किसान दलबीर सिंह पिछले चार साल से बिना पराली जलाए खेती कर रहा है
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 6 नवंबर 2024: पराली जलाने से रोकने के लिए जहां सरकारी अधिकारी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, वहीं जिले के कुछ जागरूक किसान ऐसे भी हैं, जो पिछले कई वर्षों से पराली को खेतों में जोतकर गेहूं की बुआई करते आ रहे हैं। इन किसानों का मानना है कि खेतों में पराली डालने से फसलों की पैदावार लगातार बढ़ रही है। सुपर सीडर से गेहूं की बिजाई कर रहे गांव भुल्ले चक्क नजदीक अजनाला के किसान दलबीर सिंह ने बताया कि वह पिछले चार साल से पराली को आग लगाए बिना गेहूं की बिजाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से हमारी फसलों की पैदावार बढ़ गई है और जमीन जुताई के लिए नरम हो गई है। उन्होंने कहा कि मैंने भी एक साल में तीन फसलें देखी हैं लेकिन पैदावार सामान्य लोगों से ज्यादा होती है। इस साल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस साल मैंने कुछ खेतों में गेहूं काटने के बाद जानवरों के चारे के लिए मक्का लगाया, फिर मैंने बासमती की खेती की और अब बासमती की कटाई के बाद मैंने देखा कि इसकी पैदावार अन्य खेतों की तुलना में अधिक है। उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ लगभग पचास क्विंटल उपज प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि मुझे कृषि विभाग से ऐसा करने की प्रेरणा मिली और उनकी बात सुनकर मैंने इसे प्रयोग के तौर पर करना शुरू किया, जिसके अच्छे परिणाम मिले।
गौरतलब है कि इस समय डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी के नेतृत्व में जिले के सभी अधिकारी पराली की आग को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं। कई खेतों में पराली के बाद गेहूं की सीधी बिजाई देखकर कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और डिप्टी कमिश्नर खुद किसानों का हौसला बढ़ाने पहुंचे हैं। धालीवाल ने कहा कि जो भी किसान पर्यावरण की भलाई के लिए आगे आएगा हमारी सरकार उसकी मदद करने को तैयार है।