मेडिकल कॉलेज ने अजनाला अस्पताल में सांप के काटने के इलाज के लिए भेजीं 400 खुराकें


कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 9 सितंबर 2025: रावी दरिया के किनारे बसे अजनाला हलके के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी जमा होने के कारण बड़ी संख्या में सांप बाहर आ रहे हैं। 25 अगस्त से अब तक सांप काटने के 26 केस सामने आ चुके हैं, जिनमें से 3 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और 2 मरीज अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव देवगन ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर श्रीमती साक्षी साहनी द्वारा मौके की स्थिति को देखते हुए अजनाला में दवाइयां पहुँचाने के निर्देश दिए गए थे। इसी के तहत मेडिकल कॉलेज की ओर से सब-डिविजनल अस्पताल अजनाला में 400 एंटी-स्नेक डोज भेजे गए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि सांप के काटने पर घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुँचें, ताकि समय पर इलाज शुरू करके मरीज की जान बचाई जा सके।
इस बारे में और जानकारी साझा करते हुए सिविल सर्जन डॉ. स्वर्णजीत धवन ने बताया कि बाढ़ के पानी में सांप काटने की घटनाओं का खतरा हमेशा बना रहता है। उन्होंने बताया कि सांप के काटने के इलाज के लिए विभिन्न सरकारी अस्पतालों में दवाई उपलब्ध है और मरीजों का इलाज बिल्कुल मुफ्त किया जाता है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बनाए गए सभी मेडिकल कैंपों में एंटी-स्नेक डोज उपलब्ध करवा दी गई है और सांप के काटने पर तुरंत इन केंद्रों पर पहुँचना चाहिए।
डॉ. धवन ने बताया कि बारिश के मौसम में सांपों द्वारा इंसानों को काटने की घटनाएं आम होती हैं। पंजाब में कई प्रकार के गैर-जहरीले सांपों के अलावा कॉमन क्रेट, रसेल वाइपर, और कोबरा जैसे जहरीले सांप भी पाए जाते हैं। ये सांप अत्यंत जहरीले होते हैं, और इनके काटने के बाद तुरंत इंजेक्शन लगवाना जरूरी होता है।
उन्होंने यह भी कहा कि सांप के काटने के बाद झोला छाप डॉक्टरों, बाबाओं या तांत्रिकों के पास जाने की बजाय सीधे अस्पताल जाना चाहिए क्योंकि इन अंधविश्वासियों के पास इसका कोई वैध इलाज नहीं होता। उल्टा, ये लोग मरीज की हालत को और गंभीर बना देते हैं, और समय पर इलाज न मिलने के कारण मरीज की जान तक जा सकती है।
सांप के काटने की पहचान और बचाव के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु साझा करते हुए डॉ. धवन ने बताया:
अगर किसी को सांप ने काटा हो, तो सबसे पहले शरीर के उस हिस्से पर डसने का निशान देखने की कोशिश करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वाकई सांप ने काटा है।
मरीज को हौसला दें और बताएं कि लगभग 70% सांप जहरीले नहीं होते, इसलिए हो सकता है कि उसे जहरीले सांप ने न काटा हो, लेकिन फिर भी कोई जोखिम न उठाएं।
डसने वाले अंग को ऐसे सहारा दें जैसे फ्रैक्चर की स्थिति में किया जाता है, ताकि उस अंग को हिलाया न जाए, लेकिन यह सपोर्ट इतना कड़ा न हो कि खून की सप्लाई ही बंद हो जाए।
मरीज को दौड़ना नहीं चाहिए और न ही खुद वाहन चलाकर अस्पताल जाना चाहिए।
डसने वाले स्थान से जूते, घड़ी, गहने या कपड़ा हटा दें।
डसने वाली जगह को न छेड़ें और सांप को मारने में समय न गंवाएं। मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं।
किसी भी तरह की जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क करें या 108 पर कॉल करके एंबुलेंस मंगवाई जा सकती है।

सांप के डसने के लक्षण:
– डसने वाले स्थान पर दर्द, सूजन, घाव या खून आना
– सांस लेने में दिक्कत
– निगलने और बोलने में परेशानी
– गर्दन की मांसपेशियों में कमजोरी
– सिर उठाने में कठिनाई
– कान, नाक, गला या शरीर के अन्य हिस्सों से खून आना
नोट: सांप के काटने पर जितना जल्दी इलाज शुरू किया जाए, उतनी ही ज्यादा मरीज की जान बचने की संभावना रहती है।

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