जालन्धर : मीजल-रूबैला अ5िायान के बारे में बच्चों के माँ बाप एवं स्कूलों के अध्यापकों को विस्तार में जानकारी उपल4ध करवाई जाये जिससे बच्चों के माँ बाप में पैदा हुए शंकाओं को दूर किया जा सके। यह जानकारी सिविल सर्जन जालन्धर डा.जसप्रीत कौर ने आज मीजल-रूबैला अभियान को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए बच्चों के रोगों के विशेषज्ञ डॉ1टरों की एसोसिएशन की मीटिंग की अध्यक्षीय करते हुए दी। उन्होने बताया कि सरकार की तरफ से सन २०२० तक मीजल बीमारी को खत्म करने और रूबैला पर काबू पाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस अवसर पर डा.जसप्रीत कौर सिविल सर्जन ने बच्चों के रोगों के विशेषज्ञ डॉ1टरों से आशा अभिव्यक्ति कि वह इस अ5िायान में पूरी लगन से काम करें जिससे ०९ महीने से १५ वर्ष की आयु तक का कोई भी बच्चा अप्रैल महीने से शुरू की जा रही मीजल-रूबैला अभियान के दौरान टीकाकरण से वंचित न रह जाये। इस अवसर पर मीजल-रूबैला अभियान के बारे में जागरूकता के लिए पोस्टर भी जारी किया गया।
जिला ऐपीडीमोलोजिस्ट डा.सतीष कुमार ने मीजल और रूबैला बीमारियों के लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह साँस प्रणाली का वायरल इन्नफैकशन है जो एक मरीज के द्वारा खाँसी करने या छींकने से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस में मरीज को बुखार, सूखी खाँसी,नाक बहना गले का दुखना,आँखों में जलन होना, मुँह के अंदर छोटे सफ़ेद निशान का होना,चमड़ी का रंग लाल हो जाना और मरीज सुस्त रहता है।
इस बैठक के दौरान डा. तरसेम सिंह जिला टीकाकरण अधिकारी, डा.मनीश एम.ओ सिविल अस्पताल, डा.प्रीतकमल, श्री कृपाल सिंह पगली,आई.ए.पी. के प्रधान डा.टी.एस. रंधावा, डा.रवि पाल,डा.गौतम चावला,डा.गुरदीप सिंह,डा.जतिन्दर,श्री राजीव डांडा सी.डी.पी.यो शाहकोट,श्रीमती गीता रानी सी.डी.पी.ओ जालंधर वेस्ट,श्रीमती तजिन्दर कौर सी.डी.पी.ओ आदमपुर उपस्थित थे।