सिफारिश अनुसार युरिया खाद डाले, खेती खर्च कम करे मुख्य कृषि अफ़सर डा:जतिन्दर सिंह गिल

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर 11 दिसंबर:--डायरैक्टर खेतीबाड़ी डा: गुरविन्दर सिंह के निर्देशों के अंतर्गत ज़िला मुख्य कृषि अफसर डा: जतिन्दर सिंह गिल ने प्रैस को मुखातिब होते बताने से कि ज़िला अमृतसर अंदर हाड़ी गीलापन दौरान लगभग 188000 हेक्टेयर क्षेत्रफल गेहूँ की बिजवाई नीचे आऐगा।

उन्होंने किसानों से अपील करते कहा कि समय सिर बीजी गेहूँ को किसान भाई खेती माहिरों की तरफ से सिफारिश की जाती रसयनिक खाद से अधिक मात्रा में खाद पहनने से गुरेज़ करे क्योंकि ऐसा करने के साथ खेती खर्च किए बढ़ते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रति एकड़ के हिसाब के साथ 2बोरियाँ युरिया खाद गेहूँ की बिजवाई से 55 दिनों तक डाल देनी चाहिए और इस के बाद खाद की ओर अधिक मात्रा पहनने की ज़रूरत नहीं होती क्योंकि अधिक खाद पहनने साथ झाड़ तो नहीं बढ़ता, परंतु तेला और ओर कीड़ों और बीमारियों का हमला अधिक जाता है, जिस करके इन अलामता की रोकथाम करन के लिए कई बार फ़सल और रसयनिक स्प्रेयों करन की ज़रूरत पड़ती है जिस के साथ खेती खर्च किए ओर अधिक जाते हैं। पहले और दूसरे पानी के साथ समय सिर बीजी गेहूँ को 45 किलो हरेक बार और अर्ध दिसंबर के बाद बीजी गेहूँ को 35 किलो युरिया प्रति एकड़ हरेक बार डालनी चाहिए।

इसके इलावा किसान फ़सल पर खाद की कमी देखने के लिए पी ए यू -पत्ता रंग चार्ट विधि भी अपना सकते हैं। कई बार गेहूँ की फ़सल में कुछ छोटे तत्वों की कमी की निशनियें भी डालीं जा सकतीं हैं, जितना में मैंगनीज, ज़िंक और गंधक की कमी शामिल हो सकती है। यदि किसान भाई गेहूँ की फ़सल में पर किसी तत्व की कमी के लक्षण देखने तो तुरंत अपने ब्लाक के साथ सबंधित कृषि दफ़्तर के आधिकारी के साथ संबंध कायम करने और माहिरों की सलाह लेने उपरांत ही तत्वों की पूर्ति के लिए कोई छिड़काव करन। उन्होंने बताया कि ज़िले के अंदर अपेक्षित युरिया खाद का स्टाक मौजूद है और अगले दिनों तक ओर स्टाक की आमद भी होगी जिस करके खाद की कोई किल्लत नहीं आयेगी।

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