डिप्टी कमिश्नर ने गुरु नानक देव अस्पताल में प्लाज्मा बैंक का शुभारंभ किया

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर, 8 अगस्त : अमृतसर गुरप्रीत सिंह खैरा ने आज गुरु नानक देव मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्लाज्मा बैंक और टेलीकांफ्रेंस सेवा का उद्घाटन किया, जहां गंभीर रूप से बीमार रोगियों का इलाज कोविड-19 के ठीक किए गए रोगियों के प्लाज्मा द्वारा किया जाएगा। मौके पर उन्होंने कोरोना को हराने वाले दिग्गजों को भी सम्मानित किया, जिन्होंने प्लाज्मा दान किया। खैरा ने कोरोना से उबरने वाले लोगों से अपील की कि वे महामारी से जूझ रहे लोगों की जान बचाने के लिए अपना प्लाज्मा प्लाज्मा बैंक को दान करें। खैरा ने अस्पताल में भर्ती कोविड -19 रोगियों के लिए एक टेलीकांफ्रेंस सेवा भी शुरू की, जो अस्पताल में भर्ती मरीजों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने परिवार के साथ संवाद करने में सक्षम बनाएगी, साथ ही मानसिक बीमारियों सहित विभिन्न बीमारियों में विशेषज्ञता प्राप्त डॉक्टरों को भी देगी।

अस्पताल के डॉक्टर, विशेष रूप से शामिल लोग, कोविड-19 के रोगियों की काउंसलिंग कर सकेंगे और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत कर सकेंगे। खैरा ने कहा कि कभी-कभी बीमारी के डर से मरीज हिल जाते हैं, इसलिए उन्हें जांच में रखना बहुत जरूरी है और यह सेवा इतने सारे मरीजों के लिए उपलब्ध है।
के लिए वरदान साबित होगा उन्होंने सुविधा के लिए फिक्की को भी धन्यवाद दिया। खैरा ने कहा कि कोरोना के मरीज लगातार जिले में आ रहे थे, जिससे पता चलता था कि जिले के लोग कहीं न कहीं लापरवाही बरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीमारी एक व्यक्ति से कई लोगों में फैलती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम हर जगह दूरी, मास्क , हाथ धोने जैसी महत्वपूर्ण चीजों का ध्यान रखें, ताकि हम और हमारा परिवार कोरोना से सुरक्षित रहे। “आप अच्छे स्वास्थ्य में हो सकते हैं और कोविड -19 के स्पष्ट लक्षण हैं,” उन्होंने कहा यदि नहीं, तो आप ठीक हो सकते हैं, लेकिन आपके परिवार और बुजुर्गों को जोखिम हो सकता है।

खैरा ने कहा, “आज हमारे पास सैकड़ों मरीज हैं और जो सबसे अच्छा इलाज हम उन्हें दे सकते हैं वह हजारों में संभव नहीं होगा। इसलिए सभी को अपना ध्यान रखना चाहिए और घर से बाहर निकलना चाहिए।” इसके अलावा, यदि कोई भी कोई लक्षण दिखाता है, तो वे अपने नमूने एक मोबाइल वैन में ले जा सकते हैं, जो उनके क्षेत्र में जाता है, अगर वे अपने कोविड का परीक्षण कराने के लिए अस्पताल नहीं आ सकते हैं। ताकि समय रहते इस बीमारी का पता लगाया जा सके और इलाज किया जा सके। इस अवसर पर डाॅ हिमशुन अग्रवाल, प्रिंसिपल राजीव देवगन, चिकित्सा अधीक्षक रमन शर्मा और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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