किसान प्रतिबंधित पूसा 44 और संकर चावल की किस्मों की बुवाई न करें मुख्य कृषि अधिकारी

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर 9 जून 2025:पंजाब सरकार ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना की सिफारिशों पर लंबे समय तक पकने वाली चावल की किस्मों पूसा 44 और संकर किस्मों की बिक्री, भंडारण और रोपण पर प्रतिबंध लगा दिया है ताकि किसानों को चावल के विपणन के दौरान किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े और भूजल स्तर में गिरावट को रोका जा सके। मुख्य कृषि अधिकारी अमृतसर श्री बलजिंदर सिंह भुल्लर ने बताया कि चावल की लगातार खेती के कारण भूजल स्तर लगातार गिर रहा है और इस गिरावट को रोकने के लिए पंजाब सरकार ने पूसा 44 किस्मों जैसी पकने में लंबा समय लेने वाली किस्मों की बुवाई पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन किस्मों के अलावा चावल की संकर किस्मों की बुवाई पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है ताकि किसानों को विपणन के दौरान किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा सीजन शुरू होने से पहले चलाए गए अभियान के चलते अमृतसर जिले के बीज विक्रेताओं को मुख्यालय व सभी ब्लॉक कृषि अधिकारियों द्वारा पूसा 44 व हाईब्रिड किस्मों के बीज बेचने पर सख्त पाबंदी के संबंध में उच्च अधिकारियों से प्राप्त दिशा-निर्देशों के बारे में अवगत करवाया गया तथा चेकिंग की गई। उन्होंने किसानों से अपील की कि भविष्य में आने वाली संभावित समस्याओं को ध्यान में रखते हुए वे इन किस्मों की रोपाई न करें। पंजाब सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के

अनुसार इन किस्मों की खरीद नहीं की जाएगी। इसलिए किसानों से अपील है कि वे इस बार प्रतिबंधित किस्मों की रोपाई बिल्कुल न करें, ताकि मंडियों में धान की मार्केटिंग के दौरान कोई समस्या न आए। भुल्लर ने कहा कि इन प्रतिबंधित किस्मों से पराली अधिक पैदा होती है तथा किसान आमतौर पर पराली को खेतों में प्रबंधित करने की बजाय जला देते हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है तथा पराली प्रबंधन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हाईब्रिड किस्मों की मार्केटिंग में आने वाली समस्याओं के अलावा इन किस्मों के गिरने का खतरा अधिक होता है, काला सड़न व झूठी कंजियारी भी अधिक होती है। अगर किसी किसान ने गलती से इन प्रतिबंधित किस्मों की पौध बो दी है, तो उसे बिल्कुल न बोएं। मुख्य कृषि अधिकारी ने सभी ब्लॉक कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे गांवों में धार्मिक स्थलों से मुनादी करवाएं कि प्रतिबंधित किस्मों की पौध के माध्यम से बिजाई न की जाए। हाइब्रिड किस्मों की बिजाई की बजाय पीआर 126 की पौध बोई जा सकती है और 15 जुलाई से पहले रोपाई की जा सकती है। यह किस्म पानी की बचत में ज्यादा कारगर है और शैलर मालिकों ने भी कहा है कि पीआर 126, पूसा 1509, पीएयू द्वारा सिफारिश की गई किस्मों से कोई दिक्कत नहीं है और इस किस्म की खरीद सामान्य किस्मों की तरह ही होगी।

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