चीफ खालसा दीवान का प्रबंध सही हाथों में दिलवाना मुख्य मकसद -मजीठा

अमृतसर : अकाल तख्त साहिब द्वारा वायरल हुई अशलील वीडियो के कारण सजा याफता चड्ढा ग्रुप के सरबजीत सिंह व उनके साथी ने चीफ खालसा दीवान के चुनाव संबंधी तथ्य व आंकड़े छुपा कर अदालत को गुमराह करके अननियमक स्टे लिया व दीवान के लाखों रुपए इस केस में केवल नहीं लगवाए बल्कि मुंबई,कानपुर व दिल्ली से आए सदस्यों का बहुत भारी माली नुक्सान व समय बरबाद करवाया है। इन शब्दों का प्रगटावा करते हुए पूर्व सांसद राजमहेन्द्र सिंह मजीठा व भाग सिंह अणखी ने क हा कि स्टे लेकर इनका मकसद चुनाव को रद्द करवाना था क्योंकि चड्ढा ग्रुप के यह मैंबर चीफ खालसा दीवान को अपनी निजी मुफादा के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दीवान एक धार्मिक संस्था है जिस पर यह लोग काबिज होना चाहते हैं व अपना व्यापार करना चाहते हैं उन्होंने कहा कि यह भी वर्णनयोग्य है कि सुधारीं गई लिस्टें जिनसे यह चुनाव हो रही है वही लिस्टे इनों अदालत में गलत ढंग के साथ पेश की थी।

उन्होंने कहा कि चीफ खालसा दीवान का प्रबंध सही हाथों में दिलवाना ही उनका का मुख्य मकसद है व इस के साथ ही चीफ खालसा दीवान की आन बान व शान को बहाल करना, बच्चो के चरित्र निर्माण के लिए योगदान डालना पढ़ाई के मियार को बरकरार रखना ही उनका मकसद है। उन्होंने कहा कि कार्यकारनी की बैठक में जब एक मैंबर ने अभी ही 4 लाख रुपए की लक्कड बसंत ऐवीन्यू स्कूल को बेचने के बारे में सरबजीत सिंह से पूछा तो उसने भद्दी शब्दावली इस्तेमाल की शायद स्टाफ के सामने इस से घटिया हरकत कोई नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि सरबजीत सिंह ने अपने पिता किरपाल सिंह की ख्वाहिश व वसीयत के अनुसार 50 हजार रुपए दीवान में नहीं दिए।

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