सरकार के प्रयासों स्वरूप युवाओं में नशा छोडऩे का रुझान 126 फीसदी बढ़ा – मुख्यमंत्री

तरन तारन : पंजाब सरकार द्वारा राज्य में नशे का ख़ात्मा करने के लिए शुरु की गई मुहमि के परिणाम स्वरूप पंजाब के युवाओं में नशा छोडऩे का रुझान बढ़ा है जिस कारण नशामुक्ति केन्द्रों में युवाओं की गिनती पहले की अपेक्षा 126 प्रतिशत बढ़ी है । यह खुलासा मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तरन तारन में ‘डैपो’ प्रोग्राम के दूसरे चरण, नशा निगरान कमेटियाँ, पंजाब भर में 60 ‘ओट’ केन्द्रों और ‘बड्डी’ प्रोग्राम को पंजाब निवासियों को समर्पति करने के अवसर पर किया ।मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2016 में 1.82 लाख युवा नशा छोडऩे के लिए अस्पतालों में पहुँचे जबकि 2017 में 4.12 लाख युवा नशा छोडऩे के लिए आगे आए हैं । इसके अलावा 5107 नशे के आदी युवा सरकारी नशामुक्ति केन्द्रों में 17667 युवा प्राईवेट नशामुक्ति केन्द्रों में अपना इलाज करा रहे हैं । उन्होंने कहा कि सरकारी नशामुक्ति केंद्र में नशा छोडऩे के इच्छुक युवाओं का पूरा इलाज किया जा रहा है और निजी नशामुक्ति केन्द्रों पर भी सरकार पूरी नजऱ रख रही है ।

उन्होंने कहा कि नशे को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और जो भी दोषी पाया गया उसके खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही होगी । मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा बेचने में शामिल बड़ी मछलियों को भी जल्द ही काबू किया जायेगा । उन्होंने कहा कि जहां हमारा ध्यान राज्य को नशामुक्त करने पर है वहीं शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाने के लिए लगातार कोशिशें हो रही हैं, क्योंकि गत वर्षों के दौरान शिक्षा के घटिए स्तर ने युवाओं में नकारात्मक रुझान पैदा करके उनको नशों की ओर धकेला है । उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि हरेक विभाग के बजट पर 5 प्रतिशत कटौती करके शिक्षा के लिए और फंड मुहैया करवाए जाएँ ।
सपैशल टास्क फोर्स की तरफ से पंजाब को नशामुक्त करने की की जा रही कोशशों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को नशामुक्त करना हम सबका नैतिक कर्तव्य है ।

उन्होंने बताया कि ए.डी.जी.पी. हरप्रीत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में शुरू किया जा रहा ‘बड्डी’ प्रोग्राम के तहत स्कूलों, कालेजों और यूनीवर्सिटयों के विद्यार्थियों को नशों के घातक प्रभाव से अवगत करवाकर इससे बचने के लिए प्रेरित किया जायेगा और पहले चरण में छठी से नौवीं कक्षा के विद्यार्थी कवर किये जाएंगे ।‘ओट’ क्लीनकों संबंधी बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तरनतारन, मोगा और अमृतसर में 29 क्लीनिक पहले चल रहे थे और इनमें 4400 मरीज़ दर्ज हो चुके हैं । उन्होंने बताया कि बाकी क्लीनक पूरे पंजाब में खोले जा रहे हैं जिनमें केंद्रीय जेलें भी शामिल हैं । उन्होंने बताया कि ये क्लीनिक रोज़ खुले रहेंगे और इसके लिए 150 डाक्टर, 160 कांउसलर और नर्सों को शिक्षित किया गया है । इसके अलावा इन केंद्र में एच.आई.वी और टी.बी. के टैस्ट की सुविधा भी दी गई है ।

उन्होंने लोगों की तरफ से मिले समर्थन की प्रशंसा करते हुए कहा कि लोगों के समर्थन से आशा है कि पंजाब जल्द ही नशामुक्त होगा । उन्होंने बताया कि अबतक राज्य में 4.8 लाख लोग स्व -इच्छा के साथ नशा मुक्ति के ख़ात्मे के लिए आगे आए हैं जिसमें से 26000 अकेले जिला तरनतारन में से ही हैं । उन्होंने कहा कि जिस उत्साह के साथ लोग आज इस मुहिम में शामिल हुए हैं इतना जलसा उन्होंने अपने 57 वर्ष के राजनैतिक जीवन में नहीं देखा ।

‘डैपो’ प्रोग्राम के दूसरे चरण, नशा निगरान कमेटियाँ, पंजाब भर में 60 ओट केन्द्रों और ‘बड्डी’ प्रोग्राम के लिए आने वाले वलंटियजऱ् की सुविधा के लिए जिला प्रशासन और पुलसि की तरफ से डिप्टी कमिश्नर श्री प्रदीप सब्बरवाल के नेतृत्व में किये प्रबंधों की सराहना की।इससे पहले हलका तरन तारन के विधायक धर्मवीर अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री को तरन तारन में आने पर सुस्वागतम कहा । इस मौके पर एस.टी.एफ की तरफ से नशों के प्रति लामबंदी के लिए तैयार की वीडियो फिल्में बड़ी एल.ई.डी. सक्रीनों पर दिखाईं गई।इस मौके पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, लोकसभा मैंबर गुरजीत सिंह औजला, विधायक हरमिंदर सिंह गिल, धर्मवीर अग्निहोत्री, तरसेम सिंह डी.सी, संतोष सिंह भलाईपुर और सुखविंदर सिंह डैनी बंडाला, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत कृपाल सिंह, एस.टी.एफ के प्रमुख ए.डी.जी.पी. हरप्रीत सिंह सिद्धू, कमिश्नर जालंधर डिविजऩ राज कमल चौधरी, पूर्व मंत्री गुरचेत सिंह भुल्लर और पूर्व विधायक जसबीर सिंह डिंपा ।

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