कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर, 20 दिसंबर ;- मौसम को देखते हुए भविष्य में पंजाब में आलू की फसल पिछेती झुलसा रोग से ग्रस्त होने की आशंका है। सहायक निदेशक बागवानी अमृतसर डाॅ. जसपाल सिंह ढिल्लों और राज्य नोडल अधिकारी (आलू) डॉ. आलू की फसल का निरीक्षण करने के बाद परमजीत सिंह ने किसानों को सलाह दी कि यह रोग आलू की कुफरी पुखराज और कुफरी चंद्रमुखी किस्म पर अधिक लगता है.जिन किसानों ने अभी तक आलू की फसल में फफूंदनाशकों का छिड़काव नहीं किया है तथा जिनकी फसल अभी तक पिछेती झुलसा रोग से ग्रस्त नहीं हुई है, वे आलू की फसल में 500 से 700 ग्राम एट्राकोल/आइडोफिल एम-45 कवच आदि 250-300 लीटर घोलकर डालें। प्रति एकड़ पानी दें और साप्ताहिक अंतराल पर छिड़काव करें। जिन खेतों में यह रोग लगा है, वहां किसानों को रिडोमिल गोल्ड/सेक्टिन 60 डब्लूजी/कारजेट एम-8, 700 ग्राम या रीव्स 250 एससी 250 मिली या इक्वेशन प्रो 200 मिली प्रति एकड़ 250-300 लीटर पानी में घोलकर 10 दिन के अंतराल पर छिड़काव करना चाहिए । किसानों को यह भी ध्यान रखना होगा कि वे एक ही फफूंदनाशक का बार-बार छिड़काव न करें, बल्कि दवा बदलकर छिड़काव करें।
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