पंजाब पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार करके निरंकारी भवन ग्रेनेड हमले का मामला सुलझाया

चंडीगढ़ : पंजाब पुलिस ने अमृतसर के गाँव अदलीवाल में निरंकारी सत्संग भवन पर हुए ग्रेनेड हमले के 72 घंटों से कम समय में दो व्यक्तियों में से एक को गिरफ्तार करके बड़ी सफलता हासिल की और इस हमले के तार पाकिस्तान की आई.एस.आई. के साथ जुड़े होने का खुलासा किया है। इस हमले में तीन व्यक्तियों की मौत जबकि 15 अन्य ज़ख्मी हो गए थे। आज यहाँ यह ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने खुलासा किया कि संदिग्ध बिकरमजीत सिंह उर्फ बिक्रम (26 साल) पुत्र सुखविन्दर सिंह निवासी धारीवाल (थाना राजासांसी) को आज सुबह गाँव लोहारका के पास से गिरफ्तार किया गया।

खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स (क.एल.एफ.) की तरफ से कार्यशील बिक्रम द्वारा दी महत्वपूर्ण सूचना मुताबिक हमलावरों को यह ग्रेनेड पाकिस्तान में एक हैपी नाम के व्यक्ति की तरफ से मुहैया करवाया गया। हैपी, पाकिस्तान आधारित क.एल.एफ. के प्रमुख हरमीत सिंह हैपी उर्फ पीएच.डी. होने का अंदेशा है जो पाकिस्तानी निज़ाम और आई.एस.आई. की सक्रिय हिस्सेदारी से साल 2016 -17 में लुधियाना और जालंधर में आर.एस.एस. /शिव सेना /डी.एस.एस. नेताओं और वर्करों (और एक ईसाई पादरी) का निशाना बनाकर कत्ल करने की साजिशों के मंसूबे बनाने वाला है। मुख्यमंत्री ने इस हमले के साथ किसी तरह का धार्मिक पक्ष जुड़े होने को शुरू से रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि निरंकारी भवन पर रविवार को हुए हमले को आई.एस.आई. और पाकिस्तानी निज़ाम की तरफ से इस आतंकवादी कार्यवाही के द्वारा सूबे की अमन -शान्ति को भांग करने की एक और कोशिश की गई है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि आई.एस.आई. चाहती है कि पाकिस्तान में अंदरूनी शान्ति की सुनिश्चितता को यकीनी बनाने के लिए सरहद पर गड़बड़ी जारी रखी जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आई.एस.आई. और पाकिस्तान के स्थापित निज़ाम की तरफ से पंजाबी और कश्मीरी आतंकवादी ग्रुपों के साथ कड़ी जोडऩा पंजाब के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि एसी फोर्स को सिर न उठाने देने के लिए सूबे की पुलिस केंद्रीय एजेंसियों के साथ नज़दीकी तालमेल बनाकर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने दृढ़ वचनबद्धता ज़ाहिर करते कहा कि उनकी सरकार सूबे में बहुत संघर्ष करके कायम की गई अमन-शान्ति और सदभावना को भंग करने की हरगिज़ इजाज़त नहीं देगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि साल 2018 में आतंकवाद की दो घटनाएँ घटीं हैं जिनमें जालंधर के मकसूदां पुलिस थाने और अमृतसर के निरंकारी भवन पर हमले हुए हैं और पुलिस ने इन दोनों मामलों को सफलतापूर्वक हल कर लिया है। पुलिस ने निशाना बनाकर किये कत्ल की गुत्थी भी सुलझा ली है। इसके अलावा पिछले 18 महीनों में बेअदबी के मामलों को भी हल किया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्राथमिक जांच और घटना की सी.सी.टी.वी. फुटेज से बिक्रम की गिरफ्तारी हुई है जिसने अपने साथी की पहचान अवतार सिंह खालसा (32 साल) पुत्र गुरदयाल सिंह निवासी गाँव चक्क मिश्री ख़ान, लोपोके (अजनाला), अमृतसर के तौर पर की है। इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए पंजाब के डी.जी.पी सुरेश अरोड़ा ने कहा कि अपनी गिरफ्तारी के समय बिक्रम एक मोटरबाइक (टी.वी.एस -पी.बी -18 एम 7032) चला रहा था। हमले के समय बिक्रम की तरफ से इस्तेमाल करा गया काले रंग का बजाज पलसर मोटरसाईकल (पी.बी.02 -बी.एफ 9488) भी बरामद कर लिया गया है।

बिक्रम जीत सिंह ने बताया है कि अवतार सिंह ने उसे 3 नवंबर को देर रात फ़ोन किया और अगली सुबह एक कार्य के लिए तैयार रहने के लिए कहा। उस दिन सुबह 4.30 बजे अवतार, बिक्रम के घर पहुँच गया और दोनों बिक्रम के बजाज पलसर मोटरसाईकल पर बैठकर मजीठा -हरी लिंक सडक़ पर एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक बाग़ में हैंड ग्रेनेड प्राप्त किया। उन्होंने एच.ई.84 हैंड ग्रेनेड प्राप्त किया जो एक शीशम के पेड़ के नीचे आधा फुट गहरा दबाया हुआ था। बिक्रम से पूछे गए शुरूआती सवालों के अनुसार 13 नवंबर की सुबह को उन्होंने निरंकारी सत्संग भवन की रेकी की, उस समय वहां कोई भी मौजूद नहीं था। रेकी के दौरान दोनों साजिशकारियों ने विशेष तौर पर सी.सी.टी.वी के कैमरों की स्थिति, भवन का लेआउूट प्लान और सत्संग भवन की इमारत की चार दीवारी पर लगे मुख्यगेट से इसकी दूरी को परखा।

बिक्रम जीत सिंह ने आगे बताया कि 16 नवंबर को किये गए फ़ैसले के अनुसार बिक्रम गाँव चक्क मिशरी खान में अवतार सिंह के घर काले बजाज पलसर मोटरसाईकल पर सुबह तकरीबन 9 बजे पहुँचा जहाँ उन्होंने मोटरसाईकल की नंबर प्लेट उतार दी। वह तकरीबन सुबह 9.30 बजे गाँव अदलीवाल की तरफ चले और गाँव मानावाला के नज़दीक जाकर अपने मुँह ढँक लिए। उन्होंने सत्संग भवन में लोगों के पहुँचने का इंतज़ार किया। उस समय उन दोनों के पास पिस्तौल थे। बिक्रम ने आगे खुलासा किया है कि अवतार संगत के साथ खुले गेट के द्वारा सत्संग भवन के कंपलैक्स के अंदर सफलतापूर्वक घुस गया और वह ख़ुद सत्संग भवन कंापलैक्स के दो गेट -पोस्टों पर तैनात दो सेवकों को पिस्तौल की नोक पर काबू करने में सफल हुआ।

ग्रेनेड फेंकने के बाद दोनों बिक्रम की मोटरबाइक पर फऱार हो गए और अवतार सिंह के गाँव दोपहर तकरीबन 12 बजे पहुँचे जहाँ अवतार ने बिक्रम से पिस्तौल वापिस ले लिया। अपने कपड़े और भेस बदलने के बाद बिक्रम अपने गाँव काले बजाज पलसर मोटरसाईकल पर वापिस आ गया।

बिक्रमजीत सिंह के अनुसार अवतार सिंह पाकिस्तान में एक हैपी नाम के व्यक्ति के संपर्क में था जिसने मजीठा के नज़दीक एक बाग़ीचे के पास से दबे हुए हैंड ग्रेनेड को कुछ अन्य सम्बन्धित लोगों के द्वारा प्राप्त किया। बिक्रम ने यह भी खुलासा किया कि हैंड ग्रेनेड प्राप्त करने के लिए सुविधा हेतु अवतार सिंह के मोबाइल पर उसे उस जगह की तस्वीर और जानकारी भेजी गई थी। हरमीत सिंह हैपी पीएच.डी ने पहले भी खालिस्तान ग़दर फोर्स (क.जी.एफ) के स्व घोषित प्रमुख शबनमदीप सिंह निवासी समाना, जि़ला पटियाला को इसी तरह का ही एक हैंड ग्रेनेड (एच.जी.84) स्पलाई किया था। शबनमदीप सिंह को 31 अक्तूबर, 2018 को पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि पंजाब पुलिस ने इससे पहले भी एक बड़ी खेप में ऐसे पाँच हैंड ग्रेनेड बरामद किये थे। इस खेप में ए.के 47 राइफल (1), एम.पी 9 राइफल (1), पिस्तौल (7) शामिल थे। जिसको बी.के.आई और आई.एस.वाई.एफ रोडे की तरफ से भारत -पाक सरहद पार से भेजा गया था इसको 21 मई, 2017 को शेर सिंह – मान सिंह आतंकवादी गिरोह के पास से बरामद किया था।

पता लगा है कि एच.ई. 84 हैंड ग्रेनेड आस्ट्रिया की अर्जेस की तरफ से बनाया जाता है। इसका उत्पादन पाकिस्तान की ऑर्डीनैंस फैक्ट्री (पी.ओ.एफ) में 84 -पी -2ए.वन के तौर पर किया जाता है। ऐसे ग्रेनेड आम तौर पर ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान और आस्ट्रिया की फौजों द्वारा इस्तेमाल करे जाते हैं। एच. ई 84 एक विनाशकारी किस्म का ग्रेनेड है जो धमाके के बाद बुरी तरह बिखरता है और इसके प्रभावित करने का दायरा 30 मीटर है। यह ग्रेनेड लोगों के भीड़ पर हमले करने और उनकी हत्याएँ करने के लिए मुख्य तौर पर इस्तेमाल करा जाता है। पिछले समय के दौरान ऐसे ग्रनेडों का प्रयोग जम्मू -कश्मीर में भी किया गया है।

मार्च 2017 से पंजाब पुलिस ने 17 आतंकवादी गिरोहों को ख़त्म करके 81 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। एसा करके इसने सूबे में बड़ी संख्या में आतंकवादी हमलों को रोका है। राज्य पुलिस ने इन आतंकवादियों से 77 हथियार बरामद किये हैं जिनमें अति आधुनिक स्व -चलित हथियार, आर.डी.एक्स /अन्य बारूद और 12 हैंड ग्रेनेड भी शामिल हैं।

इंटरनेशनल सिख यूथ फेड्रेेशन (आई.एस.वाई.एफ) खालिस्तान जि़ंदाबाद फोर्स (के.जैड.एफ), खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स (के.एल.एफ) जैसी पाकिस्तान आधारित आतंकवादी जत्थेबंदी के मुखिया की तरफ से पाकिस्तान की आई.एस.आई के सहयोग से पंजाब में भेजे हथियार की कम से -कम तीन खेपें पुलिस ने मार्च, 2017 से बरामद की हैं। इनमें ए.के -47 राईफलें (5), एम पी 9 राइफल (1), पिस्तौल (10), हैंड ग्रेनेड (11) शामिल हैं। रविवार के हमले के सम्बन्ध में एफ.आई.आर नंबर 121, दिनांक 18.11.2018 हौसले दफ़ा 302, 307, 341, 452, 427 आई.पी.सी, 25 आम्र्ड एक्ट 3/4/5/6 एक्सप्लोसिव सबस्टांस एक्ट 13 यू.ए.पी.ए पुलिस थाना राजासांसी में दजऱ् की गई है। इस सम्बन्धी आगे और जांच जारी है।

Check Also

प्राप्त शिकायतों का 30 मिनट के अंदर समाधान करने का आदेश दिया

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर, 08 मई: आगामी लोकसभा चुनावों के लिए लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अमृतसर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *