केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि संबधित 3 अध्यादेशों पर किसान संघ के विरोध की खबरें निराधार : लीलाधर

कल्याण केसरी न्यूज़ जालंधर, 26 जुलाई : भारतीय किसान संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री लीलाधर ने कहा कि विगत महीने में केंद्र सरकार ने कृषि संबधित तीन अध्यादेश निकाले है उनका किसान संघ बिलकुल भी विरोध नहीं कर रहा है | उन्होंने कहा की उनके नाम से विरोध सम्बन्धी आ रही खबरें बिलकुल निराधार और भरम फ़ैलाने वाली हैं| केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा लगातार भरोसा दिलाया जा रहा है की एम्एसपी और मंडी विवस्था हर हाल में जारी रहेगी इसलिए इस पर विरोध का कोई कारन नहीं है | भारतीय किसान संघ की बहुत समय से मांग रही है कि किसान को लागत के आधार पर लाभ कारी मूल्य मिलना चाहिए। इस विषय में केंद्र सरकार द्वारा लागत मूलय का डेढ़ गुना मूलय देने की नीति से किसानो को निश्चित लाभ मिलेगा | उन्होंने कहा कि इन अध्यादेशों के माध्यम से सरकार ने मंडी और सरकार के खरीद के अलावा निजी व्यापारीयों को किसान से सीधे खरीदने की अनुमति दी है जिस से किसान को थोड़ी राहत मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा की बिना किसी टैक्स के किसान अब अपना माल देश में कहीं भी बेच सकेगा, इससे भी किसान की आमदनी बढ़ने की संभावना है | आवश्यक वस्तु अधिनियम का किसानों के खिलाफ दुरुपयोग पहले से होता आ रहा था। अब इस मे जो सुधार हुआ है वह तो समय की मांग थी। भारतीय किसान संघ इसका स्वागत करता है, किन्तु इसका भी दुरुपयोग व्यापारी, बड़ी कंपनी न कर सके इसके लिये एक औसत मूल्य निर्धारित कर के अगर उसके ऊपर बाजार में दाम ऊपर जा रहे तो यह कानून अपने आप लागू हो ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए
लीलाधर ने पंजाब के मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधते हुए कहाकि किसानो के नाम पर मगरमच्छी आंसू बहाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2017 में स्वयं पंजाब के मंडी एक्ट में संशोधन करके इन सब विषयों को लागू किया है, इसलिए अब उन्हें विरोध का नाटक नहीं करना चाहिए | पंजाब का किसान उनके दोहरे चेहरे को पहचान गया है | उन्होंने कहा की आम आदमी पार्टी भी किसानो को गुमराह करने की कोशिश कर रही है अगर सचमुच केंद्र के कानून किसानो के खिलाफ हैं तो जब इन्ही प्रावधानों को पंजाब की कांग्रेस सरकार ने 2017 में लागू किया तो आम आदमी पार्टी ने विरोध क्यों नहीं किया | उन्होंने कहा की किसानो के हिट में यह चाहते हैं की इन कानूनों में यह प्रावधान शामिल हों की I

1) सभी प्रकार की खरीद कम से कम समर्थन मूल्य पर होने का प्रावधान हो ।

2) निजी व्यापारियों का राज्य एवम केंद्र स्तर पर पंजीयन आवश्यक हो तथा उनकी बैंक सेक्युरिटी हो। जो एक एप्प के द्वारा सबको उपलब्ध हो ।

3) इस संदर्भित जो भी विवाद हो उनका समाधान करने हेतु स्वतंत्र कृषि न्यायालय की व्यवस्था हो और सब विवादों का निपटारा किसान के जिले में ही हो। इन मुद्दों को लेकर सरकार से किसान संघ की बात चल रही है। संसद में जब कानून के लिए जब बिल प्रस्तुत होगा उस मे इन मुद्दों को जोड़ने का आग्रह किसान संघ का रहेगा ।

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