सिखों की अदभुत शहादत से अंजान लोगों को जानकारी देगी विश्व युद्ध सुल्तानविंड वेबसाइट : दविंदर छीना

कल्याण केसरी न्यूज़ अमृतसर ,10 अक्टूबर : ( राहुल सोनी ) कौम, देश व बिना भेदभाव के असहाय लोगों की खातिर अपना आप कुर्बान करने की गुढ़ती सिख कौम को गुरु साहिब द्वारा दिखाए गए मार्ग से नसीब हुई। यदि सिख कौम के इतिहास को देखा जाए तो विश्व भर में सिख कौम जैसी दिलेरी, विनम्रता व कुर्बानियों का कोई सानी नहीं है। विश्व के हरेक वर्ग में कई लोग सिख गाथा संबंधी भलीभांति अवगत भी है, जिन्होंने सिख कौम को बनते सम्मान से नवाजा है। पर समय के हालात को भांपते जो लोग सिख कौम के इतिहास से अंजान है उनकी जानकारी में वृद्धि करने के लिए आज यहां करवाए संक्षेप पर प्रभावशाली समारोह के दौरान विश्व युद्ध सुल्तानविंड डॉट ओआरजी वेबसाइट की शुरूआत की गई है। इस दौरान जारी अपने संदेश में खालसा कालेज गवर्निंग कौंसिल के आनरेरी सचिव राजिंदर मोहन सिंह छीना उक्त वेबसाइट लांच करने की बधाई देते हुए इसको भारत के लिए सिखों के योगदान के बारे उजागर करने के अलावा जो लोग सिख कौम के इतिहास से अंजान है उनके ज्ञान में अहम वृद्धि करने के लिए लाभदायक साबित होगी के बारे कहा। पंजाब कल्चर प्रमोशन काउंसिल के प्रधान दविंदर सिंह छीना ने कहा कि सिखों की अद्भुत शहादत से अंजान लाेगों को यह वेबसाइट जानकारी देगी। उन्होनंे कहा कि सिख कौम की कई महान कुर्बानियों के अनछुए पहलुओं से लोग वाकिफ नहीं है, जिस संबंधी विश्व युद्ध पहला व दूसरा शहीद वेलफेयर सोसायटी की ओर से उक्त कार्य करते हुए यह वेबसाइट लांच की गई है। उन्होंने कहा कि खालसा कालेज की अलुमनी दुनिया के कोने कोने पर प्रशंसनीय पदों तथा बिजनेस मैन के रूप में कार्यशील है तथा अपनी शिक्षण संस्था खलसा की आन व शान के लिए हमेशा तत्पर है जिनमें कालेज के अलुमनी व नामवर खोजकर्ता भुपिंदर सिंह हालैंड जोकि एक सिख इन वल्र्ड वार वन व टू शीर्षक पुस्तकों को लोकार्पण कर चुके है द्वारा ही इस वेबसाइट को लांच किया गया है। इस वेबसाइट में 17 वीडियो के अलावा बहुत और जानकारी प्रदान की गयी है।
इस अवसर पर हालैंड से आन लाइन संदेश के माध्यम से सिख इतिहासकार, लेखक व रिटायर्ड अकाउंटिंग एनालिस्ट भुपिंदर सिंह हालैंड न कहा कि सिखों का देश व कौम के लिए बहुत बहुमूल्य योगदान रहा है। वह चाहे युद्ध हो धरती में अन्न की पैदावार, स्पोर्ट्स, देश की उन्नति व तरक्की की बात हो, सिखों ने अपने हौसले व जज्बा का सबूत देते हुए हर मैदान फतेह किया है। जिस कारण सिख एक बहादुर व मेहनतकश कौम है का मान हासिल है। उन्होंने वेबसाइट लांच होने पर सोसायटी व अन्य प्रबंधकों को बधाई देते हुए कहा कि कौंसिल आनरेरी सचिव राजिंदर मोहन सिंह छीना, पीसीपीसी के प्रधान डीएस छीना, सोसायटी प्रबंधक हालैंड व खालसा कालेज अलुमनी की सोच आधारित वेबसाइट विश्व युद्ध में सिखों की भूमिका को उजागर करेगी। उन्होंने कहा कि सिख इतिहास व अन्य संबंधी अंजान लोगों की जानकारी में वृद्धि करने के लिए उक्त सत्कारयोग्य त्रिमूर्ति न इस वेबसाइट को लांच करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया। सोसायटी के प्रधान गुरिंदर सिंह सुल्तानविंड की ओर से आज उक्त वेबसाइट को लाेकार्पण कर दिया गया है। उन्हाेंने कहा कि उक्त वेबसाइट पर पहला विश्व युद्ध फ्रांस व बेल्जियम के दौरान 4 महीने चलते जिसमें 34252 सिपाही जिनमें अधिकतर सिख थे शहीदी हासिल की तथा इसमें 37 मिलियन जाने गई। दूसरे विश्व युद्ध जोकि 1939 से 1945 तक का जिक्र है। जिसमें ब्रिटिश इंडियन आर्मी कीगिनती 25 लाख पहुंची तथा कुल 89218 सिपाही शहीद थे के बारे जानकारी के अलावा सिख कौम की अन्य महान अद्भुत शहादत को वेबसाइट द्वारा पेश किया जाएगा। इस मौके पर सरबजीत सिंह गुमटाला, हरजाप सिंह सुल्तानविंड, धर्मेंद्र रटोल के अलावा अन्य शख्सियतें मौजूद थी।

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