कल्याण केसरी न्यूज़, अजनाला, 7 सितंबर 2025: पूर्व कैबिनेट मंत्री और अजनाला हलके के विधायक श्री कुलदीप सिंह धालीवाल, जो बाढ़ के पहले दिन से लगातार लोगों की सेवा में लगे हुए हैं, ने आज रावी दरिया के किनारे स्थित गांव माछीवाला में खेतों का जायज़ा लेने के बाद बताया कि इस क्षेत्र में रावी दरिया ने खेतों में लगभग चार-चार फुट रेत जमा कर दी है।
उन्होंने कहा कि यह स्थिति रावी दरिया के दोनों किनारों पर बनी हुई है। इन खेतों में धान की फसल खड़ी थी, जो पकने के करीब थी, तभी बाढ़ आ गई। दरिया से निकली रेत सीधे इन खेतों में जाकर बैठ गई है, जिसकी गहराई लगभग चार फुट तक है।
धालीवाल ने कहा कि इन खेतों से पहले पानी सूखेगा, फिर रेत हटाई जाएगी, और उसके बाद ही गेहूं की बुवाई संभव हो पाएगी – जो कि बहुत ही मुश्किल काम है। अक्टूबर महीने तक आमतौर पर गेहूं की बुवाई हो जाती है, और इन दो महीनों में इतनी भारी मात्रा में रेत हटाना लगभग असंभव है। इसके अलावा, रेत हटाने पर मशीनों और डीज़ल का भारी खर्च किसानों पर आ जाएगा, जिससे किसान बेहद परेशान हैं।
धालीवाल ने मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान से अपील की कि वे अपनी माइनिंग नीति में संशोधन करें और यह सुनिश्चित करें कि “जिसका खेत, उसकी रेत” का सिद्धांत लागू किया जाए।
उन्होंने कहा कि अगर यह नीति लागू होती है, तो किसान इस रेत को या तो खुद बेच सकेगा, या किसी और को बेचकर उससे कुछ आमदनी कर सकेगा, जिससे उसके परिवार का गुज़ारा चलता रहेगा।
धालीवाल ने कहा कि यदि रावी दरिया ने किसानों की फसलें नष्ट की हैं और अब रेत फेंकी है, तो उस रेत पर अधिकार भी किसान का ही होना चाहिए। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री पंजाब से अपील की कि वे अपनी माइनिंग नीति में संशोधन कर यह अधिकार संबंधित किसान को दें।
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