कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर 2 जुलाई 2025:भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक देश स्तर पर तीन महीने का विशेष अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य हर जिले के हर ग्राम पंचायत स्तर पर वित्तीय समावेशन योजनाओं का पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है।इस संबंध में आज डिप्टी कमिश्नर कार्यालय अमृतसर में जिला सलाहकार समिति की विशेष बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता अमृतसर की अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर श्रीमती परमजीत कौर ने की। बैठक में ग्रामीण स्तर तक लगाए जाने वाले कैंपों पर चर्चा की गई।बैठक के दौरान जिला अमृतसर की चीफ एलडीएम सुश्री अपर्णा शर्मा ने कहा कि इन कैंपों का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत घर-घर बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करवाना और लोगों को साइबर क्राइम के बारे में जानकारी देना है।उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर कैंप लगाकर लोगों को जागरूक किया जाए कि वे अपने बैंक खाते अवश्य नामांकित करवाएं, ताकि बाद में उनके परिजनों को किसी प्रकार की शर्मिंदगी का सामना न करना पड़े। अपर्णा शर्मा ने बताया कि इस विशेष अभियान के तहत अमृतसर जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में विशेष कैंप लगाए जाएंगे। इन कैंपों में लोगों तक निम्नलिखित योजनाओं की जानकारी पहुंचाई जाएगी। जैसे कि पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई, एपीवाई और पीएमजेडीवाई और इसके अलावा अभियान में डिजिटल धोखाधड़ी की रोकथाम, री-केवाईसी, दावों का वितरण और खातों में नामांकन अपडेट करने पर भी ध्यान दिया जाएगा। बैठक के दौरान वित्तीय साक्षरता सलाहकार
उमेशनाथ जेटली ने कहा कि लोगों द्वारा अपने बैंक खाते नामांकित न करवाने के कारण बैंकों में लोगों के खातों में 72 हजार करोड़ रुपये पड़े हैं। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने उदगम नामक पोर्टल लांच किया है। इस पोर्टल पर जाकर लोग अपने परिवार के सदस्यों के खातों में पड़ी राशि का पता लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कई बार कुछ बुजुर्गों की अचानक मृत्यु हो जाने पर उनके परिजनों को उनके बैंक खातों की जानकारी नहीं मिल पाती या बैंक कॉपी खो जाने की स्थिति में वह राशि बंद खातों में ही रह जाती है। उन्होंने कहा कि लोग इस पोर्टल के माध्यम से बैंक से वह राशि प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों के बैंकों में दुर्घटना जीवन बीमा पॉलिसी होती है लेकिन वे अपने किसी भी पारिवारिक सदस्य की दुर्घटना होने पर उसकी एफआईआर या पोस्टमार्टम नहीं करवाते, जिसके कारण दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर बैंकों के लिए दुर्घटना बीमा उपलब्ध करवाना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि दुर्घटना में किसी भी पारिवारिक सदस्य की मृत्यु होने पर एफआईआर और पोस्टमार्टम अवश्य करवाया जाए। बैठक के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त मैडम परमजीत कौर ने कहा कि खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी गांवों में कैंप लगाने के लिए बैंकों को पूरा सहयोग देंगे और लोगों को बैंकों से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इस बैठक में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से श्री विनय कुमार महेश कुमार, बैंक ऑफ बड़ौदा से विकास गिरी, केनरा बैंक से दीपिका, जे.के. बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक से ज्योतिका जोशी और अन्य बैंकों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
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