लगातार टीमें बनाकर बाढ प्रभावित इलाकों में भेजी जा रही राहत सामग्री

कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 2 सितंबर 2025: अमृतसर लोकसभा से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने पंजाब में आई भीषण बाढ़ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। औजला ने पत्र में हालात की गंभीरता को बताते हुए कहा कि पंजाब, खासकर अमृतसर बॉर्डर इलाका, अभूतपूर्व तबाही से जूझ रहा है। लगातार मूसलाधार बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों से आए तेज़ पानी ने निचले इलाकों को डुबो दिया है, जिससे हजारों परिवार बेघर हो गए हैं और किसानों की खड़ी फसलें तबाह हो चुकी हैं। सांसद औजला ने पत्र में नाराज़गी जताई है कि उनकी पहले की गई अपीलों को नज़रअंदाज़ किया गया। उन्होंने लिखा— “मैं नियंत्रित गुस्से और बेहद निराशा के साथ कहना चाहता हूं कि मेरी अपीलों को अनदेखा किया गया। पंजाब संकट में है और अब और चुप्पी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे स्वयं पंजाब का दौरा करें और केंद्र की एक उच्च स्तरीय टीम तुरंत भेजी जाए, ताकि वास्तविक स्थिति का आकलन हो सके। औजला ने कहा कि केवल एनडीआरएफ टीमों की तैनाती से समस्या का हल नहीं होगा, बल्कि एक विशेष राहत पैकेज की तत्काल आवश्यकता है जिससे प्रभावित परिवारों को मदद मिल सके और पंजाब पुनर्निर्माण की दिशा में आगे बढ़ सके। पत्र में औजला ने यह भी लिखा कि अमृतसर का महत्व सिर्फ एक सीमावर्ती शहर होने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की खाद्य सुरक्षा और अनाज भंडार का अहम केंद्र भी है। बाढ़ से हुई तबाही ने किसानों को भारी नुकसान पहुँचाया है और यह स्थिति पूरे देश की खाद्य आपूर्ति को प्रभावित कर सकती है। सांसद ने इस संकट को राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक दृष्टि से भी बेहद अहम बताया। उन्होंने कहा कि अमृतसर बॉर्डर इलाका हमेशा से भारत की सुरक्षा के लिए अग्रिम मोर्चे पर खड़ा रहा है। लेकिन आज जब पंजाब बाढ़ जैसी भीषण आपदा से जूझ रहा है, तब केंद्र की चुप्पी अस्वीकार्य है। “यह अस्वीकार्य है कि जो सीमा भारत की रक्षा करती है, उसे इस मुश्किल घड़ी में अकेला छोड़ दिया जाए।औजला ने प्रधानमंत्री से तत्काल उपस्थिति और ठोस कदम उठाने की मांग की। सांसद गुरजीत सिंह औजला लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों में दौरा कर रहे हैं और अपनी अलग-अलग टीमें बनाकर राहत सामग्री बंटवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वो अपने दसवंद में से लोगों को राहत देने की कोशिश कर रहे हैं और पानी उतरने के बाद भी लोगों के पुर्नवास के लिए कोशिश करते रहेंगे।
Kalyan Kesari हिन्दी समाचार पत्र