गया। हरनूर कौर ढिल्लों ने इसे लाइब्रेरी के लिए बदल कर नए साल से पहले क्षेत्र के लोगों को तोहफा दिया है।यह भवन कई वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने धर्मशाला के लिए बनवाना शुरू किया था, लेकिन पैसे के अभाव में काम बीच में ही रुक गया और ग्रामीणों ने दूसरी ओर धर्मशाला का निर्माण करा दिया। निर्माण कार्य बीच में ही रुक गया, जिसकी छत गिर गयी, लेकिन न प्लास्टर, न फर्श, न दरवाजे, खिड़कियां और न ही दीवारें, असामाजिक तत्वों की शरणस्थली बन गयी है. जब ग्राम पंचायत के प्रबुद्ध लोगों ने मतदान किया
इस भवन को अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग करने का निर्णय विभाग अथवा उपखण्ड मजिस्ट्रेट डाॅ. ढिल्लों ने इमारत का सर्वेक्षण किया और ग्रामीणों के सामने इसे एक पुस्तकालय बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे ग्रामीणों ने स्वीकार कर लिया।डॉ. ढिल्लों ने ग्रामीणों को अच्छे पक्ष में लाने के लिए क्षेत्र में टोल टैक्स की शुरुआत की। आर। बी। नामित कंपनी से बात की और उन्हें अपनी कॉर्पोरेट के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों में भाग लेने के लिए राजी किया।कंपनी प्रबंधन ने क्षेत्र के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की जन-समर्थक राय को ध्यान में रखते हुए पैसा खर्च करके इस इमारत को एक सुंदर पुस्तकालय में बदल दिया। यहां बड़ों के बैठने के लिए आंगन में बेंचें भी लगाई गईं और युवाओं और बच्चों के लिए एक अद्भुत लाइब्रेरी बनाई गई। मैं। आर। बी डॉ. हरनूर कौर ढिल्लों ने इसका उद्घाटन किया और ज्ञान का यह स्रोत ग्रामीणों को सौंपा। इस अवसर पर डाॅ. ढिल्लों ने जहां कंपनी प्रबंधन को धन्यवाद दिया, वहीं ग्रामीणों ने भी इस इमारत के छोटे से मुद्दे को उनके ध्यान में लाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।उन्होंने कहा कि अगर यहां के प्रबुद्ध लोग इस बंद पड़े भवन को मेरे संज्ञान में नहीं लाते तो यह भवन इसी तरह बर्बाद हो गया होता, लेकिन आज यह ज्ञान का घर बन गया है, जिसमें काम करके मुझे भी बेहद खुशी हो रही है ।