कल्याण केसरी न्यूज़ जालंधर, 7 दिसम्बर : शहीद फ़ौजी सिपाहियों को भारतीय मिट्टी के सम्मान की रक्षा करने के दृढ़ इरादे और बहादुरी के लिए हथियारबंद सेना झंडा दिवस पर याद करते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण दिन हमें सशस्त्र बलों के साथ अपनी इकजुट्टता दोहराते और पूर्व सैनिकों की सेवाओं को याद करने का अवसर देता है।पंजाब स्टेट वर मैमोरियल में हथियारबंद सेना झंडा दिवस यादगारी समारोह में शहीदों और फौजियों को श्रद्धा के फूल भेंट करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि भारतीय फौजियों की हिम्मत उस ऊंचाई से भी ऊंची है, जहां वे तैनात हैं।
उन्होंने कहा कि हर फ़ौजी जवान अपने देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने की वचनबद्धता रखता है, और वर्दी पहनकर देश की सेवा करना हर व्यक्ति के लिए बहुत सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि फ़ौजी हमारे देश की सीमाओं की चौकीदारी के लिए कठिन हालातों में भी अपना फ़र्ज़ निभाते हैं।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि यह जानकर कि बहादुर फ़ौजी जवान हमारे देश की सीमाओं की चौकीदारी कर रहे हैं, तभी हम चैन की नींद सोते हैं।झंडा दिवस फंड प्रति लोगों को स्वैच्छा से खुले दिल के साथ योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि यह हमारे बहादुर फौजियों की तरफ से निभाई जाने वाली सेवाओं के प्रति नम्र योगदान और सत्कार का चिह्न है, जो हमारे देश की सीमाओं की 24 घंटे चौकीदारी करते हैं।
उन्होनें कहा कि कोई भी बुज़ुर्ग या सेवामुक्त सिपाही और उनके पारिवारिक सदस्य किसी भी तरह की मुश्किल आने पर उनके साथ संपर्क कर सकते हैं।घनश्याम थोरी ने सशस्त्र बलों के फ़ौजी जवानों की भलाई के लिए एक लाख रुपए की वित्तीय सहायता देने का भी ऐलान किया।मेजर जनरल आरके सिंह, ग्रुप कमांडिंग अधिकारी (मुख्यालय 91) सब एरिया ने भी भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा निभा रहे और सेवानिवृत्त अधिकारियों को सम्मान दिया।उन्होंने कहा कि भारतीय सेना इन सैनिकों के हितों की रक्षा करने के लिए कर्तव्य-बद्ध है जिन्होंने अपने जीवन के कई साल राष्ट्र को दिए हैं।साथ ही उन्होंने वैटरन सैनिकों को सम्मानित किया और जरूरतमंद पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को बीच 5.50 लाख रुपये की सहायता वितरित की और प्रमुख योगदान दोने वालों को भी समारोह में सम्मानित किया गया।इससे पहले, सभी का स्वागत करते हुए, उपाध्यक्ष जिला सैनिक बोर्ड ब्रिगेडियर एसपी सिंह, जिला रक्षा सेवाएं भलाई अधिकारी (कर्नल) (सेवानिवृत्त) दलविंदर सिंह ने कहा कि अपने वीरतापूर्ण कार्यों के लिए बहादुर सैनिकों का सम्मान करना एक सम्मानजनक अवसर है।