डेंगू से बचने के लिए स्कूल के बच्चों को किया जाये जागरूक

कल्याण केसरी न्यूज़ अंमृतसर, 13 सितम्बर: ज़िले में डेंगू को फैलने से रोकनो और इसका कारण बनते मच्छर को ख़त्म करन की नीयत के साथ आज ज़िलाधीश गुरप्रीत सिंह खहरा का नेतृत्व नीचे टास्क फोर्स की मीटिंग हुई। मीटिंग का नेतृत्व करते डिप्टी कमिशनर ने कहा कि डेंगू से बचने के लिए हर शुक्रवार डराई डेय के तौर पर मनाया जाये और जितना स्थानों पर डेंगू का लारवा मिलता है के चालान किये जाएँ।उनको सेहत, नगर निगम और ओर आधिकारियों को हिदायत की कि इस बार डेंगू के समय को फैलने से हर हाल में रोोक्या जाये और पिछले साल प्रभावित हुए इलाकों में दवा की सपरेय का अधिक ज़ोर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस लिए सम्बन्धित विभाग की ज़िम्मेदारी तय की जायेगी। शहर में यह मच्छर ज़्यादा फैलता होने के कारण उन नगर निगम के आधिकारियों को स्पष्ट किया कि जहाँ भी सेहत विभाग बोले, तुरंत मच्छर मार दवा की सपरेय की जाये। उन शिक्षा विभाग को स्कूलों में विद्यार्थियों को गिराते के लक्षण और बचाव से जागरूक करन के लिए भी कहा।

मीटिंग को संबोधन करते सिवल सर्जन अमृतसर डा: चरनजीत सिंह ने बताया कि अब तक ज़िले में डेंगू के 276 केस शकी डाले गए, जितना बीच में से 251 केस पाजटिव डाले गए और इस साल अब तक गिराते का लारवा मिलने पर 503 चालान काटे गए हैं। उन्होंने कहा कि इस लिए नगर निगम की बड़ी ज़िम्मेदारी बनती है कि वह पानी खड़ा न होने दे और जहाँ पानी ले जाता है, वहां समय -समय दवा की सपरेय करवाए। इस मौके ज़िला मलेरिया अफ़सर डा. मदन मोहन ने बताया कि गिराते का मच्छर साफ़ -पानी में पलता है और जो पानी सात दिन तक खड़ा रहा, वहां मच्छर तैयार हो जाता है। इस लिए ज़रूरी है कि हम घरों, दुकानों, दफ्तरों और ओर स्थानों पर पड़े फ़ाल्तू समान, जिस में बारिश आदि का पानी ठहर सकता है, उसे साफ़ करते रहें। इस के इलावा हर हफ्ते कूलरें, गमलों या पौदे लगाने के लिए रखी बोतलों आदि का पानी बदलें। उन्होंने बताया कि डेंगू के मच्छर आम मच्छर की अपेक्षा बड़ा और शरीर पर धारीया होती हैं। यह सुबह या शाम के समय काटता है और समय भी तीखा मारता है। यह आम तौर पर पर्दों, फोटो फ़्रेमों, टेबल -कुर्सियों के नीचे या ओर ठंडियें स्थानों पर होता है।
डेंगू काटने उपरांत लक्षण – ज़िला मलेरिया अफ़सर डा. मदन ने बताया कि जब डेंगू का मच्छर काट जाता है तो तेज़ बुख़ार, आँखें दर्द होती हैं। इस हालत में केवल पैरासूटामोल दवा दी जा सकती है, ओर कोई दवा न खाओ। उन्होंने बताया कि गिराते मच्छर काटने पर यदि मरीज़ अधिक से अधिक तरल पदार्थ पीवै तो खतरे की बात नहीं रहती।
डा. मदन ने अपील की कि हमें सभी को चाहिए कि हम अपने घर या व्यापारिक संस्थायों पर टूटे बर्तन, गमले, कूलर, ख़राब टायर, गटर के ढक्कन में बने छोटे दौरे, पक्षियों के लिए रखा पानी आदि में पानी न खड़ा रहने दईए और कूलर आदि का पानी भी हर 7दिनों के में बदलें। इस के साथ गिराते, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि से बचाव हो सकता है। डा. मदन ने बताया कि इस बार जाड़ा में भी डेंगू केस सामने आए होने के कारण हमें अधिक सचेत होने की ज़रूरत है।
इस मौके अधिक ज़िलाधीश नगर निगम सन्दीप ऋषि, अधिक कमिशनर रणबीर मुद्धल, ज़िला मांस और मीडिया अफ़सर अमनदीप सिंह, सुखजिन्दर सिंह,सभी मैडकील अफ़सर के इलावा अलग अलग विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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