बिना अनुमति चल रहे ‘बाल घर’ संचालक को हो सकती है 1 साल की सजा: जिला बाल संरक्षण अधिकारी

कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 28 नवम्बर 2024: जिला बाल संरक्षण अधिकारी, अमृतसर तरणजीत सिंह ने बताया कि अमृतसर जिले में कोई भी बाल गृह, जिसमें 0 से 18 वर्ष की आयु के अनाथ और असहाय बच्चों या विकलांग बच्चों के लिए कोई भी बाल गृह शामिल है, जो जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 41 के तहत है (1) के तहत पंजीकृत नहीं हैं, उन पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 42 के अनुसार बाल गृह के प्रमुख पर विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 1 वर्ष एक लाख रुपए का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा बनाए गए जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के अनुसार कोई भी ऐसा बाल गृह जो किसी सरकारी गैर सरकारी संस्था द्वारा चलाया जा रहा हो, जिसमें 0 से. 18 साल के अनाथ और निराश्रित बच्चों या विकलांग बच्चों को आवास और भोजन और देखभाल प्रदान की जाती है और उन्हें सरकार से ग्रांट मिलती है या नहीं, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 41(1) के तहत पंजीकरण कराना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि सरकारी एवं गैर सरकारी संस्था द्वारा रजिस्ट्रेशन के लिए सबंधित जिले के डिप्टी कमिश्नर को जुवेनाइल जस्टिस (बच्चों की सुरक्षा और देखभाल) अधीन निवेदन पत्र दिया जाना है, जिस पर जिला स्तरीय निरीक्षण कमेटी द्वारा उक्त घर का निरीक्षण करने के बाद राज्य सरकार को डिप्टी कमिश्नर की सिफारिश सहित रजिस्ट्रेशन के लिए भेजा जाना है, उक्त अवधि के दौरान 6 महीने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन की जाती है और दस्तावेजों के पूर्ण सत्यापन के बाद स्थायी रूप से 5 वर्षों के लिए पक्के तौरपर रजिस्ट्रेशन की जाती है। अगर जिले में कोई ऐसा बाल घर चल रहा है जिसकी रजिस्ट्रेशन जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत नहीं हुई तो उसकी सूचना जिला प्रशासनिक परिसर, दूसरी मंजिल के कमरा नंबर 236-238 (फोन नंबर 98763-57202) पर दी जाए। यदि एनजीओ पंजीकृत नहीं है, तो उन्हें अपना अनुरोध पत्र जिला बाल संरक्षण इकाई को 05-12-2024 तक जमा करें।

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