कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर 8 मार्च 2025; माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के निर्देशानुसार, श्री अमरिदरिंदर सिंह ग्रेवाल, जिला एवं सत्र-सह-अध्यक्ष, जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरण, अमृतसर के मार्गदर्शन में तथा श्री अमरदीप संघ बैंस, सिविल जज-सह-सचिव, जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के प्रयासों से आज दिनांक 08.03.2025 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। यह राष्ट्रीय लोक अदालत अमृतसर की जिला अदालतों तथा अजनाला और बाबा बकाला साहिब तहसीलों में भी आयोजित की गई। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सिविल एवं फौजदारी न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें चेक बाउंस, बैंक रिकवरी, भूमि विवाद, घरेलू विवाद एवं अन्य लगभग सभी प्रकार के मामलों का निपटारा किया जाता है। इस राष्ट्रीय लोक अदालत की अधिकतम सफलता के लिए जिला न्यायालय अमृतसर और तहसील अजनाला और बाबा बकाला साहिब में 27 बेंचों का गठन किया गया, जिनमें से 23 बेंच अमृतसर की अदालतों में, 2 बेंच अजनाला में, 2 बेंच बाबा बकाला साहिब तहसीलों में स्थापित की गईं।
पुलिस विभाग ने पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए महिला परामर्श प्रकोष्ठों में लोक अदालत की भी स्थापना की। इसके अलावा, लोगों के कल्याण के लिए लोक अदालत के उद्देश्य को सफल बनाने के लिए विभिन्न विभागों ने लोक अदालत बेंचों की स्थापना की है, जिनमें हजारों मामलों का निपटारा किया गया है।इस राष्ट्रीय लोक अदालत की सभी पीठों द्वारा कुल 23907 मामले सुनवाई हेतु रखे गए, जिनमें से 18725 मामलों का आपसी राजीनामा से निपटारा किया गया। इस दौरान माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अमरिंदर सिंह ग्रेवाल ने लोगों को लोक अदालत की महत्ता से अवगत करवाते हुए बताया कि लोक अदालत में दोनों पक्षों के राजीनामा के आधार पर फैसला किया जाता है। लोक अदालतों के माध्यम से सस्ता और शीघ्र न्याय उपलब्ध कराया जाता है। लोक अदालतों के निर्णयों के विरुद्ध कोई अपील नहीं होती। दोनों पक्षों के बीच प्रेम बढ़ता है। जो व्यक्ति अपने सुलहनीय मामलों का निपटारा लोक अदालत के माध्यम से करवाना चाहते हैं, वे अपना आवेदन संबंधित न्यायालय में दायर कर सकते हैं, जहां उनका मामला लंबित है, अथवा नए मामलों का निपटारा लोक अदालत के माध्यम से करवाने के लिए संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या उप-मंडल विधिक सेवा समिति के कार्यालय में अपना आवेदन दायर कर सकते हैं।
सफलता की कहानियाँ “गुलाब सिंह बनाम रूपिंदर कौर” मामले में राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता श्रीमती मनदीप कौर, प्रिंसिपल जज, फैमिली कोर्ट, अमृतसर के प्रयासों के कारण थी। वर्तमान मामला एक दादा का है जो वर्ष 2020 में अपने पोते की कस्टडी मांग रहा है। गुलाब सिंह, जिनके बेटे ने पहले ही अपनी पत्नी को तलाक दे दिया है, पर अपनी पुत्रवधू के विरुद्ध अपराध का आरोप लगाया गया, जो इस मामले में प्रतिवादी थी। उक्त मामला आज राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनवाई के लिए रखा गया था। यह मामला काफी समय से न्यायाधीश साहबान श्रीमती मनदीप कौर की अदालत में लंबित था। आज राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट एवं श्री अमरदीप सिंह बैंस, चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी, अमृतसर ने बच्चे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों का राजीनामा स्वीकार कर लिया। उक्त राजीनामे के अनुसार पोता गुलाब सिंह की पुत्रवधू के पास रहेगा तथा प्रत्येक रविवार को पुत्रवधू रूपिंदर कौर पोते को उसके दादा-दादी से मिलवाएगी। रूपिंदर कौर बच्चे के नाम पर बैंक में पांच लाख रुपये की सावधि जमा करवाएंगी तथा बच्चा वयस्क होने के बाद ही उक्त सावधि जमा को भुना सकेगा। इसके साथ ही मां ने अपने नाबालिग बेटे के हिस्से पर दावा न करने का भी वादा किया। इस प्रकार, राष्ट्रीय लोक अदालत के माननीय न्यायाधीशों के प्रयासों से आज लंबे समय से चल रहा विवाद समाप्त हो गया।
जैसा कि हम सभी जानते हैं, लोक अदालतों का प्राथमिक लक्ष्य समझौते के माध्यम से विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान करना है, जिससे अंततः बहुमूल्य समय और धन की बचत होगी तथा विवादित पक्षों के बीच व्यक्तिगत दुश्मनी समाप्त होगी।
उपरोक्त उद्देश्य एवं मिशन के अनुरूप, वादीगण द्वारा वाणिज्यिक राशि की वसूली के लिए दो वाणिज्यिक मामलों में मुकदमे दायर किए गए। उक्त मामलों में कुल 16 लाख रुपए की राशि विवाद में थी। आज माननीय न्यायाधीश श्री. अमृतसर के सिविल
जो व्यक्ति अपने सुलहनीय मामलों का निपटारा लोक अदालत के माध्यम से करवाना चाहते हैं, वे अपना आवेदन संबंधित न्यायालय में दायर कर सकते हैं, जहां उनका मामला लंबित है, अथवा नए मामलों का निपटारा लोक अदालत के माध्यम से करवाने के लिए संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या उप-मंडल विधिक सेवा समिति के कार्यालय में अपना आवेदन दायर कर सकते हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं, लोक अदालतों का प्राथमिक लक्ष्य समझौते के माध्यम से विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान करना है, जिससे अंततः बहुमूल्य समय और धन की बचत होगी तथा विवादित पक्षों के बीच व्यक्तिगत दुश्मनी समाप्त होगी। उपरोक्त उद्देश्य एवं मिशन के अनुरूप, वादीगण द्वारा वाणिज्यिक राशि की वसूली के लिए दो वाणिज्यिक मामलों में मुकदमे दायर किए गए। उक्त मामलों में कुल 16 लाख रुपए की राशि विवाद में थी। आज माननीय न्यायाधीश श्री. अमृतसर के सिविल जज (जूनियर डिवीजन) गगनदीप सिंह ने राष्ट्रीय लोक अदालत की अध्यक्षता की और दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की पहल की तथा दोनों पक्षों को स्थायी समाधान पर पहुंचाने के लिए लंबे समय तक कई दौर की काउंसलिंग की, जो लगभग 2 घंटे तक चली। समझौता करने के लिए पक्षों की प्रारंभिक अनिच्छा के बावजूद, पक्षों ने अंततः 9 लाख रुपये की राशि के लिए अपने विवाद का निपटारा किया और दोनों मामलों को 2.5 लाख रुपये की राशि पर निपटाया गया।
लोगों के कल्याण के लिए लोक अदालत के उद्देश्य को सफल बनाने के लिए लोक अदालत पीठों की स्थापना की गई, जिनमें हजारों मामलों का निपटारा किया गया।इस राष्ट्रीय लोक अदालत की सभी पीठों द्वारा कुल 23907 मामले सुनवाई हेतु रखे गए, जिनमें से 18725 मामलों का आपसी राजीनामा से निपटारा किया गया।इस दौरान माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अमरिंदर सिंह ग्रेवाल ने लोगों को लोक अदालत की महत्ता से अवगत करवाते हुए बताया कि लोक अदालत में दोनों पक्षों के राजीनामा के आधार पर फैसला किया जाता है। लोक अदालतों के माध्यम से सस्ता और शीघ्र न्याय उपलब्ध कराया जाता है। लोक अदालतों के निर्णयों के विरुद्ध कोई अपील नहीं होती। दोनों पक्षों के बीच प्रेम बढ़ता है। जो व्यक्ति अपने सुलहनीय मामलों का निपटारा लोक अदालत के माध्यम से करवाना चाहते हैं, वे अपना आवेदन संबंधित न्यायालय में दायर कर सकते हैं, जहां उनका मामला लंबित है, अथवा नए मामलों का निपटारा लोक अदालत के माध्यम से करवाने के लिए संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या उप-मंडल विधिक सेवा समिति के कार्यालय में अपना आवेदन दायर कर सकते हैं।
सफलता की कहानियाँ
“गुलाब सिंह बनाम रूपिंदर कौर” मामले में राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता श्रीमती मनदीप कौर, प्रिंसिपल जज, फैमिली कोर्ट, अमृतसर के प्रयासों के कारण थी।
वर्तमान मामला एक दादा का है जो वर्ष 2020 में अपने पोते की कस्टडी मांग रहा है। गुलाब सिंह, जिनके बेटे ने पहले ही अपनी पत्नी को तलाक दे दिया है, पर अपनी पुत्रवधू के विरुद्ध अपराध का आरोप लगाया गया, जो इस मामले में प्रतिवादी थी। उक्त मामला आज राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनवाई के लिए रखा गया था। यह मामला काफी समय से न्यायाधीश साहबान श्रीमती मनदीप कौर के पास लंबित था।
श। लोक अदालत बेंच के पीठासीन अधिकारी, सिविल जज (जूनियर डिवीजन) अमरजीत सिंह ने “संदीप कौर बनाम पंकज कुमार” नामक दो किराया याचिकाओं/विवादों में समझौता कराया। इन मामलों में याचिकाकर्ता/मकान मालिक ने किराएदार के खिलाफ बकाया किराया की मांग करते हुए अदालती मामला दायर किया था। लोक अदालत के पीठासीन अधिकारी एवं सदस्यों के कुशल प्रयासों के बाद मकान मालिक एवं किरायेदार के बीच मामला सुलझा लिया गया। किरायेदार किराया देने के लिए सहमत हो गया और मकान मालिक ने बकाया किराया स्वीकार कर लिया, और उनके बीच सांप्रदायिक सहमति स्थापित हो गई।चेक बाउंस मामलों में सफलता:मैसर्स कोटक महिंद्रा बैंक बनाम संतोख सिंह का मामला, वर्ष 2023 से संबंधित है, जिसमें शिकायतकर्ता बैंक ने संतोख सिंह के खिलाफ लगभग एक करोड़ रुपये का चेक बाउंस होने का मामला दर्ज कराया था। याद। आज राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी नीलम के प्रयासों से पक्षकारों के मध्य बयानों के आधार पर मामला निपट गया।
इसके अलावा एक अन्य मामला अश्विनी कुमार बनाम एस.के. ट्रेडिंग कंपनी जो 2022 से लंबित थी। इस मामले में दोनों पक्ष 75 लाख रुपये के चेक को लेकर बहस कर रहे थे और रकम बड़ी होने के कारण दोनों पक्षों के बीच विवाद काफी बड़ा हो गया था और दोनों पक्षों के मामले के समाधान की कोई संभावना नहीं दिख रही थी।किरायेदार किराया देने के लिए सहमत हो गया और मकान मालिक ने बकाया किराया स्वीकार कर लिया, और उनके बीच सांप्रदायिक सहमति स्थापित हो गई।
चेक बाउंस मामलों में सफलता:
मैसर्स कोटक महिंद्रा बैंक बनाम संतोख सिंह का मामला, वर्ष 2023 से संबंधित है, जिसमें शिकायतकर्ता बैंक ने संतोख सिंह के खिलाफ लगभग एक करोड़ रुपये का चेक बाउंस होने का मामला दर्ज कराया था। याद। आज राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी नीलम के प्रयासों से पक्षकारों के मध्य बयानों के आधार पर मामला निपट गया।
इसके अलावा एक अन्य मामला अश्विनी कुमार बनाम एस.के. ट्रेडिंग कंपनी जो 2022 से लंबित थी। इस मामले में दोनों पक्ष 75 लाख रुपये के चेक को लेकर बहस कर रहे थे और रकम बड़ी होने के कारण दोनों पक्षों के बीच विवाद काफी बड़ा हो गया था और दोनों पक्षों के मामले के समाधान की कोई संभावना नहीं दिख रही थी। आज पक्षकारों एवं लोक अदालत के सदस्यों के बीच काफी देर तक चली समझाइश के बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया।
एक अन्य मामला प्रमाेद कुमार बनाम तरसेम सिंह है, जो 2018 से अदालत में लंबित था और दो लाख की राशि को लेकर पिछले सात वर्षों से विवाद चल रहा था। उक्त मामले को पहले भी कई बार राजीनामा के लिए रखा जा चुका है, लेकिन उक्त मामले में कोई समाधान नहीं हो रहा है।