सीजीसी झंझेरी अब बना सीजीसी यूनिवर्सिटी, मोहाली: नई सोच और तकनीक से लैस शिक्षा की ओर बड़ा कदम

कल्याण केसरी न्यूज़, मोहाली, 19 अगस्त 2025 (नरेन्द्र चावला): क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज़ (सीजीसी), झंझेरी ने आधिकारिक रूप से सीजीसी यूनिवर्सिटी, मोहाली के रूप में रूपांतरण की घोषणा कर दी है। यह घोषणा एक भव्य प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई, जो चंडीगढ़ स्थित जे डब्ल्यू मैरियट होटल में आयोजित की गई। यह परिवर्तन संस्था की 25 वर्षों से अधिक की प्रेरणादायक यात्रा में एक नया और बड़ा मोड़ है।
अब सीजीसी यूनिवर्सिटी, मोहाली भविष्य की पीढ़ी को टेक-ड्रिवन और उद्योग-केंद्रित शिक्षा प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित विकास, नवाचार और टेक-प्रथम लर्निंग का केंद्र बनाना है।
संस्थान का पाठ्यक्रम उद्योग के साथ मिलकर तैयार किया गया है और यह 50:50 शिक्षा मॉडल पर आधारित है, जिसमें आधी पढ़ाई फैकल्टी द्वारा और आधी अनुभवी इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स, सीईओ और एंटरप्रेन्योर्स द्वारा कराई जाती है। इसके माध्यम से छात्रों को न केवल नौकरियों के लिए, बल्कि भविष्य के डिजिटल युग में नेतृत्व के लिए भी तैयार किया जा रहा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिक्षा और उद्योग जगत की कई प्रतिष्ठित हस्तियां उपस्थित रहीं। प्रमुख अतिथियों में रशपाल सिंह ढिल्लों, फाउंडर चांसलर, सीजीसी यूनिवर्सिटी, मोहाली, अर्श ढिल्लों, मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉ. सुशील प्राशर, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, डीसीपीडी शामिल रहे।
इसके अलावा कॉरपोरेट और टेक्नोलॉजी सेक्टर से भी कई महत्वपूर्ण प्रतिनिधि उपस्थित थे, जिनमें गगन अग्रवाल, आईबीएम इंडिया, अमित चौधरी, टेक्निकल डायरेक्टर, केपीएमजी इंडिया, आनंद अखौरी, डायरेक्टर, ईवाई इंडिया, आशुतोष कुमार, वाइस प्रेसिडेंट, कॉग्निटेल, हर्ष छाबड़ा, हेड ऑफ लर्निंग एंड डेवलपमेंट (माइक्रोसॉफ्ट, ऑटोडेस्क, मेटा के चैनल पार्टनर), अहमद खालिद, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, इमार्टिकस लर्निंग शामिल हैं।
रशपाल सिंह ढिल्लों ने कहा, “यह विश्वविद्यालय मेरी सामाजिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर वर्ग के छात्र का अधिकार है, न कि किसी विशेष वर्ग का विशेषाधिकार। हमारा उद्देश्य है कि हर छात्र को सीखने, बढ़ने और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिले।”
मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अर्श ढिल्लों ने बताया कि उन्होंने अमेरिका की शिक्षा प्रणाली से प्रेरणा ली है और सीजीसी यूनिवर्सिटी को भारत का पहला “इंडस्ट्री-इंटीग्रेटेड लर्निंग कैपिटल” बनाने की कल्पना की है। उन्होंने कहा, “हम टेक-एनेबल्ड और इंडस्ट्री-फोकस्ड पाठ्यक्रम बना रहे हैं जो नवाचार और रोजगार की भाषा बोलते हैं।”
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि छात्रों को पढ़ाई के साथ ही ₹75,000 से ₹1,00,000 तक स्टाइपेंड आधारित इंटर्नशिप दी जाएगी, जिससे वे पढ़ाई के दौरान ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
डॉ. सुशील प्रशर ने बताया कि 50:50 लर्निंग मॉडल में छात्र किताबों के साथ-साथ लाइव प्रोजेक्ट्स, केस स्टडीज़ और बोर्डरूम लर्निंग से भी सीखेंगे। “हम इंडस्ट्री को कैंपस में ला रहे हैं और भविष्य के लीडर्स तैयार कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
सीजीसी यूनिवर्सिटी, मोहाली डिजिटल और वोकेशनल प्रोग्राम्स के माध्यम से ग्रामीण–शहरी कौशल अंतर को क्षेत्रीय भाषाओं में भरने का प्रयास कर रही है। यह विश्वविद्यालय टियर-2 और टियर-3 शहरों के फ्रीलांसरों और गिग इकॉनमी प्रोफेशनल्स को भी समर्थन देगा। छात्र सामाजिक अभियानों में भी भाग लेंगे और इंडस्ट्री मेंटर्स के साथ स्टार्टअप्स की शुरुआत करेंगे। इसके साथ ही, छात्र टीमों के माध्यम से भारत के ₹6.8 लाख करोड़ के एमएसएमई सेक्टर को डिजिटल और मार्केटिंग सपोर्ट भी दिया जाएगा।
विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है और यह स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया तथा डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं को भी सक्रिय रूप से समर्थन करता है। सीजीसी यूनिवर्सिटी, मोहाली अब अपने नए अध्याय की शुरुआत करते हुए यह संकल्प लेता है कि वह एक ऐसी पीढ़ी तैयार करेगा जो तकनीकी रूप से सक्षम, उद्योग-उन्मुख और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए पूरी तरह तैयार हो।

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