एडीसी ने मौके पर पहुंचकर खेतों में लगी आग को बुझाया
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 15 अक्टूबर 2024: खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में अचानक वृद्धि के संबंध में, डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने सभी प्रतिभागियों को कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अब से ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले नोडल अधिकारियों और संबंधित एसएचओ/बीट अफसर अधिकारियों के खिलाफ हवा गुणवत्ता प्रबंधन कमिशन की हिदायतों अनुसार अदालत में केस दायर किए जाएंगे। गौरतलब है कि आयोग ने 10 अक्टूबर, 2024 के अपने आदेश में कहा है, ”धारा एल4(2) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, आयोग, पंजाब, हरियाणा, एनसीआर राजस्थान और उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों और दिल्ली एनसीआर के उपायुक्तों/जिला कलेक्टरों/जिला मजिस्ट्रेटों को उनके संबंधित अधिकार क्षेत्र में धान की पराली जलाने से रोकने के लिए विभिन्न स्तरों और स्टेशनों पर तैनात नोडल अधिकारी, पर्यवेक्षी अधिकारी और स्टेशन हाउस अधिकारी जिला न्यायिक के पास शिकायत/मुकदमा दर्ज करने के लिए अधिकृत हैं। जिला न्यायिक मजिस्ट्रेट की अक्षमता के संबंध में मजिस्ट्रेट, जो आदेशों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं।”
डिप्टी कमिश्नर ने पराली में आग लगने की घटनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि ड्यूटी में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। सुप्रीम कोर्ट, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन की ओर से जारी निर्देशों के उल्लंघन पर अधिकारियों समेत सभी जिम्मेदार लोगों को जवाब दाखिल करना होगा।
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पराली प्रबंधन मशीनरी उपलब्ध होने के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा रही हैं। डिप्टी कमिश्नर ने एसडीएम को किसानों तक इन मशीनों की पहुंच बढ़ाने का निर्देश दिया और कहा कि किसानों को आग लगने की घटनाओं से बचाने के लिए सभी नोडल अधिकारी अधिक सतर्क रहें। इसी बीच आज खेतों में काम कर रही टीमें खेतों में पहुंची और आग बुझाई। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे पराली प्रबंधन के लिए हमारे हेल्पलाइन नंबर 0183-2229125 पर संपर्क करें।
एडीसी ज्योति बाला और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक्सियन सुखदेव सिंह जब लोपोके में इस संबंध में जांच कर रहे थे तो उन्होंने सामने पराली में आग लगी देखी और आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को बुलाया। उन्होंने ग्राम स्तर पर काम कर रहे नोडल अधिकारियों की भी जांच की और उन्हें चेतावनी दी कि किसी भी खेत में पराली में आग लगने की स्थिति में आपका पहुंचना बहुत जरूरी है और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए किसानों को भी सचेत करना चाहिए।