तीन साल से मानरेगा के तहत हुए भ्रष्टाचार पर चुप क्यूँ भगवंत मान
पिछले तीन वर्षों में मनरेगा मजदूरों को 100 दिन का रोजगार नहीं दे पाई आप सरकार

कल्याण केसरी न्यूज़, चंडीगढ़, 29 दिसंबर 2025: पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार केंद्र सरकार के “विकसित भारत – रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम 2025 (VB–G RAM G Act, 2025)” के खिलाफ सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है। यह गंभीर आरोप भारतीय जनता पार्टी, पंजाब के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने लगाए। उन्होंने कहा कि आप सरकार मनरेगा मजदूरों को गुमराह कर उनसे इस कानून के विरोध में जबरन और धोखे से हस्ताक्षर करवा रही है।
शर्मा ने इसके प्रमाण के तौर पर वह फॉर्म सार्वजनिक किया, जिसे पंजाब सरकार ग्राम सेवकों के माध्यम से मजदूरों से भरवा रही है, ताकि यह झूठा नैरेटिव गढ़ा जा सके कि पंजाब के मजदूर – वी.बी.-जी आर.ए.एम. जी ऐक्ट 2025 – के विरोध में हैं, जबकि सच्चाई इसके ठीक उलट है। शर्मा के साथ पंजाब भाजपा के मीडिया प्रमुख विनीत जोशी एवं प्रवक्ता एस एस चनी मौजूद थे ।
उन्होंने कहा कि शराब घोटाले में महीनों जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आए और दिल्ली की जनता द्वारा चुनावों में करारी शिकस्त झेल चुके अरविंद केजरीवाल, अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के माध्यम से केंद्र सरकार के खिलाफ विद्रोह का माहौल खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि देश के संघीय ढांचे के लिए भी गंभीर खतरा है।
अश्वनी शर्मा ने स्पष्ट किया कि नए कानून के तहत ग्रामीण मजदूरों को अब 100 दिन के बजाय 125 दिन का रोजगार मिलेगा और यदि समय पर काम उपलब्ध नहीं कराया गया, तो बेरोजगारी भत्ता देने का भी प्रावधान है। उन्होंने सवाल उठाया कि जो कानून मजदूरों के हित में है, उसका विरोध मुख्यमंत्री भगवंत मान आखिर क्यों कर रहे हैं?
उन्होंने कहा कि पंजाब की आप सरकार मौजूदा मनरेगा कानून के तहत भी पिछले तीन वर्षों में मजदूरों को 100 दिन का रोजगार देने में पूरी तरह विफल रही है, लेकिन इस गंभीर विफलता पर मुख्यमंत्री पूरी तरह मौन हैं।
शर्मा ने बताया कि मनरेगा कानून के अनुसार, मजदूर द्वारा काम की मांग करने के 15 दिनों के भीतर राज्य सरकार को काम देना अनिवार्य है। यदि काम उपलब्ध नहीं कराया जाता, तो बेरोजगारी भत्ता देना होता है—लेकिन पंजाब सरकार न तो समय पर काम देती है और न ही बेरोजगारी भत्ता। मनरेगा की धारा 25 के तहत ऐसी स्थिति में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि प्रदेश के 23 जिलों में आज तक कहां-कहां कार्रवाई की गई है?
उन्होंने आगे कहा कि अनुसूचित जाति के मजदूरों से जुड़े मामलों में एससी एक्ट के तहत कार्रवाई अनिवार्य है, लेकिन मुख्यमंत्री बताएं कि ऐसे कितने मामलों में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की गई।
अश्वनी शर्मा ने आरोप लगाया कि आप सरकार मनरेगा में हो रहे भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े को छिपाने के लिए अनिवार्य सोशल ऑडिट तक नहीं करवा रही है। वर्ष 2024-25 में 6,095 ग्राम पंचायतों और 2025-26 में 7,389 ग्राम पंचायतों का सोशल ऑडिट नहीं कराया गया।
उन्होंने बताया कि स्पेशल ऑडिट यूनिट द्वारा पकड़े गए भ्रष्टाचार के मामलों में से 3,986 मामलों पर अब तक पंजाब सरकार ने कोई एक्शन टेकन रिपोर्ट जारी नहीं की, जिससे साफ है कि भ्रष्टाचारियों को बचाया जा रहा है।
इसके अलावा, लोकपाल/ओम्बड्सपर्सन द्वारा जांच के बाद दिए गए 2 करोड़ 35 लाख रुपये की रिकवरी के आदेशों को भी अब तक लागू नहीं किया गया, जो आप सरकार की नीयत और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
पंजाब काँग्रेस के नेताओं पर तंज कसते हुए अश्वनी ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी मानते हैं की मनरेगा / नरेगा में भ्रष्टाचार है हम उसे ही तो ठीक कर रहे है, फिर कॉंग्रेससी शोर क्यूँ डाल रहे हैं । शर्मा ने विडिओ दिखाया जिसमे सोनिया गांधी मानती हैं कि इस ऐक्ट के 7 सालों बाद भी भ्रष्टाचार है और इसे रोकने में केंद्र और राज्य सरकारें विफल हुई हैं । सोनिया ने यह भी कहा कि न तो 15 दिनों में काम नहीं मिलता और ना ही समय पर दिहाड़ी के पैसे मिलते हैं । 2252 करोड़ के काम ऐसे हो गए जिसकी इजाजत नहीं थी ।
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