धान के अवशेष को आग से बचाने के लिए हर गाँव में लगाए नोडल अधिकारी -डिप्टी कमिशनर

अंमृतसर :  प्रदूषण को रोकने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से धान के अवशेष को जलाने से रोकने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं । डिप्टी कमिशनर स . कमलदीप सिंह संघा के नेतृत्व में कृषि, प्रदूषण, सहकारिता, पंचायत, बिजली, माल और पुलिस विभाग इस काम में लगे हुए हैं। पिछले दिन दिन शाम तक जिले में 101 किसानों के चालान करके उनको 2 लाख 62 हज़ार 500 रुपए जुर्माना किया गया है, जिस में से एक लाख 12 हज़ार 500 रुपए जुर्माना मौके पर वसूल भी कर लिया गया है। यह जानकारी देते डिप्टी कमिशनर स. संघा ने बताया कि उपग्रह के अतिरिक्त अपने स्रोतों के द्वारा भी किसानों पर नजऱ रखी जा रही है और लोग भी इस की सूचना प्रशासन के साथ सांझी कर रहे हैं। उन्होंने सहायक डिप्टी कमीशनरों व सभी एस.डी.एम. को जिले में धान के अवशेष का प्रदूषण रोकनो के लिए दिन -रात कड़ी नजर रखने की हिदायतें जारी की हैं।  स. संघा ने बताया कि जिले के प्रत्येक गाँव में एक नोडल अधिकारी लगा दिया गया है, इस तरह कुल 776 नोडल अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं, जो कि किसानों को समझाने के अतिरिक्त गुरुद्वारों में अनाऊंस करवा कर व स्कूलों में बच्चों को धान के अवशेष जलाने से होने वाले नुक्सान व खेत में धान के अवशेष को मिलाने के लाभ बताऐंगे। इसके अतिरिक्त नोडल आधिकारियों में सहाकरता सैक्ट्री, पंचायत सैक्ट्री, बिजली बोर्ड के लायनमैन और जूनियर इंजीनियर, कृषि इंस्पेक्टर, बाग़बानी अधिकारी और साईल कंजरवेशन अधिकारी शामिल हैं।

स. संघा ने बताया कि इन से आगे जिले में 20 गाँवों में एक कुआर्डीनेटर नियुक्त किया गया है, जो कि बी.डी. पी. ओ., पंचायत अधिकारी, कृषि अधिकारी, बिजली बोर्ड के एस. डी.ओ. और एस. एच. ओ. हैं। यह कुआर्डीनेटर अपने -अपने क्षेत्र के नोडल आधिकारियों के साथ सम्पर्क रख कर प्रत्येक किसान तक पहुँच बनाऐंगे। स. संघा ने बताया कि जो किसान समझाने पर भी नहीं मानता, उनका चालान काटने के लिए भी जिले में 30 टीमें दिन रात काम कर रही हैं, जिस में प्रदूषण विभाग के साथ पुलिस, माल विभाग के अधिकारी और एस.डी.एम. शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उपग्रह द्वारा जिले के चप्पे -चप्पे पर नजऱ रखी जा रही है और उक्त आधिकारियों के नंबर माल विभाग के रिकार्ड अनुसार इस डेटा में फीड हैं। जिस क्षेत्र में आग लगती है, उस क्षेत्र के अधिकारी को लोकेशन के साथ संदेश मोबाइल पर अपने -आप पहुँच जाता है और वह जा कर चालान काटता है। उन्होंने बताया कि अब तक जिले में 101 किसानों के चालान काटे जा चुके हैं।

धान के अवशेष को जलाने के दुषप्रभाव -कृषि अधिकारी स. दलबीर सिंह छीना ने बताया कि धान के अवशेष को खेत में जलाने से ज़मीन का जैविक मादा नष्ट होने के साथ ज़मीन की पैदावार क्षमता कम होती है, वहां ज़मीन में प्राकृतिक तत्व भी समाप्त होते हैं। फसलों को हानिकारक कीड़ों से बचाने वाले मित्र कीड़े भी मरते हैं और कई पक्षी और पेड़ आग की भेंट चढ़ जाते हैं। इस से पैदा होने वाले धुंए से कैंसर और दमे जैसी भयानक बीमारियाँ पैदा होती हैं और सर्वे के अनुसार इसका प्रदूषण 10 साल तक के बच्चों के दिमाग़ का विकास रोक देता है। इस के अतिरिक्त सडक़ किनारे लगी आग कई हादसों को जन्म देती है, जिस में कई कीमती जानें चलीं जातीं हैं।

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