गुरुपुरब पर सुबह 4 से 5 बजे और रात को 9 से 10 बजे तक पटाखों की अनुमति
क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या को रात 11:55 से अगली सुबह 12:30 बजे तक चलेंगे पटाखे
कल्याण केसरी न्यूज़, अमृतसर, 17 सितंबर 2025: अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर-कम-ज़िला मजिस्ट्रेट श्रीमती साक्षी साहनी ने माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेशों के तहत त्योहारों के दिनों में पटाखों के उपयोग को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अंतर्गत दीवाली, भगवान वाल्मीकि प्रकट दिवस, गुरुपुरब, क्रिसमस और नए साल पर पटाखे चलाने के लिए निर्धारित समय तय किया गया है, और पटाखों की बिक्री के लिए केवल अस्थायी लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
ज़िला मजिस्ट्रेट ने बताया कि प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री पूरी तरह से निषिद्ध है। केवल ग्रीन पटाखे ही बेचे और चलाए जा सकेंगे। ग्रीन पटाखों में लिथियम, मरकरी, आर्सेनिक, सीसा, बैरियम सॉल्ट आदि जैसे हानिकारक रसायन नहीं होते।
उन्होंने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिविल रिट पिटिशन नंबर 728 ऑफ 2015 में दिनांक 13-10-2018 को दिए गए आदेशों के अनुसार, वाली और भगवान वाल्मीकि प्रकट दिवस पर रात 8:00 से 10:00 बजे तक, गुरुपुरब पर सुबह 4:00 से 5:00 बजे और रात 9:00 से 10:00 बजे तक, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर रात 11:55 से अगली सुबह 12:30 बजे तक तय समय के भीतर ही पटाखे चलाए जा सकते हैं। इन समय सीमाओं के पहले या बाद में पटाखों का चलाना पूर्णतः वर्जित है और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी वेबसाइट या ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पटाखे नहीं बेच सकता।
ज़िला मजिस्ट्रेट ने आगे कहा कि शादी-विवाह के आयोजनों में पटाखे चलाने के लिए मैरेज पैलेस मालिकों को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा और सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करना जरूरी है। इसके अलावा शोभा यात्रा, नगर कीर्तन, प्रभात फेरी और अन्य आयोजनों में पटाखे चलाने के लिए भी लाइसेंस लेना आवश्यक है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों और आग लगने की संभावित जगहों पर पटाखे चलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने नगर निगम कमिश्नर, एस.एस.पी., सभी एस.डी.एम., और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यकारी इंजीनियर को उचित कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।
डिप्टी कमिश्नर ने ज़िले के नागरिकों से अपील की कि वे सुप्रीम कोर्ट और पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार ही पटाखे चलाएं, और वो भी सिर्फ निर्धारित समय में। उन्होंने कहा कि पटाखों से जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, वहीं इसकी आवाज़ और प्रदूषण मनुष्यों के साथ-साथ पशु-पक्षियों पर भी बुरा प्रभाव डालता है। इसलिए संभव हो तो लोग पटाखों के उपयोग से परहेज़ करें।
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