निरंकारी माता सविंदर हरदेव जी के अंतिम दर्शनों को लाखों श्रद्धालु भक्त निरंतर आ रहे हैं

दिल्ली :लाखों निरंकारी श्रद्धालु भक्त पूज्य माता सविंदर हरदेव जी के अंतिम दर्शनों के लिये आ रहे हैं। उन्होंने कल सायं लगभग 5.15 बजे अंतिम स्वास लिये।अभी तक 1.5 से 2 लाख श्रद्धालु भक्त आज शाम तक निरंकारी माता जी के अंतिम दर्शन करके अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर चुके हैं। उनका पार्थिव शरीर बुराड़ी रोड, ग्राउंड नं. 8 में कल रात से ही दर्शनों के लिये रखा गया था।

इसके साथ ही केन्द्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड और संत निरंकारी मण्डल की कार्यकारिणी समितिएवं गुरु परिवार के सदस्य भी उपस्थित रहे। निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने भी श्रद्धालु भक्तों को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान किया।

अन्य धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों में एक प्रतिनिधि मण्डल संत कृपाल आश्रम से भी आया और अपना सम्मान अभिव्यक्त किया।

माता सविंदर हरदेव जी महाराज 13 मई, 2016 को बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के कनाडा में एक कार दुर्घटना में अचानक ब्रह्यलीन होने पर संत निरंकारी मिशन के सद्गुरु के रूप में प्रगट हुये। निराकार सद्गुरु की शक्तियां तो उनके घट में उसी क्षण आ गई परंतु आप ने साध संगत के समक्ष 17 मई को दिल्ली के समागम ग्राउंड नं.8 में साकार रूप में दर्शन दिये।

अभी 16 जुलाई, 2018 को सद्गुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज ने घोषित किया कि आज से सद्गुरु रूप में मिशन की बागडोर सुदीक्षा जी संभालेंगे। 17 जुलाई को एक विशाल सत्संग कार्यक्रम में उन्होंने औपचारिक रूप से सुदीक्षा जी को तिलक लगाया और सद्गुरु के पावन आसन पर बिठाया। उसके पश्चात् उन्होंने निरंकारी सद्गुरु की आध्यात्मिक शक्तियों का प्रतीक सफेद दुपट्टा भी पहनाया।

सद्गुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज स्वास्थय तो काफी समय से ठीक नहीं था परंतु उन्होंने दो वर्ष तक मिशन को आगे बढ़ाने में इसे किसी प्रकार की रूकावट नहीं बनने दिया। 16 जुलाई से उनका स्वास्थय गंभीर रूप धारण कर गया था परंतु उनका उपचार उनके निवास स्थान सत्संग भवन, संत निरंकारी कालोनी में ही चलता रहा।

दिल्ली में गत दो वार्षिक समागमों के अतिरिक्त, महाराष्ट्र के दो समागम मुम्बई में और उत्तर-पूर्वी राज्यों के दो समागम कोलकत्ता और सिलीगुड़ी में सद्गुरु माता जी की पावन अध्यक्षता में आयोजित किये तथा साध संगत को भरपूर आशीर्वाद प्रदान किये। एक उत्तर प्रदेश का राज्य-स्तरीय समागम भी वाराणसी में उनकी अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। दिल्ली के दोनों भक्ति पर्व समागम, संत निरंकारी आध्यात्मिक परिसर, समालखा में आयोजित किये गये। इस वर्ष के समागम पर तो उन्होंने इस परिसर के विकास कार्य का भी उद्घाटन किया।

इनके अलावा सद्गुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज ने समय-समय पर लम्बी कल्याण यात्राओं द्वारा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडू, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उडीसा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में साध संगत को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान किया। हर स्थान पर भक्तों के समूह को देखकर ऐसा लगता था कि समागम ही होते जा रहे हैं। इसके अलावा, सद्गुरु माता जी ने अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, दुबई तथा नेपाल में भी अनेक स्थानों पर भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया।

इन आध्यात्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ सद्गुरु माता जी ने मानव सेवा के कार्यों की ओर भी पूरा ध्यान दिया। फरवरी 2017 में गुरु पूजा के अवसर पर संत निरंकारी चेरीटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में देश के 263 बड़े रेलवे स्टेशनों की सफाई की गई। इसी प्रकार 2018 में इसी दिन देश के 275 बड़े शहरों में 635 सरकारी अस्पतालों की सफाई की गई।

विश्व पर्यावरण दिवस, 5 जून, 2017 को फाउंडेशन के तत्वावधान में 8 ऐसे पर्वतीय स्थलों पर पौधे लगाये गये और सफाई की गई जहां ग्रीष्म ¬ऋतृू में पर्यटक भारी संख्या में आते हैं। इसी दिन इस वर्ष 2018 में देश के 7 राज्यों में 14 पर्वतीय स्थलों पर यह अभियान चलाया गया। इनके अलावा टाइम्स आॅफ इंडिया तथा एन.डी.टी.वी. के पौधारोपण तथा सफाई अभियानों में मिशन के भक्तों ने उल्लेखनीय योगदान दिये।

माता सविंदर हरदेव जी महाराज की प्रेरणा से 2017-18 में 514 रक्तदान शिविर आयोजित किये गये जो कि अपने आप में एक रिकार्ड था। इनमें 83,341 यूनिट रक्तदान किया गया। इसी प्रकार मानव एकता दिवस, 24 अप्रैल, 2018 को, एक ही दिन में 84 रक्तदान शिविर आयोजित किये गये जहां 19,307 यूनिट रक्तदान किया गया।

सद्गुरु माता जी के आध्यात्मिक तथा मानव कल्याण के लिये किये गये योगदान की सराहना करते हुए अमेरिका स्थित एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था ’वी केयर फार हयूमेनिटी’ ;ॅम ब्ंतम वित भ्नउंदपजलद्धद्वारा उन्हें 2018 के लिये सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक विभूति का सम्मान प्रदान किया गया। यह अवार्ड उनकी ओर से संत निरंकारी मंडल के सचिव, परम पूज्य श्री सी.एल. गुलाटी जी ने, 28-29 जुलाई, 2018 को, कोलकाता में ओयाजित एक विशेष समारोह में प्राप्त किया।

माता सविंदर हरदेव जी महाराज का जन्म 12 जनवरी, 1957 को श्री मनमोहन सिंह जी तथा माता अमृत कौर जी के परिवार में हुआ जो उस समय रोहतक रोड, दिल्ली के निवासी थे। बाद में यह परिवार यमुना नगर, हरियाणा में रहने लगा। कुछ ही समय पश्चात् शहनशाह बाबा अवतार सिंह जी के आशीर्वाद से सविंदर जी को फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश के निवासी श्री गुरुमुख सिंह जी तथा माता मदन जी ने गोद ले लिया। अतः सविंदर जी की प्रारंभिक शिक्षा फर्रुखाबाद में ही हुई और वर्ष 1966 में उन्हें कान्वेंट आॅफ जीसस एंड मेरी स्कूल मसूरी में भेजा गया जहां से उन्होंने उच्च माध्यमिक की परीक्षा 1973 में पास की। इसके पश्चात् उन्हें दिल्ली के दौलत राम कालेज में दाखिल किया गया परंतु 14 नवंबर, 1975 को 28वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के अवसर पर उनका विवाह एक सादा समारोह में बाबा हरदेव सिंह जी के साथ कर दिया गया। इस प्रकार सविंदर जी बाबा गुरबचन सिंह जी तथा निरंकारी राजमाता कुलवंत कौर जी की पुत्रवधु बनकर गुरु परिवार का अंग बन गई।

जब बाबा हरदेव सिंह जी महाराज अप्रैल 1980 ने संत निरंकारी मिशन के आध्यात्मिक सद्गुरु के रूप में बागडोर संभाली तो साध संगत ने सविंदर जी को ’पूज्य माता सविंदर जी’ के नाम से सम्बोधित करना आरंभ कर दिया। पूज्य माता जी 36 वर्षों तथा बाबा जी के साथ कंधे से कंधा मिला कर इस मिशन के प्रचार-प्रसार में योगदान देते रहे। वे बाबा जी तथा राजमाता जी के साथ सद्गुरु के मंच पर सुशोभित होते और साध संगत को भरपूर आशीर्वाद प्रदान करते। बाबा जी की शायद ही कोई देश तथा दूर देशों की कल्याण यात्रा होगी जिसमें माता जी साथ न हों। पूज्य माता सविंदर जी ने बाबा हरदेव सिंह जी महाराज को पहले सद्गुरु माना और अपने पारिवारिक संबंधों को पीछे रखा। उनकी तीन सुपुत्रियां हैं – समता जी, रेणुका जी व सुदीक्षा जी। पूज्य माता जी उन्हें भरपूर प्यार देते रहे परंतु उसे मिशन के प्रचार-प्रसार के कार्यों में कभी भी बाधा नहीं बनने दिया।

 

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