मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिवाली के मौके पर व्यापारी वर्ग को दिया तोहफा: रंजीत पाल सिंह

कल्याण केसरी न्यूज़, साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर, 27 सितंबर 2025: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, पंजाब मंत्रिमंडल ने राज्य की अर्थव्यवस्था को तेज़ी से विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए व्यापार को बढ़ावा देने हेतु कई महत्वपूर्ण पहलों पर अपनी मुहर लगाई है और दिवाली के पावन पर्व के अवसर पर, यह मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान की ओर से पंजाब के व्यापारी वर्ग को एक बड़ा तोहफा है।
आम आदमी पार्टी के व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव रंजीत पाल सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल ने पुराने मामलों का बोझ कम करने और उद्योग एवं व्यवसायों के लिए नियमों का पालन बढ़ाने हेतु बकाया राशि की वसूली हेतु पंजाब वन टाइम सेटलमेंट स्कीम 2025 (ओटीएस) शुरू करने को भी मंज़ूरी दे दी है। यह योजना 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगी और 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगी। जिन करदाताओं का मूल्यांकन 30 सितंबर 2025 तक किया गया है और संबंधित अधिनियमों के तहत विभाग द्वारा 30 सितंबर 2025 तक मूल्यांकन आदेशों के सभी सुधार/संशोधन पारित किए गए हैं। पंजाब सामान्य बिक्री कर अधिनियम, 1948, केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956, पंजाब अवसंरचना विकास और विनियमन अधिनियम, 2002 और पंजाब वैट अधिनियम, 2005, पंजाब मनोरंजन शुल्क अधिनियम, 1955 और पंजाब मनोरंजन कर सिनेमैटोग्राफी शो अधिनियम, 1954 इस योजना के तहत निपटान के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।
उन्होंने बताया कि इस ओटीएस योजना के तहत, जिन मामलों में कर राशि 1 करोड़ रुपये तक है, उनमें ब्याज से 100 प्रतिशत छूट, जुर्माने पर 100 प्रतिशत छूट और कर राशि पर 50 प्रतिशत छूट होगी, जबकि 1 करोड़ रुपये से 2 करोड़ रुपये के बीच बकाया कर राशि के लिए, 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। 1 करोड़ और 25 करोड़ रुपये तक के ऋण पर ब्याज में 100 प्रतिशत छूट, जुर्माने में 100 प्रतिशत छूट और कर राशि में 25 प्रतिशत छूट मिलेगी। 25 करोड़ रुपये से अधिक कर राशि वाले मामलों में ब्याज में 100 प्रतिशत छूट, जुर्माने में 100 प्रतिशत छूट और कर राशि में 10 प्रतिशत छूट दी जा रही है।
सचिव रणजीत पाल सिंह ने शैलर मालिकों के लिए भी अच्छी खबर दी कि पंजाब सरकार ने उनके लिए भी एकमुश्त भुगतान योजना (ओटीएस) को मंजूरी दे दी है क्योंकि प्रत्येक मिल मालिक को मिलिंग अवधि पूरी होने के बाद प्रत्येक राज्य खरीद एजेंसी के साथ अपना हिसाब-किताब चुकाना होता है ताकि उस मिल मालिक को अगले वर्ष कस्टम मिलिंग के लिए धान के आवंटन पर विचार किया जा सके। कई मिल मालिकों ने अपना बकाया जमा नहीं किया, जिसके कारण इन मिल मालिकों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई और यह कार्रवाई पिछले कई वर्षों से विभिन्न अदालतों/कानूनी मंचों में लंबित है।
उन्होंने कहा कि यह नई ओटीएस योजना सभी एजेंसियों के मामलों को न्यूनतम करने और इस नीति के तहत मामलों का निपटारा करने के लिए लाई गई है ताकि ऐसी ‘बीमार’ चावल मिलों को पुनः सक्रिय करके राज्य में रोज़गार के अधिक अवसर पैदा किए जा सकें। इससे खरीफ खरीद सीजन के दौरान मंडियों से धान का तेजी से और सुचारू उठान सुनिश्चित होगा और किसानों को लाभ होगा।
उन्होंने आगे बताया कि पंजाब मंत्रिमंडल ने करदाताओं की सुविधा और करदाताओं द्वारा कर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पंजाब वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन विधेयक) 2025 में संशोधन को भी अपनी सहमति दे दी है। गौरतलब है कि वित्त अधिनियम, 2025 के तहत जीएसटी लागू किया गया है। परिषद की सिफारिश के अनुसार, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा अधिनियम, 2017 के प्रावधानों में संशोधन किया गया है। पंजाब वस्तु एवं सेवा अधिनियम, 2017 में भी इसी तरह के संशोधन किए जाने हैं।
उन्होंने पंजाब के व्यापारी समुदाय को दिवाली की बधाई दी और कहा कि पंजाब सरकार पंजाब के व्यापारी भाइयों की समस्याओं को दूर करने और एक आरामदायक माहौल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर आप के जिला व्यापार विंग के अध्यक्ष तरलोचन सिंह बैदवान, अकविंदर सिंह और यशपाल बंसल भी उपस्थित थे।
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