
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 16 सितंबर 2025: हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित बच्चों की मनो-सामाजिक सहायता के लिए शिक्षकों को तैयार करने के उद्देश्य से ज़िला प्रशासन की ओर से डिप्टी कमिश्नर श्रीमती साक्षी साहनी के नेतृत्व में एक विशेष कार्यक्रम चलाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को इस योग्य बनाना है कि वे बाढ़ के कारण बच्चों में उत्पन्न डर, तनाव और चिंता को समझ सकें और उन्हें भावनात्मक समर्थन दे सकें।
डिप्टी कमिश्नर ने अपने संदेश में कहा, “पढ़ाई शुरू करने से पहले बच्चों से और उनके परिवार के हालचाल ज़रूर पूछो, ताकि उन्हें यह महसूस हो कि कोई है जो उनकी मदद के लिए मौजूद है।”
इस कार्यक्रम को “हौसला” नाम दिया गया है। सहायक आयुक्त पीयूषा बुरड़क ने कहा कि प्राकृतिक आपदाएं केवल भौतिक नुकसान ही नहीं करतीं, बल्कि बच्चों की मानसिक सेहत पर भी गहरा असर डालती हैं। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम “सांझा उपराला” पहल के तहत, जिसे डिप्टी कमिश्नर अमृतसर चला रही हैं, स्कूलों में आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों को दोबारा सुरक्षा, आत्मविश्वास और स्थिरता महसूस कराने में सबसे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
दिल्ली से आई एनजीओ ‘सांझी शिक्षा’ की विशेषज्ञ सांची चंदना ने शिक्षकों को तनाव प्रबंधन, सहयोगात्मक गतिविधियां, प्राथमिक काउंसलिंग और सामुदायिक सहायता के बारे में जानकारी दी, ताकि बच्चों के सम्पूर्ण पुनर्वास को सुनिश्चित किया जा सके।
कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों ने इस आपदा को ईश्वर की इच्छा मानते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा ली। उन्होंने बताया कि भारत-पाकिस्तान बॉर्डर और रावी नदी के पास होने के कारण यहां के स्कूलों और बच्चों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए वे बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनने की शिक्षा भी देते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ की स्थिति को हर बच्चे ने अपनी आंखों से देखा और महसूस किया, और उसका गहरा असर उनके मन पर पड़ा है।
इसके साथ ही सहायक आयुक्त द्वारा स्टेट रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से महिलाओं और आशा वर्कर्स को मेंस्ट्रुअल कप बांटने का अभियान भी चलाया गया। इस अवसर पर महिलाओं को माहवारी स्वच्छता और स्वास्थ्य देखभाल के प्रति जागरूक किया गया। इस अवसर पर सरकारी कन्या स्कूल अजनाला के प्रिंसिपल इंदरजीत सिंह, स्टेट रेड क्रॉस से रभिया, चेतन्या, पंकज शर्मा आदि मौजूद रहे।
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